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कोटा विवाद: मुजफ्फरपुर DM के पत्र को लेकर बवाल, RJD ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल - तेजस्वी यादव के ट्वीट

मृत्युंजय तिवारी ने तेजस्वी यादव के ट्वीट के समर्थन में मुजफ्फरपुर डीएम के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि विधायक और पार्षद को जारी किए गये पास मामले में सरकार जांच कराकर यह बताती नहीं है कि, क्यों सिर्फ वीआईपी लोगों को पास निर्गत किया जा रहा है तो वो 36 घंटे के उपवास पर बैठेंगे.

मुजफ्फरपुर डीएम पत्र बवाल
मुजफ्फरपुर डीएम पत्र बवाल
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Published : Apr 21, 2020, 8:56 PM IST

पटना: कोरोना लॉकडाउन के बीच बीजेपी विधायक अनिल सिंह के कोटा में फंसी अपनी बेटी को वापस बिहार लाने का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. बीजेपी विधायक के इस कदम पर जमकर सियासत हो रही है. मामले में विपक्ष लगातार नीतीश कुमार और पीएम मोदी पर हमला बोल रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट करके राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

कोटा विवाद
मुजफ्फरपुर डीएम द्वारा पत्र

'विधायक बेटी के लिए स्पेशल परमिट'
गौरतलब है कि 'लॉकडाउन के दौरान जो जहां है वहीं रहे' के पीएम मोदी के आह्वान और कोटा में फंसे यूपी के छात्रों को वापस लाने के फैसले को 'लॉकडाउन का मजाक' बताने वाले नीतीश कुमार के बयान के बाद बीजेपी विधायक ने ऐसा कदम उठाया है, जिसकी चहुंओर आलोचना हो रही है. मामले में तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि कितनी शर्मनाक बात है, गरीब मजदूरों के बारे में बिना सोचे-समझे देश में अनियोजित लॉकडाउन की घोषणा करके विधायक बेटी के लिए पटना से कोटा आने-जाने का स्पेशल परमिट जारी की जाती है.

  • सत्ताधारी दल के एक और रसूखदार नेता ने पहुँच का इस्तेमाल कर अपनी बेटी को कोटा से लाने का 11 अप्रैल को विशेष पास निर्गत कराया। ये पूर्व व पत्नी वर्तमान पार्षद है।अनेक मंत्रियों के चेहते है। सिर्फ़ सामान्य और आम घरों के साधारण बच्चें ही फँसे रहेंगे बाक़ी को CM विशेष छूट देते रहेंगे। pic.twitter.com/j6W5rZOAq6

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'बच्चों और मजदूरों के साथ अन्याय'
आरजेडी प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तेजस्वी यादव के ट्वीट के समर्थन में मुजफ्फरपुर डीएम के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि विधायक और पार्षद को जारी किए गये पास मामले में सरकार जांच कराकर यह बताती नहीं कि, क्यों सिर्फ वीआईपी लोगों को पास निर्गत किया जा रहा है तो वह 36 घंटे पर के उपवास पर बैठेंगे. वीआईपी लोगों के लिए जारी स्पेशल आदेश से सरकार की मिलीभगत साफ स्पष्ट होती है. कोटा में सिर्फ विधायक ही नहीं कई परिवार के बच्चे फंसे हुए हैं. विधायक की मदद करना देश में हो रहे पक्षपात को दर्शाता है. यह अन्य बच्चों और मजदूरों के साथ अन्याय समान है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पटना: कोरोना लॉकडाउन के बीच बीजेपी विधायक अनिल सिंह के कोटा में फंसी अपनी बेटी को वापस बिहार लाने का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है. बीजेपी विधायक के इस कदम पर जमकर सियासत हो रही है. मामले में विपक्ष लगातार नीतीश कुमार और पीएम मोदी पर हमला बोल रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट करके राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

कोटा विवाद
मुजफ्फरपुर डीएम द्वारा पत्र

'विधायक बेटी के लिए स्पेशल परमिट'
गौरतलब है कि 'लॉकडाउन के दौरान जो जहां है वहीं रहे' के पीएम मोदी के आह्वान और कोटा में फंसे यूपी के छात्रों को वापस लाने के फैसले को 'लॉकडाउन का मजाक' बताने वाले नीतीश कुमार के बयान के बाद बीजेपी विधायक ने ऐसा कदम उठाया है, जिसकी चहुंओर आलोचना हो रही है. मामले में तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि कितनी शर्मनाक बात है, गरीब मजदूरों के बारे में बिना सोचे-समझे देश में अनियोजित लॉकडाउन की घोषणा करके विधायक बेटी के लिए पटना से कोटा आने-जाने का स्पेशल परमिट जारी की जाती है.

  • सत्ताधारी दल के एक और रसूखदार नेता ने पहुँच का इस्तेमाल कर अपनी बेटी को कोटा से लाने का 11 अप्रैल को विशेष पास निर्गत कराया। ये पूर्व व पत्नी वर्तमान पार्षद है।अनेक मंत्रियों के चेहते है। सिर्फ़ सामान्य और आम घरों के साधारण बच्चें ही फँसे रहेंगे बाक़ी को CM विशेष छूट देते रहेंगे। pic.twitter.com/j6W5rZOAq6

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'बच्चों और मजदूरों के साथ अन्याय'
आरजेडी प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तेजस्वी यादव के ट्वीट के समर्थन में मुजफ्फरपुर डीएम के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि विधायक और पार्षद को जारी किए गये पास मामले में सरकार जांच कराकर यह बताती नहीं कि, क्यों सिर्फ वीआईपी लोगों को पास निर्गत किया जा रहा है तो वह 36 घंटे पर के उपवास पर बैठेंगे. वीआईपी लोगों के लिए जारी स्पेशल आदेश से सरकार की मिलीभगत साफ स्पष्ट होती है. कोटा में सिर्फ विधायक ही नहीं कई परिवार के बच्चे फंसे हुए हैं. विधायक की मदद करना देश में हो रहे पक्षपात को दर्शाता है. यह अन्य बच्चों और मजदूरों के साथ अन्याय समान है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
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