पटना: कभी नीतीश कुमार के करीबी रहे जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने गुरुवार को बीजेपी का दामन थाम लिया. दिल्ली में बीजेपी कार्यालय में धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें सदस्यता दिलाई. बीजेपी में शामिल होने के बाद से जेडीयू की ओर से आरसीपी सिंह पर निशाना साधा जा रहा है और उन्हें विभीषण कहा जा रहा है. वहीं बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी शब्दों की मर्यादा भूलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रावण कह दिया है. इसपर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विभीषण किसके भाई थे?
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बोले विजय सिन्हा- 'विभीषण किसके भाई थे बताए JDU': विजय सिन्हा ने कहा कि जदयू जिसे विभीषण कह रही है वह अब राम के दरबार में आ गए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि वह राम राज्य की कल्पना करके राम के दरबार में पहुंचे हैं. राम मंत्र को ग्रहण करके सबका साथ सबका विकास के भाव को लेकर वह बीजेपी में आए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने जदयू के ऊपर हमला बोलते हुए कहा कि यह लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले रावण प्रवृत्ति के लोग हैं. रावण कोई व्यक्ति नहीं एक विचार है एक सोच है.
"समाज में रावण असुर प्रवृत्ति को बढ़ाता है. अपराध और भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाले लोग रावण और असुरी प्रवृत्ति के होते हैं. जो भी अपराध, भ्रष्टाचार को संरक्षित करता है, बढ़ाता है, वैसे लोगों को रावण के पथ पर चलने वाला माना जाता है. भगवान राम के पद चिह्नों पर चलने वाले लोग, सामाजिक सद्भावना, सबका साथ सबका विकास, सबको समाज के अंदर शांति के साथ रखने का विचार रखने हैं. यही तो रामराज है."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
'रामराज के लिए विभीषण राम के पास गए थे': गांधीजी ने भी इसी रामराज की चर्चा की थी लेकिन अब इन तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों की मानसिकता ही जब गड़बड़ा गई है तो लोग क्या करेंगे. यह क्या बोलते हैं इसका अर्थ क्या निकलेगा यह लोग नहीं सोचते हैं. बता दें कि एक तरफ आरसीपी सिंह को जेडीयू विभीषण करार दे रही है तो वहीं सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार को रावण कहा है. नेता प्रतिपक्ष आरसीपी सिंह का समर्थन करते हुए कहा कि विभीषण राम के पास गए थे.