पटना: बिहार की राजधानी पटना में अब नदियों का जलस्तर घटने लगा है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंडक नदी का जलस्तर डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 58 सेंटीमीटर ऊपर है. जिसमें 60 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है. लेकिन अन्य स्थानों पर जलस्तर नीचे है.
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पानी खतरे निशान से नीचे
बता दें कि रीवा घाट पर पानी खतरे के निशान से 96 सेंटीमीटर नीचे है. जिसमें 71 सेंटीमीटर की वृद्धि होने की संभावना है. वहीं बागमती, अधवारा समूह की नदी, कमला बलान, गंगा और अन्य प्रमुख नदियां भी खतरे के निशान से नीचे हैं. पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार में वर्षापात 50 मिली मीटर से ऊपर निम्नलिखित स्थानों पर हुआ है-
स्ठान | वर्षापात (मिलीमीटर) |
पालमेरगंज | 112 |
गया | 67 |
वाल्मीकिनगर | 60 |
चटिया | 110 |
रोसड़ा | 65 |
बारिश होने की संभावना
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 18 जून को सुबह तक बिहार के अधिकांश नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में हल्की से साधारण बारिश होने की संभावना है.
खतरे के निशान से नीचे कमला बलान
बता दें कि बीते 16 जून को कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर में खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर नीचे था. इसके जलस्तर में फिलहाल वृद्धि की संभावना नहीं है. गंडक नदी में गंडक बैराज का जलस्तर 109.57 मीटर और एवरेज इनफ्लो 10560 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड है. गंगा सहित अन्य नदियों का जलस्तर अभी खतरे के निशान से काफी नीचे है.
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16 जून को जारी किया गया था हाई अलर्ट
बता दें कि बीते 16 जून को नेपाल के तराई क्षेत्रों (Nepal Rainfall In Eastern Tarai) में हुई बारिश के बाद गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में भारी वृद्धि हुई थी. जानकारी के अनुसार, वाल्मीकिनगर गंडक बराज (Valmiki Nagar Gandak Barrage) से 4 लाख 4 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज गंडक नदी में हो रहा था. जलस्तर में वृद्धि को कारण वाल्मीकिनगर गंडक बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए थे. वहीं, वाल्मीकिनगर गंडक बराज के साथ ही तटबंधों और बांधों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट (High Alert) पर कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री ने दिया था निर्देश
- जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग तथा प. चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिला पूरी तरह अलर्ट रहे.
- जल संसाधन विभाग अपने सभी अभियंताओं को खतरे वाली जगहों पर पूरी तरह अलर्ट रखें. ताकि तटबंधों की पूर्ण सुरक्षा की जा सके.
- एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमों को भी पूरी तरह अलर्ट मोड में रखा जाए.
15 जून को छोड़ा गया था पानी
वहीं इससे पहले यानी कि 15 जून को भी नेपाल बराज से रात 9 बजे तक 3 लाख 3 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय बैठक की थी. बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया था कि नेपाल और गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हो रही भारी वर्षापात के कारण गंडक नदी के जलश्राव (डिस्चार्ज) और नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि होने की संभावना है. इसे लेकर विभाग पूरी तरह मुस्तैद है.
मुख्यमंत्री ने जारी किया था निर्देश
बता दें कि बैठक में मुख्यमंत्री ने भारी वर्षापात और संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग और सभी संबंधित जिलाधिकारियों को पूरी तरह अलर्ट में रहने का निर्देश भी दिया था.
ग्रामीणों ने लगाई थी गुहार
बताते चलें कि बीते 13 जून को बिहार के भागलपुर के सबौर प्रखंड के बाबूपुर, रजंदीपुर इंग्लिश और फरका गांव के पास गंगा नदी के तटवर्ती इलाके में भीषण कटाव शुरू हो गया था. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया था. ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग विभाग और स्थानीय जन प्रशासन से कटाव रोधी काम को शुरू करने की गुहार लगाई थी.