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मनेर में अनोखा प्रदर्शन, आंदोलनकारियों ने दंडवत यात्रा निकाल बिहार सरकार का किया विरोध

पटना के मनेर में रिंग रोड की मांग को लेकर ग्रामीणों का 5वें दिन राजभवन तक दंडवत मार्च जारी है. इस मार्च में कई जनप्रतिनिधि एवं संगठन के लोग शामिल हुए.

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Published : Sep 4, 2020, 2:24 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 7:58 AM IST

पटनाः कोरोना काल में भगवान के लिए नहीं बल्कि एक शहर को पटना रिंग रोड से जोड़ने हेतु स्थानीय आंदोलनकारियों ने दंडवत यात्रा की शुरुआत की है. जो पटना के मनेर के हल्दी छपरा संगम घाट को, राजधानी पटना से 35 किलोमीटर दूर पटना रिंग रोड में मनेर को शामिल करने के फरियाद को लेकर राजभवन पटना के लिए निकल पड़े हैं.

वहीं दंडवत यात्रा 5वें दिन मनेर के ब्रह्मचारी से लेकर छितनावा मंदिर तक पहुंची. जिसमे मनेर विधानसभा से जदयू के पूर्व विधायक सूर्यदेव त्यागी और राजद पार्टी के पटना जिला अध्यक्ष देवी सिंह यादव भी शामिल हुए.

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प्रदर्शन करते आंदोलनकारी

मनेर में अनोखा प्रदर्शन
दरअसल मनेर का हल्दी छपरा संगम घाट जहां तीन नदियां सोन, गंगा और सरजू का मिलन होता है. यहां के लोगों का बहुत दिनों से इसको पर्यटक स्थल बनाने की मांग की जा रही है. लेकिन इस पवित्र स्थल को पर्यटन स्थल बनाने की बात तो दूर सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पटना रिंग रोड से भी मनेर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. जबकि ख्याति प्राप्त मखदूम शाह दौलत याहिया का दरगाह भी यहां पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. बिहार सरकार के इस व्यवहार को लेकर आंदोलनकारी मनेर को रिंग रोड से पुनः जोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हें.

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प्रदर्शन करते आंदोलनकारी

ग्रामीण कर रहे मनेर में रिंग रोड की मांग
वहीं इस यात्रा में मनेर मानव अधिकार सेना के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार मनेर वासियों के साथ भेदभाव कर रही है आंदोलनकारियों ने बताया कि पहले मनेर को रिंग रोड में शामिल किया गया था. लेकिन सरकार की गलत नीतियों के चलते सूफी संतों की यह धरती सोंग गंगा सरजू की पवित्र संगम स्थल होते हुए भी आज इस जगह को रिंग रोड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. यह सरकार की भेदभाव की नीति है. आंदोलनकारियों ने बताया कि हमलोग महामहिम राज्यपाल से प्राथना करने जा रहे हे की मनेर के साथ इंसाफ किया जाय.

देखें पूरी रिपोर्ट

बता दें कि कुछ दिन पहले ही मनेर रिंग रोड को लेकर स्थानीय समाजसेवी और कई संगठन के लोगों ने मनेर प्रखंड मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया था और मनेर के कई इलाकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला भी फूंका है और लगातार इसका विरोध मनेर के लोगों की ओर से किया जा रहा है.

पहले से ग्रामीण कर रहे प्रदर्शन
वहीं दंडवत यात्रा में शामिल स्थानीय समाजसेवी नेता ब्रह्म प्रकाश एवं कामेश्वर यादव ने बताया कि मनेर रिंग रोड को लेकर हम सभी लोग पिछले कई महीनों से संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. जिसके कारण अब हम लोगों ने निर्णय लिया है कि दंडवत यात्रा करते हुए राजभवन मार्च को निकलेंगे और माननीय राज्यपाल से अपनी समस्या से अवगत कराएंगे. जिसको लेकर मनेर के तमाम स्थानीय एवं कई संगठन के लोग इस यात्रा में लगातार शामिल हो रहे हैं और सरकार के इस नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं. अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो आने वाले विधानसभा चुनाव में मनेर विधानसभा से सरकार को बड़ी खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

