पटना:बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही दल-बदल की राजनीति शुरू हो गई है. रालोसपा के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी ने भी रालोसपा से इस्तीफा देकर राजद का दामन थाम लिया था. रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को औपचारिक घोषणा करते हुए महागठबंधन को छोड़कर बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
रालोसपा के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने इस्तीफा देने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि रालोसपा में रहकर वह जिस मकसद को लेकर राजनीति में आए थे. उसे पूरा नहीं कर पा रहे थे. माधव आनंद ने कहा कि मैं जिस तरह से युवाओं की बात करता हूं. बिहार में रोजगार की बात करता हूं. उसे रालोसपा में रहकर पूरा करना संभव नहीं था. मैंने काफी विचार करने के बाद यह निर्णय लिया है कि इस पार्टी में रहकर में अपने विचार धारा पर नहीं चल पाऊंगा. इसलिए मैंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया.
उपेंद्र कुशवाहा का डिसीजन बिहार हित में नहीं
माधव आनंद उपेंद्र कुशवाहा को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने मौजूदा वक्त में जो फैसला लिया है. वह बिहार के हित में नहीं है. माधव आनंद ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने जिनके साथ गठबंधन किया है. उनके साथ चुनाव में दो-चार सीट से ज्यादा जीत पाना मुश्किल है. और दो-चार सीट से सरकार नहीं बनती है.
'मेरे पास ऑप्शन की कमी नहीं'
आरजेडी में जाने के सवाल पर माधव आनंद ने कहा कि आरजेडी के साथ मेरा व्यक्तिगत संबंध है. मैं तेजस्वी यादव से मिलने गया था. दो दिन में निर्णय ले लूंगा कि किस पार्टी को ज्वाइन करना है. यह अलग बात है कि माधव आनंद खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव से बातचीत के बाद ही उन्होंने रालोसपा के प्रधान महासचिव के पद से इस्तीफा दिया है. और तेजस्वी यादव से सारी बातें हो चुकी है. जल्द ही माधव आनंद आरजेडी ज्वाइन करने वाले हैं.