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पटना: दो दिवसीय कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन का आयोजन, 300 से अधिक हार्ट स्पेशलिस्ट कर रहे हैं शिरकत - उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी,बिहार

नई-नई दवाओं और नए उपकरणों जैसे सीआरटी पेसमेकर से अब जानलेवा जटिल हृदय रोग का कारगर इलाज संभव है. ब्लड प्रेशर का इलाज नहीं करवाने पर हृदय और किडनी के कमजोर होने की संभावनाएं ज्यादा रहती है.

पटना में कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन
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Published : Aug 4, 2019, 2:38 PM IST

पटना: राजधानी के होटल मौर्या में दो दिवसीय कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन का आयोजन किया गया. दुनिया के 300 से अधिक हृदयरोग विशेषज्ञों ने इस सम्मेलन मे भाग लिया. इस कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के सभी पदाधिकारी शामिल हुए.
कार्यक्रम में डॉक्टरों ने दी सलाह
इस कार्यक्रम में कोलकाता से आए प्रोफेसर डॉक्टर रोबिन चक्रवर्ती ने हृदय गति के बारे में बताया. वहीं, नई दिल्ली एम्स के प्रोफेसर डॉ राकेश यादव ने हार्ड अटैक के पहचान और नए तरीके से इलाज के बारे मे जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक होने पर करीब एक तिहाई लोगों की मृत्यु 1 घंटे के अंदर हो जाती हैं. डॉक्टर बी पी सिंह ने हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सलाह दी. उन्होंने कहा कि ब्लड प्रेशर का इलाज नहीं होने पर हृदय और किडनी के कमजोर होने का खतरा बना रहता है. ब्रेन अटैक होने का मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर ही है.

पटना में कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन
क्रॉनिक हार्टफाइल का इलाज संभव
वाराणसी से आये डॉक्टर धर्मेंद्र जैन ने हार्ट फेल्योर के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हार्ट फेल्योर होने पर सांस फूलना, शरीर में सूजन आना और अत्यंत कमजोरी महसूस होने लगता है. क्रॉनिक हार्ट फाइल का इलाज कारगर रूप से नहीं होने पर रोग जटिल हो जाता है. जिससे मृत्यु की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. नई-नई दवाओं और नए उपकरणों जैसे सीआरटी पेसमेकर से अब इस जानलेवा जटिल हृदय रोग का कारगर इलाज संभव है.
पटना
कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन में सुशील मोदी
बिहार में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय
इस कार्यक्रम में शिरकत करने आए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय ले लिया है. 2 साल के अंदर सभी मेडिकल कॉलेज चालू हालात में मिलेंगे. अब मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कैंपस की सुविधा देंगे. ताकि वहीं से पढ़ाई कर वह बिहार में अपनी सेवा दे सकें. डॉक्टरों की बहाली भी बहुत जल्द होने वाली है.

पटना: राजधानी के होटल मौर्या में दो दिवसीय कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन का आयोजन किया गया. दुनिया के 300 से अधिक हृदयरोग विशेषज्ञों ने इस सम्मेलन मे भाग लिया. इस कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के सभी पदाधिकारी शामिल हुए.
कार्यक्रम में डॉक्टरों ने दी सलाह
इस कार्यक्रम में कोलकाता से आए प्रोफेसर डॉक्टर रोबिन चक्रवर्ती ने हृदय गति के बारे में बताया. वहीं, नई दिल्ली एम्स के प्रोफेसर डॉ राकेश यादव ने हार्ड अटैक के पहचान और नए तरीके से इलाज के बारे मे जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक होने पर करीब एक तिहाई लोगों की मृत्यु 1 घंटे के अंदर हो जाती हैं. डॉक्टर बी पी सिंह ने हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सलाह दी. उन्होंने कहा कि ब्लड प्रेशर का इलाज नहीं होने पर हृदय और किडनी के कमजोर होने का खतरा बना रहता है. ब्रेन अटैक होने का मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर ही है.

पटना में कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन
क्रॉनिक हार्टफाइल का इलाज संभव
वाराणसी से आये डॉक्टर धर्मेंद्र जैन ने हार्ट फेल्योर के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हार्ट फेल्योर होने पर सांस फूलना, शरीर में सूजन आना और अत्यंत कमजोरी महसूस होने लगता है. क्रॉनिक हार्ट फाइल का इलाज कारगर रूप से नहीं होने पर रोग जटिल हो जाता है. जिससे मृत्यु की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. नई-नई दवाओं और नए उपकरणों जैसे सीआरटी पेसमेकर से अब इस जानलेवा जटिल हृदय रोग का कारगर इलाज संभव है.
पटना
कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन में सुशील मोदी
बिहार में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय
इस कार्यक्रम में शिरकत करने आए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय ले लिया है. 2 साल के अंदर सभी मेडिकल कॉलेज चालू हालात में मिलेंगे. अब मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कैंपस की सुविधा देंगे. ताकि वहीं से पढ़ाई कर वह बिहार में अपनी सेवा दे सकें. डॉक्टरों की बहाली भी बहुत जल्द होने वाली है.
Intro:देश दुनिया के 300 से अधिक हृदयरोग विशेषज्ञों का लगा जमावड़ा,
राजधानी पटना के होटल मौर्या में दो दिवसीय कार्डियोलॉजिस्ट के कांफ्रेंस का आयोजन