पटनाः कोरोना काल में भगवान के लिए नहीं बल्कि एक शहर को पटना रिंग रोड से जोड़ने हेतु स्थानीय आंदोलनकारियों ने दंडवत यात्रा की शुरुआत की है. जो पटना के मनेर के हल्दी छपरा संगम घाट को, राजधानी पटना से 35 किलोमीटर दूर पटना रिंग रोड में मनेर को शामिल करने के फरियाद को लेकर राजभवन पटना के लिए निकल पड़े हैं.

वहीं दंडवत यात्रा 5वें दिन मनेर के ब्रह्मचारी से लेकर छितनावा मंदिर तक पहुंची. जिसमे मनेर विधानसभा से जदयू के पूर्व विधायक सूर्यदेव त्यागी और राजद पार्टी के पटना जिला अध्यक्ष देवी सिंह यादव भी शामिल हुए.

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प्रदर्शन करते आंदोलनकारी

मनेर में अनोखा प्रदर्शन
दरअसल मनेर का हल्दी छपरा संगम घाट जहां तीन नदियां सोन, गंगा और सरजू का मिलन होता है. यहां के लोगों का बहुत दिनों से इसको पर्यटक स्थल बनाने की मांग की जा रही है. लेकिन इस पवित्र स्थल को पर्यटन स्थल बनाने की बात तो दूर सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पटना रिंग रोड से भी मनेर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. जबकि ख्याति प्राप्त मखदूम शाह दौलत याहिया का दरगाह भी यहां पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. बिहार सरकार के इस व्यवहार को लेकर आंदोलनकारी मनेर को रिंग रोड से पुनः जोड़ने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हें.

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प्रदर्शन करते आंदोलनकारी

ग्रामीण कर रहे मनेर में रिंग रोड की मांग
वहीं इस यात्रा में मनेर मानव अधिकार सेना के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार मनेर वासियों के साथ भेदभाव कर रही है आंदोलनकारियों ने बताया कि पहले मनेर को रिंग रोड में शामिल किया गया था. लेकिन सरकार की गलत नीतियों के चलते सूफी संतों की यह धरती सोंग गंगा सरजू की पवित्र संगम स्थल होते हुए भी आज इस जगह को रिंग रोड से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. यह सरकार की भेदभाव की नीति है. आंदोलनकारियों ने बताया कि हमलोग महामहिम राज्यपाल से प्राथना करने जा रहे हे की मनेर के साथ इंसाफ किया जाय.

देखें पूरी रिपोर्ट

बता दें कि कुछ दिन पहले ही मनेर रिंग रोड को लेकर स्थानीय समाजसेवी और कई संगठन के लोगों ने मनेर प्रखंड मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया था और मनेर के कई इलाकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला भी फूंका है और लगातार इसका विरोध मनेर के लोगों की ओर से किया जा रहा है.

पहले से ग्रामीण कर रहे प्रदर्शन
वहीं दंडवत यात्रा में शामिल स्थानीय समाजसेवी नेता ब्रह्म प्रकाश एवं कामेश्वर यादव ने बताया कि मनेर रिंग रोड को लेकर हम सभी लोग पिछले कई महीनों से संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. जिसके कारण अब हम लोगों ने निर्णय लिया है कि दंडवत यात्रा करते हुए राजभवन मार्च को निकलेंगे और माननीय राज्यपाल से अपनी समस्या से अवगत कराएंगे. जिसको लेकर मनेर के तमाम स्थानीय एवं कई संगठन के लोग इस यात्रा में लगातार शामिल हो रहे हैं और सरकार के इस नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी कर रहे हैं. अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो आने वाले विधानसभा चुनाव में मनेर विधानसभा से सरकार को बड़ी खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

Last Updated : Sep 5, 2020, 7:58 AM IST
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