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रेडबिगहा में स्कूल बना तबेला, जहां होनी चाहिए बच्चों की पढ़ाई वहां बांधे जाते हैं मवेशी

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Published : Jul 21, 2021, 1:35 PM IST

एक तरफ कोरोना संक्रमण (Corona Infection) काल में प्राइमरी स्कूलों में पढाई बंद है. दूसरी तरफ स्कूलों के हालात बद से बदतर हो चुके हैं. ऐसे में अब स्कूलों में बच्चों की जगह पर मवेशियों (Cattle) का अड्डा बन चुका है. या यूं कहे की स्कूल तबेला बन गया है. पढ़ें रिपोर्ट...

बच्चों का स्कूल बना तबेला
बच्चों का स्कूल बना तबेला

पटना: कोरोना संक्रमण के दौरान प्राइमरी स्कूलों में पठन-पाठन बंद हैं. इस दौरान स्कूलों के हालात बहुत ही दयनीय दिख रहे हैं. स्कूल कहीं जर्जर भवन बन गया है तो कहीं मवेशियों का अड्डा बन गया है. यही नहीं कहीं-कहीं तो यह जुआरियों का अड्डा भी बन गया है. ऐसे ही एक तस्वीर धनरूआ प्रखंड की रेडबिगहा गांव से उभरकर सामने आयी है. यहां पर प्राथमिक विद्यालय (Redbigha Primary School) बच्चों की जगह पर मवेशियों का चारागाह बन गया है.

ये भी पढ़ें- School Reopening In Bihar: बिहार में कब खुलेंगे स्कूल? जानिए लेटेस्ट अपडेट

ऐसे लगता है गांव भर के सभी मवेशियों का इन दिनों प्राथमिक विद्यालय मवेशी घर बन गया है. या यूं कहें कि स्कूल तबेला में तब्दील हो चुका है. ऐसे में आसपास के ग्रामीणों से बात की गई तो ग्रामीणों ने बताया कि यहां पढ़ाई नहीं होती है इसलिए यहां पर मवेशी बांध रहे हैं. इस पूरे मामले में शिक्षा पदाधिकारी से भी हमने बात की.

देखें वीडियो

'प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है, इसलिए पठन-पाठन बंद है. उसके भवन को बनाने के लिए इंजीनियर को दिया गया है. फिलहाल इस स्कूल को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया है.' : अजय कुमार, शिक्षा पदाधिकारी, धनरूआ

ये भी पढ़ें- एम्स निदेशक डाॅ रणदीप गुलेरिया बोले- भारतीय बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत, खुलने चाहिए स्कूल

प्रखंड के कई ऐसे स्कूल हैं जिसके भवन जर्जर हो चुके हैं, जो सुविधाविहीन हैं. उस स्कूल को किसी दूसरे स्कूल के साथ शिफ्ट कराया जा रहा है. सवाल यह भी है कि जिस स्कूल में शिफ्ट कराया जा रहा है वहां की स्थिति क्या है. पहले से ही भवन की कमी के कारण स्कूलों में दिक्कत हो रही थी. ऐसे में शिफ्ट करने पर दोनों स्कूल के बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. धनरूआ में 25 स्कूलों को शिफ्ट कराया गया है.

ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट के आदेश के बाद आंकड़ों को जुटाने में लगा प्रशासन

आपको बताते चलें कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव (Balaram Bhargava) ने मंगलवार को कहा, भारत में स्कूलों को फिर से खोलने की शुरुआत (Beginning of reopening of schools in India) प्राथमिक विद्यालयों से करना समझदारी भरा कदम होगा. उन्होंने कहा कि चूंकि बच्चों में कम संख्या में 'ऐस रिसेप्टर' होते हैं, जिनमें वायरस चिपकते हैं, ऐसे में वे वयस्कों की तुलना में वायरस संक्रमण (virus infection) से कहीं बेहतर निपट सकते हैं.

आपको बता दें कि बिहार में 12 जुलाई से कक्षा 11वीं और 12वीं के साथ ही कॉलेज खोले जा चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने पहले यह स्पष्ट किया था कि स्कूल कॉलेज खोलने से पहले कोरोना संक्रमण की स्थिति देखी जाएगी. उसके बाद ही स्कूल खोले जाे पर निर्णय लिया जाएगा.

पटना: कोरोना संक्रमण के दौरान प्राइमरी स्कूलों में पठन-पाठन बंद हैं. इस दौरान स्कूलों के हालात बहुत ही दयनीय दिख रहे हैं. स्कूल कहीं जर्जर भवन बन गया है तो कहीं मवेशियों का अड्डा बन गया है. यही नहीं कहीं-कहीं तो यह जुआरियों का अड्डा भी बन गया है. ऐसे ही एक तस्वीर धनरूआ प्रखंड की रेडबिगहा गांव से उभरकर सामने आयी है. यहां पर प्राथमिक विद्यालय (Redbigha Primary School) बच्चों की जगह पर मवेशियों का चारागाह बन गया है.

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ऐसे लगता है गांव भर के सभी मवेशियों का इन दिनों प्राथमिक विद्यालय मवेशी घर बन गया है. या यूं कहें कि स्कूल तबेला में तब्दील हो चुका है. ऐसे में आसपास के ग्रामीणों से बात की गई तो ग्रामीणों ने बताया कि यहां पढ़ाई नहीं होती है इसलिए यहां पर मवेशी बांध रहे हैं. इस पूरे मामले में शिक्षा पदाधिकारी से भी हमने बात की.

देखें वीडियो

'प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो चुका है, इसलिए पठन-पाठन बंद है. उसके भवन को बनाने के लिए इंजीनियर को दिया गया है. फिलहाल इस स्कूल को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया गया है.' : अजय कुमार, शिक्षा पदाधिकारी, धनरूआ

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प्रखंड के कई ऐसे स्कूल हैं जिसके भवन जर्जर हो चुके हैं, जो सुविधाविहीन हैं. उस स्कूल को किसी दूसरे स्कूल के साथ शिफ्ट कराया जा रहा है. सवाल यह भी है कि जिस स्कूल में शिफ्ट कराया जा रहा है वहां की स्थिति क्या है. पहले से ही भवन की कमी के कारण स्कूलों में दिक्कत हो रही थी. ऐसे में शिफ्ट करने पर दोनों स्कूल के बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. धनरूआ में 25 स्कूलों को शिफ्ट कराया गया है.

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आपको बताते चलें कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव (Balaram Bhargava) ने मंगलवार को कहा, भारत में स्कूलों को फिर से खोलने की शुरुआत (Beginning of reopening of schools in India) प्राथमिक विद्यालयों से करना समझदारी भरा कदम होगा. उन्होंने कहा कि चूंकि बच्चों में कम संख्या में 'ऐस रिसेप्टर' होते हैं, जिनमें वायरस चिपकते हैं, ऐसे में वे वयस्कों की तुलना में वायरस संक्रमण (virus infection) से कहीं बेहतर निपट सकते हैं.

आपको बता दें कि बिहार में 12 जुलाई से कक्षा 11वीं और 12वीं के साथ ही कॉलेज खोले जा चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने पहले यह स्पष्ट किया था कि स्कूल कॉलेज खोलने से पहले कोरोना संक्रमण की स्थिति देखी जाएगी. उसके बाद ही स्कूल खोले जाे पर निर्णय लिया जाएगा.

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