पटना: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र अगले महीने 6 की तारीख से शुरू होगा. 5 दिनों का यह सत्र होगा, जोकि 10 नवंबर तक चलेगा. शीतकालीन सत्र में जाति आधारित सर्वे की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रिपोर्ट को पेश किया जा सकता है, जिस पर विस्तार से चर्चा हो सकती है.
सदन में जातीय गणना की रिपोर्ट पर चर्चा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद परिवार की आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण रिपोर्ट विधानसभा में रखने की बात कही थी. सदन में रिपोर्ट रखने के बाद उस पर सभी दलों के साथ चर्चा की जाएगी और फिर सभी दलों की सहमति से आगे रणनीति तैयार की जाएगी, जिसमें आरक्षण बढ़ाने जैसा महत्वपूर्ण फैसला भी हो सकता है. इस लिहाज से यह शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण होने जा रहा है.
सत्र के हंगामेदार होने के आसार: 5 दिनों के सत्र में बिहार सरकार की ओर से कई अहम विधेयक भी पेश किए जाएंगे. बिहार विधानसभा का 5 दोनों का छोटा सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं, क्योंकि विपक्ष सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा. वैसे शीतकालीन सत्र नवंबर के अंतिम सप्ताह में या फिर दिसंबर के पहले सप्ताह में आयोजित होता रहा है लेकिन इस बार जातीय गणना की रिपोर्ट को लेकर संभवत: नवंबर के पहले सप्ताह में ही होने जा रहा है.
2 अक्टूबर को जाति सर्वे की रिपोर्ट जारी: आपको बताएं कि गांधी जयंती पर बिहार में जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट जारी की गई थी. जिसमें बताया गया है कि प्रदेश की आबादी 13 करोड़ से अधिक हो गई है. जिनमें 63 फीसदी ओबीसी (24 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग) की आबादी है. सबसे अधिक 14 प्रतिशत यादव जाति की संख्या है. वहीं अनारक्षित वर्ग की आबादी 15 फीसदी से अधिक है. वहीं मुसलमानों की संख्या 17 पर्सेंट से अधिक है.