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Bihar News: चौसा पवार प्लांट के निर्माण पर संकट के बादल, 4 दिनों से हड़ताल पर हैं 3 हजार मजदूर, कंपनी पर बड़ा आरोप - Etv Bharat Bihar

बिहार के चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन जारी है. चौथे दिन भी मजदूरों ने काम नहीं किया. इस कारण पावर प्लांट का काम प्रभावित है. करीब 3 हजार मजदूर हड़ताल पर हैं. उम्मीद है आज अधिकारियों से बातचीत में जमदूरों की मांग पर विचार हो नहीं तो निर्माण पर संकट के बाद छाए रहेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन
चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 24, 2023, 6:11 AM IST

चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन

बक्सरः बिहार को 1320 मेगा वॉट बिजली सप्लाई करने वाला चौसा पावर प्लांट के निर्माण पर संकट के बाद छा गए हैं. यहां के मजदूरों ने काम को बहिष्कार कर दिया है. 4 दिनों से मजदूर हड़ताल पर हैं. उम्मीद है रविवार को मजदूरों और अधिकारियों की बैठक में कोई फैसला आएगा. ऐसा नहीं होता है तो मजदूरों की हड़ताल जारी रहेगी. इससे प्लांट का निर्माण काम बाधित ही रहेगा.

यह भी पढ़ेंः Buxar News: चौसा पावर प्लांट के स्टोर रूम में लगी भीषण आग, 3-4 करोड़ के नुकसान का अनुमान

3 हजार मजदूर हड़ताल परः दरअसल, हड़ताल पर गए करीब 3 हजार मजदूरों ने कंपनी के अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है. अपनी मांगों को लेकर मजदूर 4 दिनों से हड़ताल पर हैं. 21 सितंबर की सुबह से ही सभी यूनिट में लगे मजदूरों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया है. इसके बाद कंपनी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. कंपनी के वरीय अधिकारी से लेकर पुलिस प्रशासन नाराज मजदूरों को समझाने बुझाने में लगे हुए हैं, लेकिन किसी की दाल नहीं गली.

मजदूरों का बड़ा आरोपः मजदूरों का आरोप है कि उनसे 8 घंटे के बदले 12 घंटे काम कराए जाते हैं. इसके अलावे समय से वेतन नहीं मिलने का भी आरोप लगाया है. मजदूरों ने कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए साफ लहजे में कहा कि हमलोग 12 घंटे काम नहीं करेंगे. साथ ही पेमेंट बोर्ड रेट के हिसाब से वेतन देने की मांग की है. अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो हड़ताल खत्म नहीं होगी.

चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन
चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन

"हमारी मुख्य मांग ये है कि पेमेंट बोर्ड रेट के अनुसार ससमय मजदूरी का भुगतान हो. आने जाने का पर्याप्त साधन मिले. एक हजार मजदूरों पर मात्र दो बसे दी गई है. काम पर जाते और काम से आते समय बस के इंतजार में डेढ़ से दो घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. 8 के बदले 12 घंटे काम कराए जाते हैं. हमलोगों की मांग पूरी होगी तभी काम पर लौटेंगे." -मो. इब्राहिम, पावर प्लांट में काम करने वाले मजदूर

निर्माण कम्पनी के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने समाधान बताने के बजाय चुप्पी साध ली. सीधा सीधा कहा कि "हमलोग मीडिया के समाने बोलने के लिए ऑथराइज नहीं हैं. यह ठेकेदार और मजदूरों के बीच का मामला है." अधिकारी के इस बयान से लग रहा है कि मजदूरों के प्रदर्शन के कारण बाधित ही रहेगा. हालांकि रविवार को इसको लेकर बैठक होने वाली है, जिसमें मजदूरों की मांग पर विचार किया जाएगा.

चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन

बक्सरः बिहार को 1320 मेगा वॉट बिजली सप्लाई करने वाला चौसा पावर प्लांट के निर्माण पर संकट के बाद छा गए हैं. यहां के मजदूरों ने काम को बहिष्कार कर दिया है. 4 दिनों से मजदूर हड़ताल पर हैं. उम्मीद है रविवार को मजदूरों और अधिकारियों की बैठक में कोई फैसला आएगा. ऐसा नहीं होता है तो मजदूरों की हड़ताल जारी रहेगी. इससे प्लांट का निर्माण काम बाधित ही रहेगा.

यह भी पढ़ेंः Buxar News: चौसा पावर प्लांट के स्टोर रूम में लगी भीषण आग, 3-4 करोड़ के नुकसान का अनुमान

3 हजार मजदूर हड़ताल परः दरअसल, हड़ताल पर गए करीब 3 हजार मजदूरों ने कंपनी के अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है. अपनी मांगों को लेकर मजदूर 4 दिनों से हड़ताल पर हैं. 21 सितंबर की सुबह से ही सभी यूनिट में लगे मजदूरों ने कार्य का बहिष्कार कर दिया है. इसके बाद कंपनी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. कंपनी के वरीय अधिकारी से लेकर पुलिस प्रशासन नाराज मजदूरों को समझाने बुझाने में लगे हुए हैं, लेकिन किसी की दाल नहीं गली.

मजदूरों का बड़ा आरोपः मजदूरों का आरोप है कि उनसे 8 घंटे के बदले 12 घंटे काम कराए जाते हैं. इसके अलावे समय से वेतन नहीं मिलने का भी आरोप लगाया है. मजदूरों ने कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए साफ लहजे में कहा कि हमलोग 12 घंटे काम नहीं करेंगे. साथ ही पेमेंट बोर्ड रेट के हिसाब से वेतन देने की मांग की है. अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो हड़ताल खत्म नहीं होगी.

चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन
चौसा पावर प्लांट में मजदूरों का प्रदर्शन

"हमारी मुख्य मांग ये है कि पेमेंट बोर्ड रेट के अनुसार ससमय मजदूरी का भुगतान हो. आने जाने का पर्याप्त साधन मिले. एक हजार मजदूरों पर मात्र दो बसे दी गई है. काम पर जाते और काम से आते समय बस के इंतजार में डेढ़ से दो घंटे लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. 8 के बदले 12 घंटे काम कराए जाते हैं. हमलोगों की मांग पूरी होगी तभी काम पर लौटेंगे." -मो. इब्राहिम, पावर प्लांट में काम करने वाले मजदूर

निर्माण कम्पनी के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने समाधान बताने के बजाय चुप्पी साध ली. सीधा सीधा कहा कि "हमलोग मीडिया के समाने बोलने के लिए ऑथराइज नहीं हैं. यह ठेकेदार और मजदूरों के बीच का मामला है." अधिकारी के इस बयान से लग रहा है कि मजदूरों के प्रदर्शन के कारण बाधित ही रहेगा. हालांकि रविवार को इसको लेकर बैठक होने वाली है, जिसमें मजदूरों की मांग पर विचार किया जाएगा.

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