पटना: आर्थिक अपराध इकाई (Two Inspector Of EOU Suspended) के दो इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है, दोनों इंस्पेक्टर पर भ्रष्ट लोक सेवकों (Action On Corrupt Public Servants In Bihar) के खिलाफ चल रही मुहिम में उन्हें बचाने की कोशिश करने का आरोप लगा है. साथ ही दोनों इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर, उन पर विभागीय कार्रवाई चलाने का निर्देश दिया गया है.
ये भी पढ़ें- EOU ने मृत्युंजय कुमार सिंह के आवास से बरामद किए 500-1000 के पुराने नोट
दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई के इंस्पेक्टर नसीम अहमद और ललन कुमार पर कार्रवाई की गई है. आपको बता दें कि, यह कोई पहला मामला नहीं है, तीन महीने पहले भी आर्थिक अपराध इकाई द्वारा एक पुलिस अफसर पर कार्रवाई की गई थी.
बता दें कि, आर्थिक अपराध इकाई सिर्फ बाहर ही अपना काम नहीं कर रही है. बल्कि, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) में तैनात अफसरों पर भी निगरानी रखी जा रही है. खासकर बालू के अवैध खनन के बाद निगरानी बढ़ा दी गई है. निलंबित दोनों इंस्पेक्टर पर आर्थिक अपराध इकाई की गोपनीयता भंग कर लोक सेवकों पर चल रहे अभियान के तहत की जा रही कार्रवाई में मदद पहुंचाने का आरोप लगा है.
ये भी पढ़ें- मृत्युंजय कुमार सिंह के आवास पर आर्थिक अपराध इकाई का छापा, आय से 531% अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
आर्थिक अपराध इकाई को पता चला है कि, आर्थिक अपराध इकाई द्वारा नवीन नगर में बालू लदे ट्रक को पकड़ा गया था, पर केस के आईओ इंस्पेक्टर कामेश्वर ने बिना अनुमति कोर्ट को रिपोर्ट भेज दी और जिन दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. उन पर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच में अभियोजन पक्ष को कमजोर करने के साथ बालू के अवैध खनन में दोषी पाए गए लोक सेवकों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से मदद पहुंचाने का प्रयास भी करने का आरोप लगाया गया है. जिसके बाद उन पर विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP