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पटना: यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की लापरवाही, लाखों की एक्सपायर दवा कूड़े के ढेर में फेंकी

आयुष मंत्रालय भारत सरकार यूनानी चिकित्सा पद्दति को बढ़ावा देने के लिये सभी राज्यों में कई योजनाओं को लागू कर रहा है. लेकिन लापरवाही के कारण ही प्रबंधन ने लाखों रुपयों की दवा जरुरतमंदों को देने के बजाए एक्सपायर कर कूड़े के ढेर में फेंक दिया. फिलहाल पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है.

Unani Medical Research Institute
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Published : Jun 13, 2020, 2:00 PM IST

पटना: राजधानी के यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से लापरवाही की तस्वीर सामने आई है. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से लाखों रुपये की दवाएं एक्सपायर हो गई और कूड़े के ढेर में फेंक दी गई. पश्चिम दरवाजा के गुदरी बाजार स्तिथ आयुष मंत्रालय भारत सरकार के अधीनस्थ क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान परिसर में ही ये दवाएं फेंकी हुई पाई गई.

Unani Medical Research Institute
यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही
स्थानीय लोगों का कहना है कि गरीब जनता को दवाईयों के लिए महंगी कीमत चुकानी पड़ती है. मरीज या उनके परिजनों को मजबूर होकर बाहर से दवा लानी पड़ती है. कई बार लोग पैसों के अभाव में एक-दो ही दवा ले पाते हैं. वहीं यहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से लाखों रुपये की दवाईयां कूड़े के ढेर में तब्दील हो गई हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कूड़े के ढेर में तब्दील दवाईयां
आयुष मंत्रालय भारत सरकार यूनानी चिकित्सा पद्दति को बढ़ावा देने के लिये सभी राज्यों में कई योजनाओं को लागू कर रहा है. सरकार की कोशिश है कि सुलभ तरीके से हर बीमारी पर निजात पाई जा सके. लेकिन लापरवाही के कारण ही प्रबंधन ने लाखों रुपयों की दवा जरूरतमंदों को देने के बजाए एक्सपायर कर कूड़े के ढेर में फेंक दी गईं. हालांकि इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है.

पटना: राजधानी के यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से लापरवाही की तस्वीर सामने आई है. अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से लाखों रुपये की दवाएं एक्सपायर हो गई और कूड़े के ढेर में फेंक दी गई. पश्चिम दरवाजा के गुदरी बाजार स्तिथ आयुष मंत्रालय भारत सरकार के अधीनस्थ क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान परिसर में ही ये दवाएं फेंकी हुई पाई गई.

Unani Medical Research Institute
यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही
स्थानीय लोगों का कहना है कि गरीब जनता को दवाईयों के लिए महंगी कीमत चुकानी पड़ती है. मरीज या उनके परिजनों को मजबूर होकर बाहर से दवा लानी पड़ती है. कई बार लोग पैसों के अभाव में एक-दो ही दवा ले पाते हैं. वहीं यहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से लाखों रुपये की दवाईयां कूड़े के ढेर में तब्दील हो गई हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कूड़े के ढेर में तब्दील दवाईयां
आयुष मंत्रालय भारत सरकार यूनानी चिकित्सा पद्दति को बढ़ावा देने के लिये सभी राज्यों में कई योजनाओं को लागू कर रहा है. सरकार की कोशिश है कि सुलभ तरीके से हर बीमारी पर निजात पाई जा सके. लेकिन लापरवाही के कारण ही प्रबंधन ने लाखों रुपयों की दवा जरूरतमंदों को देने के बजाए एक्सपायर कर कूड़े के ढेर में फेंक दी गईं. हालांकि इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रबंधन ने चुप्पी साध रखी है.

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