पटना: राजधानी के होटल मौर्या में दो दिवसीय कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन का आयोजन किया गया. दुनिया के 300 से अधिक हृदयरोग विशेषज्ञों ने इस सम्मेलन मे भाग लिया. इस कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और इंडियन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के सभी पदाधिकारी शामिल हुए.
कार्यक्रम में डॉक्टरों ने दी सलाह
इस कार्यक्रम में कोलकाता से आए प्रोफेसर डॉक्टर रोबिन चक्रवर्ती ने हृदय गति के बारे में बताया. वहीं, नई दिल्ली एम्स के प्रोफेसर डॉ राकेश यादव ने हार्ड अटैक के पहचान और नए तरीके से इलाज के बारे मे जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक होने पर करीब एक तिहाई लोगों की मृत्यु 1 घंटे के अंदर हो जाती हैं. डॉक्टर बी पी सिंह ने हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सलाह दी. उन्होंने कहा कि ब्लड प्रेशर का इलाज नहीं होने पर हृदय और किडनी के कमजोर होने का खतरा बना रहता है. ब्रेन अटैक होने का मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर ही है.
पटना में कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन क्रॉनिक हार्टफाइल का इलाज संभववाराणसी से आये डॉक्टर धर्मेंद्र जैन ने हार्ट फेल्योर के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हार्ट फेल्योर होने पर सांस फूलना, शरीर में सूजन आना और अत्यंत कमजोरी महसूस होने लगता है. क्रॉनिक हार्ट फाइल का इलाज कारगर रूप से नहीं होने पर रोग जटिल हो जाता है. जिससे मृत्यु की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. नई-नई दवाओं और नए उपकरणों जैसे सीआरटी पेसमेकर से अब इस जानलेवा जटिल हृदय रोग का कारगर इलाज संभव है.कार्डियोलॉजिस्ट सम्मेलन में सुशील मोदी बिहार में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय इस कार्यक्रम में शिरकत करने आए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य में 14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय ले लिया है. 2 साल के अंदर सभी मेडिकल कॉलेज चालू हालात में मिलेंगे. अब मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को कैंपस की सुविधा देंगे. ताकि वहीं से पढ़ाई कर वह बिहार में अपनी सेवा दे सकें. डॉक्टरों की बहाली भी बहुत जल्द होने वाली है.