पटना(मसौढ़ी): राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में शब-ए-बारात (Shab E Barat in bihar) पर रात भर अकीकतमंदों ने अपने गुनाहों से तौबा करने के लिए अल्लाह ताला से दुआ मांगी. अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दुआ करते हैं. अपने और पूरे परिवार के गुनाहों के लिए माफी मांगने के लिए लोग इबादत करते हैं. शब-ए-बारात के दिन मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों में खुदा की इबादत करते हैं. कब्रिस्तान में मजारों पर जाकर अपने पूर्वजों के लिए मगफिरत की दुआ भी मांगते हैं. कहते हैं कि शब-ए-बारात यह की रात मालिक की रहमत बरसती है. इस रात में जो भी मालिक की इबादत करता है या गुनाहों की माफी मांगता है. तो उसे गुनाहों से माफी मिल जाती है.
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मसौढ़ी में मुस्लिम समाज के लोगों ने मांगी दुआ: बता दें कि मुस्लिम समुदाय के लिए शब-ए-बारात बहुत ही प्रमुख त्योहार है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार शब-ए-बारात में लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और उनसे अपनी गुनाहों को माफ करने की दुआ मांगते हैं. मसौढ़ी के तारेगना डीह स्थित मखदूम सुलेमानी के मजार पर और संघत पर पीर लाहोरी स्थान के अलावा धनरूआ के बरनी और साईं एवं विभिन्न मजारों पर लोग कुरान पढ़ कर इबादत की. हर कोई अपने मालिक से रहमत की दुआ मांग रहे थे.
शब-ए-बारात पर गुनाहों के लिए मांगी जाती है माफी: वहीं, अकीततमंदों ने कब्रिस्तान में जाकर मजारों पर अपनी गुनाहों से तौबा करते हुए अल्लाह से दुआ करते हैं. इस दिन लोग अपनी कमाई का एक हिस्सा भी गरीबों को देते हैं. शब-ए-बारात को लेकर मसौढ़ी में मजारों को सजाया गया. मसौढ़ी अनुमंडल के 2 दर्जन से अधिक मजारों को सजाकर लोगों ने रात भर जागकर इबादत की. इस दिन अल्लाह से सच्चे मन से अपने गुनाहों की माफी मांगने से जन्नत में जगह मिलती है.
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