पटना: राजधानी पटना के दानापुर दियारा में शुक्रवार की रात आई आंधी तूफान की वजह से बिजली का तार टूटकर घर की छत पर गिर गया था. रात में जब बिजली आई तो छत पर गये युवक कमलेश कुमार की करंट लगाने मौत हो गई. इसके बाद परिजन मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए दानापुर अनुमंडल अस्पताल ले आए. मगर दानापुर अस्पताल के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करने से मना (Refusal to do postmortem in border dispute) कर दिया. छपरा ले जाने की बात कही. इसी बात पर लोग भड़क गए.
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"छपरा जिला में पानापुर को शिफ्ट कर देने की वजह से अब पोस्टमार्टम कराने के लिए 60 किलोमीटर दूर छपरा जाना होगा. सांसद रामकृपाल यादव की पहल पर दानापुर अनुमंडलाधिकारी प्रदीप कुमार सिंह के आदेश से पोस्टमार्टम कराया जा सका"- सुभाष यादव, मुखिया, पानापुर पंचायत
क्या है विवादः अस्पताल में तैनात गार्ड के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए लोगों जमकर हंगामा किया. शव के साथ आये लोगों ने सरकार पर अपनी भड़ास निकाल रहे थे. दरअसल 2017 में नए परिसीमन के बाद दानापुर दियारा के अकीलपुर थाना क्षेत्र की तीन पंचायत सारण जिला के छपरा में चली गयी है. दानापुर दियारा के अकीलपुर थाना क्षेत्र की पानापुर पंचायत में बिजली के करंट लगने से मौत हुई थी. इसी सीमा विवाद के कारण छपरा में पोस्टमार्टम कराने की सलाह दे रहे थे.
सांसद ने किया बीच बचावः पोस्टमार्टम कराने के लिए शव घंटों तक दानापुर अनुमंडल अस्पताल में पड़ा रहा. विवाद इतना गहरा गया कि दानापुर अनुमंडलाधिकारी को बीच में आना पड़ा. पानापुर के मुखिया सुभाष यादव ने बताया कि बचपन से लेकर आज इलाज कराने दानापुर अस्पताल आते रहे हैं. छपरा जिला में पानापुर को शिफ्ट कर देने की वजह से अब पोस्टमार्टम कराने के लिए 60 किलोमीटर दूर छपरा जाना होगा. सांसद रामकृपाल यादव की पहल पर दानापुर अनुमंडलाधिकारी प्रदीप सिंह के आदेश से पोस्टमार्टम करायी गयी. तब जाकर गुस्साए लोगों गुस्सा शांत हुआ.