Body:पूरी दुनिया में हृदय रोग एक महामारी का रूप ले रहा है, हृदय गति के अनियमितता को ईसीजी जांच से कैसे पकड़ा जाए और दिल का धड़कन की असामान्य स्थिति की शुरुआती जांच और इलाज करवाकर हृदय रोग पर काबू पाया जा सकता है, नई नई दवाओं से हृदय गति की अनियमितता का कारगर इलाज अब संभव है,
मौका था राजधानी पटना के होटल मौर्या में कार्डियोलोजिस्ट वैज्ञानिक सत्र का दो दिवसीय कार्यक्रम का जहां देश दुनिया के 300 से अधिक हृदयरोग विशेषज्ञों का जमावड़ा लगा था, कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के सभी पदाधिकारी, संयुक्त रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किए, कार्यक्रम में कोलकाता से आए प्रोफेसर डॉक्टर रोबिन चक्रवर्ती ने हृदय गति के अनियमितत के बारे में और ईसीजी की जांच के बारे में अपनी बात रखी, वहीं नई दिल्ली एम्स के प्रोफेसर डॉ राकेश यादव ने हार्ड अटैक के पहचान और नए तरीके से इलाज पर अपना व्याख्यान दिया उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक होने पर करीब एक तिहाई लोगों की मृत्यु 1 घंटे के अंदर हो जाती हैं, यदि तक्षण तत्पर इलाज नहीं शुरू हो तो जरा सभी लक्षण जैसे कि सीने के बीचो बीच दर्द के साथ उल्टी बेचैनी और पसीना ज्यादा आने लगे तो अभिलंब चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए, वही डॉक्टर बी पी सिंह ने हाई ब्लड प्रेशर की नई दवाओं पर व्याख्यान दिया उन्होंने कहा कि बीपी को बिना इलाज छोड़ने पर हृदय एवं किडनी के कमजोर होने की संभावनाएं प्रबल रहती है ब्रेन अटैक होने का मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर ही हैं।

वाराणसी से आये डॉक्टर धर्मेंद्र जैन ने हार्ट फेल्योर पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किए उन्होंने कहा कि हार्ट फैलियर होने पर सांस फूलना, शरीर में सूजन आना और अत्यंत कमजोरी महसूस होना होता है, अचानक और क्रॉनिक हाटफाइल व का कार्यभार इलाज कारगर रूप से नहीं होने पर रोग जटिल हो जाता है और मृत्यु की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं नई नई दवाओं और नए उपकरणों जैसे सीआरटी पेसमेकर से अब इस जानलेवा जटिल हृदय रोग का कारगर इलाज संभव है।


Conclusion:दो दिवसीय हृदय रोग विशेषज्ञ के कार्यक्रम में शिरकत करने आए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने बिहार में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय ले लिया है और 2 साल के अंतर्गत हैं सभी मेडिकल कॉलेज चालू हालात में मिलेंगे उन्होंने विपक्ष सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने बिहार की जनता को ठगा ही नहीं बल्कि उन्हें ऐसा धोखा दिया है कि उसका अंजाम आज तक भुगत रहे हैं, आज बिहार में डॉक्टरों की भारी कमी है और डॉक्टरों की कमी के कारण हम सभी परेशान हैं, अगर पिछली सरकार बिहार में मेडिकल कॉलेज खोले हुए रहते, तो आज यह दिन नहीं देखना होता, लेकिन वर्तमान हालात में स्वास्थ्य सेवा हमारी सरकार की प्रथम प्राथमिकता है विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में उपकरण दवा डॉक्टरों की कमी बहुत जल्द दूर करने जा रहे हैं अब मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कैंपस की सुविधा देंगे ताकि वहीं से पढ़ाई कर वह बिहार में अपनी सेवा दे सकेंगे कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी डॉक्टरों की बहाली भी बहुत जल्द होने वाली है



बाईट:-सुशील मोदी,उपमुख्यमंत्री, बिहार
बाईट:-डॉ एके झा,सचिव, इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलोजी
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