पटना: कोरोना काल में साफ सफाई रखने की बड़ी जिम्मेदारी निकायों पर होती है लेकिन भ्रष्टाचार के चलते इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. ऐसा ही कुछ मामला मसौढ़ी नगर परिषद (Masaurhi Municipal Council) में सामने आया. वार्ड पार्षदों ने साफ साफई के नाम पर लूट मचाने का गंभीर आरोप लगाया.
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करोना काल (Corona Period) के एक लंबे अरसे बाद मसौढ़ी नगर परिषद (Masaurhi City Council) में वार्ड पार्षदों (Ward Councilors) की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सफाई (Cleaning) के मुद्दे पर जमकर हो-हंगामा (Uproar) हुआ. वार्ड पार्षद ने ठेकेदार पर भ्रष्टाचार और लूट मचाने का गंभीर आरोप लगाया.
वार्ड पार्षद का आरोप है कि 80 सफाई कर्मी से ही ठेकेदार शहर को साफ करा रहे हैं. जबकि इसका भुगतान उन्हें 215 सफाई कर्मियों के हिसाब से किया जाता है. इससे शहर में साफ-सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है. वार्ड पार्षद ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि- निगम के अधिकारी और जिम्मेदारों तक इसका कमीशन दिया जा रहा है. इसलिए सभी चुप बैठे हैं.
'यहां पर पूरा लूट है. कोई नियम कानून से यहां काम नहीं हो रहा है. ये सारा काम नये कार्यपालक पदाधिकारी के सामने हो रहा है. 24 लाख 50 हजार रुपये के आसपास का इकरारनामा है. उसमें संवेदक के द्वारा कुछ आदमी को ही नहीं रखा गया है. 215 आदमी की जगह बमुश्किल 80 आदमी को रखा गया है. बाकि आदमी का पैसा लूटा जा रहा है. इस परिषद के अंदर जितनी भी सशक्त स्थाई समिति की बैठक हुई है उसमें बहुत तरह का गड़बड़ी है.' : पालटन सिंह, वार्ड पार्षद
इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी जगन्नाथ प्रसाद यादव ने वार्ड पार्षदों के आरोप को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सशक्त सदस्यों का विरोध इस बात से है कि उन्हें बैठक के लिए सूचना नहीं दी गई थी. साथ ही वार्ड पार्षद योजनाओं में विसंगतियों का आरोप लगा रहे हैं.
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दूसरी ओर, मसौढ़ी शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के तहत 200 से अधिक लाभुकों को दूसरे किश्त की राशि नहीं मिली है. नतीजतन सभी लाभुक पॉलीथिन लगाकर रहने को विवश हैं. मसौढ़ी नगर परिषद में पहली बार आठ घंटे तक चली वार्ड पार्षद की बैठक में हो हंगामा चलता रहा. पक्ष-विपक्ष में योजनाओं में लूट और कमीशनखोरी का आरोप लगाकर हंगामा करता रहा. हालाकि मुख्य पार्षद रानी कुमारी ने सफाई देते हुए कहा कि सभी योजनाओं का चयन नियम के तहत चल रहा है.
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