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Police Remembrance Day: स्मरण दिवस पर शहीदों को किया गया याद, बिहार में 2023 में शहीद हुए 8 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि

बिहार पुलिस मुख्यालय में आज पुलिस स्मरण दिवस (Police Remembrance Day In Bihar) पर बिहार के आठ बहादूर पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई. जहां बिहार के डीजीपी समेत कई पुलिस अधिकारी मौजूद रहें. आगे पढ़ें पूरी खबर...

बिहार के 8 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि
बिहार के 8 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 21, 2023, 12:34 PM IST

बिहार के 8 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि

पटना: पुलिस स्मरण दिवस प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसका ऐतिहासिक कारण यह है कि 21 अक्टूबर 1959 में भारत चीन सीमा पर लद्दाख की बर्फीली ऊंचाइयों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टोकरी पर चीनी आक्रमणकारियों द्वारा किए गए हमले में 10 बहादुर जवान शहीद हो गए थे. उसके बाद 1961 में यह निर्णय लिया गया कि प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मरण दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा. इसी कड़ी में 21 अक्टूबर को बीएसएपी पांच के कैंपस में इसका आयोजन किया गया.

पढ़ें-ये भी पढ़ेंः शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुलिस संस्मरण दिवस, जानें क्या है वीरों का इतिहास

8 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि: इस मौके पर बिहार के डीजीपी समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे. जिसमें बिहार के आठ पुलिसकर्मी 2023 में शहीद हुए हैं उन लोगों को स्मरण किया गया एवं श्रद्धांजलि दी गई. बता दें कि राजधानी पटना के बीएसएपी 5 के ग्राउंड में आज शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं बिहार के डीजीपी आईएस भट्टी एवं एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार समेत तमाम पुलिस के आल्हा अधिकारी मौजूद रहे.

1220 पुलिसकर्मी हुए अब तक शहीद: जहां वर्ष 1947 से 2022 तक बिहार पुलिस के कुल 1220 पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य निर्वहन के क्रम में शहीद हुए हैं जिसमें पुलिस अधीक्षक कर पुलिस उपाधीक्षक 6 पुलिस निरीक्षक 15 पुलिस अवर निरीक्षक 159 पुलिस सहायक अवर निरीक्षक 99 हवलदार 176 और सिपाही 761 यानी कुल 1220 पुलिसकर्मी ने अभी तक कर्तव्य के दौरान अपनी आहुति दी है। उसी कड़ी में इस साल वर्ष 2023 में कुल 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं.

पुलिस स्मरण दिवस पर श्रद्धांजलि: नंदकिशोर यादव जो अररिया के रहने वाले थे और समस्तीपुर के मोहम्मदपुर ओपी प्रभारी के रूप में पदस्थापित थे इस दौरान अपराधियों से मुठभेड़ हुई और वीरगति को प्राप्त हो गए. सिपाही बाल्मीकि कुमार जो मसौढ़ी जिला पटना के रहने वाले थे वह सिवान के सिसवन थाना अंतर्गत विशेष छापामारी के दौरान अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने के कारण उनकी मौत हो गई.

सड़क दुर्घटना में हुए शहीद: पुलिस अवर निरीक्षक मोहम्मद अब्बास जो मुंगेर के रहने वाले थे. वह नवादा जिले के वारसलीगंज थाना से सरकारी काम के लिए मुफस्सिल थाना जाने के क्रम में दुर्घटना का शिकार हो गए. जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और इलाज के दौरान शहीद हो गए. सहायक अवर निरीक्षक भुवनेश्वर सिंह जो जिला चंदौली उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे वह सिवान के हुसैन गंज थाना में पदस्थापन के दौरान छापेमारी के क्रम में सड़क हादसे के दौरान गंभीर रूप से जख्मी हो गए और इलाज के दौरान वह शहीद हो गए.

गस्ती के दौरान टक्कर लगने से शहीद: सिपाही विक्रांत भारती जो की नासरीगंज रोहतास के रहने वाले थे और बक्सर जिला अंतर्गत सुकरौली थाना में प्रतिस्थापन के दौरान सड़क हादसे में शहीद हो गए. सिपाही रवीश भारती जो मुजाहिद पुर जिला भागलपुर के रहने वाले थे नवादा जिला के रजौली थाना में प्रतिस्थापन के दौरान अभियुक्तों की गिरफ्तारी के दौरान ट्रक चालक द्वारा गस्ती बोलेरो को जोरदार टक्कर मार दी गई जिसमें में इलाज के दौरान वो शहीद हो गए.

