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पूर्णिया: विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में एक साथ 2 बच्चों का हुआ एडॉप्शन, दंपत्तियों के खिले चेहरे

पूर्णिया के भट्टा बाजार स्थित समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में संस्था के दो बच्चों का एडॉप्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें गुड़गांव और गोपालगंज से आए दो दंपत्तियों ने बच्चे को गोद लिया.

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Published : Sep 18, 2020, 1:48 PM IST

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पूर्णिया: वर्षों से खाली पड़ी दो मां की गोद गुरुवार को बच्चे गोद देने वाली संस्था कारा की कृपा से भर गई. भट्टा बाजार स्थित समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में संस्था के दो बच्चों का एडॉप्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लिहाजा इनमें से एक नन्हीं सुवर्णा जहां गुड़गांव की गलियों में पली-बढ़ेगी. तो वहीं मासूम विकास को एक मां के तौर पर गोपालगंज से आई नैना देवी का साथ मिला है. वहीं संतान का सुख पूरा होने के बाद दोनों ही दंपत्ति के चेहरे खुशी से खिल उठे है.

गुड़गांव में पलेगी पूर्णिया की सुवर्णा
इस बाबत गुड़गांव के पालम विहार से मीलों का सफर तय कर पूर्णिया पहुंचे दंपत्ति विनायक कृषणा व जिनिया बताती हैं कि शादी के बंधन में बंधते हुए ही उन्होंने यह निर्णय कर लिया था कि खुद की संतान के बजाए वे गोद लेकर किसी बच्चे का लालन-पालन करेगी और उसकी तकदीर बनाएगी. 2017 में कारा की वेबसाइट से बच्चे की चाहत में ऑनलाइन आवेदन किया. जिसके बाद उन्हें यह खास अवसर प्राप्त हो सका है. वहीं अब जब उनके साथ गुड़गांव जा रही है. लिहाजा उनके घर पर उनके स्वागत का इंतेजार हो रहा है.

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बच्चे को गोद लेती महिला

पूर्णिया के विकाश को मिला गोपालगंज का साथ
वहीं संतान की चाहत में गोपालगंज के हरिपुर ग्राम से पूर्णिया पहुंची नैना देवी व उनके पारिवारिक सदस्य युगल किशोर कहते हैं कि 2018 में उनके पति की आकस्मिक मौत हो गई. जिसके बाद से वे एकदम अकेली पड़ गई थी. घर वालों की सलाह के बाद कारा से संतान के लिए आवेदन किया था. जिसके बाद आज उनका यह सपना पूरा हुआ है. ऐसा लग रहा है मानो सालों पहले भगवान ने उनसे छीनी खुशियां एक बार फिर लौटानी शुरू कर दी है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जानें क्या है दत्तक ग्रहण संस्थान
इस बाबत सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई अमरेश कुमार ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाली विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान 0-9 साल के लावारिस बच्चों का लालन-पालन करती है. साथ ही यहां बच्चों की देखभाल से लेकर स्वास्थ्य, मनोरंजन और पढ़ाई से जुड़ी सुविधाएं प्रदान करती हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को संस्थान के दोनों बच्चे जिनमें 4 माह की नन्हीं सुवर्णा व 5 वर्षीय विकास के एडॉप्शन की प्रक्रिया पूरी की गई है.

पूर्णिया: वर्षों से खाली पड़ी दो मां की गोद गुरुवार को बच्चे गोद देने वाली संस्था कारा की कृपा से भर गई. भट्टा बाजार स्थित समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में संस्था के दो बच्चों का एडॉप्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लिहाजा इनमें से एक नन्हीं सुवर्णा जहां गुड़गांव की गलियों में पली-बढ़ेगी. तो वहीं मासूम विकास को एक मां के तौर पर गोपालगंज से आई नैना देवी का साथ मिला है. वहीं संतान का सुख पूरा होने के बाद दोनों ही दंपत्ति के चेहरे खुशी से खिल उठे है.

गुड़गांव में पलेगी पूर्णिया की सुवर्णा
इस बाबत गुड़गांव के पालम विहार से मीलों का सफर तय कर पूर्णिया पहुंचे दंपत्ति विनायक कृषणा व जिनिया बताती हैं कि शादी के बंधन में बंधते हुए ही उन्होंने यह निर्णय कर लिया था कि खुद की संतान के बजाए वे गोद लेकर किसी बच्चे का लालन-पालन करेगी और उसकी तकदीर बनाएगी. 2017 में कारा की वेबसाइट से बच्चे की चाहत में ऑनलाइन आवेदन किया. जिसके बाद उन्हें यह खास अवसर प्राप्त हो सका है. वहीं अब जब उनके साथ गुड़गांव जा रही है. लिहाजा उनके घर पर उनके स्वागत का इंतेजार हो रहा है.

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बच्चे को गोद लेती महिला

पूर्णिया के विकाश को मिला गोपालगंज का साथ
वहीं संतान की चाहत में गोपालगंज के हरिपुर ग्राम से पूर्णिया पहुंची नैना देवी व उनके पारिवारिक सदस्य युगल किशोर कहते हैं कि 2018 में उनके पति की आकस्मिक मौत हो गई. जिसके बाद से वे एकदम अकेली पड़ गई थी. घर वालों की सलाह के बाद कारा से संतान के लिए आवेदन किया था. जिसके बाद आज उनका यह सपना पूरा हुआ है. ऐसा लग रहा है मानो सालों पहले भगवान ने उनसे छीनी खुशियां एक बार फिर लौटानी शुरू कर दी है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जानें क्या है दत्तक ग्रहण संस्थान
इस बाबत सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई अमरेश कुमार ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आने वाली विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान 0-9 साल के लावारिस बच्चों का लालन-पालन करती है. साथ ही यहां बच्चों की देखभाल से लेकर स्वास्थ्य, मनोरंजन और पढ़ाई से जुड़ी सुविधाएं प्रदान करती हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को संस्थान के दोनों बच्चे जिनमें 4 माह की नन्हीं सुवर्णा व 5 वर्षीय विकास के एडॉप्शन की प्रक्रिया पूरी की गई है.

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