नाव दुर्घटनाग्रस्त होने से जवान शहीद: सहायक अवर निरीक्षक सतीश कुमार जो की दिलदारनगर गाजीपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और सीतामढ़ी जिला अंतर्गत चिडावत थाना में पदस्थापन के दौरान कैदी को भागलपुर जेल में पहुंचा कर लौट रहे थे, उसी दौरान नवगछिया जिला के परबत्ता थाना अंतर्गत सड़क दुर्घटना में शहीद हो गए. सिपाही राजेश कुमार जो कि डोभी गया के रहने वाले थे गोपालगंज जिला के यादवपुर थाना में प्रतिस्थापन के दौरान शराब माफियाओं के विरुद्ध छापेमारी के क्रम में नदी में नाव दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से शहीद हो गए.

शहीदों के परिजनों को सभी सुविधाएं: एडीजी मुख्यालय जितेन सिंह गंगवार ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद बताया कि अपने कर्तव्य के दौरान जो लोग भी शहीद हुए हैं उनको मैं तहे दिल से नमन करता हूं. वहीं बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी ने कहां की जो भी जवान अपने कर्तव्य के प्रति शहीद हुए हैं उन सभी लोगों को मैं नमन करता हूं, साथ ही उनके परिजनों को जितनी भी सुविधा हो सके वह कराई जाएगी.

"पहले शहीदों को 200000 रुपये की राशि दी जाती थी. अब उसे बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है. साथ ही जिस बैंक में उनका खाता है उसे बैंक के अधिकारी से बात करके एटीएम के आधार पर उनकी कई सुविधाएं बढ़ाई गई है. पुलिस बल की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके कारण आवास की समस्या हो रही है उसको भी जल्द ही पूरा किया जा रहा है."-आर एस भट्टी, डीजीपी बिहार

बिहार के 8 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि

पटना: पुलिस स्मरण दिवस प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसका ऐतिहासिक कारण यह है कि 21 अक्टूबर 1959 में भारत चीन सीमा पर लद्दाख की बर्फीली ऊंचाइयों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक टोकरी पर चीनी आक्रमणकारियों द्वारा किए गए हमले में 10 बहादुर जवान शहीद हो गए थे. उसके बाद 1961 में यह निर्णय लिया गया कि प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मरण दिवस पूरे देश में मनाया जाएगा. इसी कड़ी में 21 अक्टूबर को बीएसएपी पांच के कैंपस में इसका आयोजन किया गया.

पढ़ें-ये भी पढ़ेंः शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुलिस संस्मरण दिवस, जानें क्या है वीरों का इतिहास

8 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि: इस मौके पर बिहार के डीजीपी समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे. जिसमें बिहार के आठ पुलिसकर्मी 2023 में शहीद हुए हैं उन लोगों को स्मरण किया गया एवं श्रद्धांजलि दी गई. बता दें कि राजधानी पटना के बीएसएपी 5 के ग्राउंड में आज शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं बिहार के डीजीपी आईएस भट्टी एवं एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार समेत तमाम पुलिस के आल्हा अधिकारी मौजूद रहे.

1220 पुलिसकर्मी हुए अब तक शहीद: जहां वर्ष 1947 से 2022 तक बिहार पुलिस के कुल 1220 पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य निर्वहन के क्रम में शहीद हुए हैं जिसमें पुलिस अधीक्षक कर पुलिस उपाधीक्षक 6 पुलिस निरीक्षक 15 पुलिस अवर निरीक्षक 159 पुलिस सहायक अवर निरीक्षक 99 हवलदार 176 और सिपाही 761 यानी कुल 1220 पुलिसकर्मी ने अभी तक कर्तव्य के दौरान अपनी आहुति दी है। उसी कड़ी में इस साल वर्ष 2023 में कुल 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं.

पुलिस स्मरण दिवस पर श्रद्धांजलि: नंदकिशोर यादव जो अररिया के रहने वाले थे और समस्तीपुर के मोहम्मदपुर ओपी प्रभारी के रूप में पदस्थापित थे इस दौरान अपराधियों से मुठभेड़ हुई और वीरगति को प्राप्त हो गए. सिपाही बाल्मीकि कुमार जो मसौढ़ी जिला पटना के रहने वाले थे वह सिवान के सिसवन थाना अंतर्गत विशेष छापामारी के दौरान अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में गोली लगने के कारण उनकी मौत हो गई.

सड़क दुर्घटना में हुए शहीद: पुलिस अवर निरीक्षक मोहम्मद अब्बास जो मुंगेर के रहने वाले थे. वह नवादा जिले के वारसलीगंज थाना से सरकारी काम के लिए मुफस्सिल थाना जाने के क्रम में दुर्घटना का शिकार हो गए. जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और इलाज के दौरान शहीद हो गए. सहायक अवर निरीक्षक भुवनेश्वर सिंह जो जिला चंदौली उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे वह सिवान के हुसैन गंज थाना में पदस्थापन के दौरान छापेमारी के क्रम में सड़क हादसे के दौरान गंभीर रूप से जख्मी हो गए और इलाज के दौरान वह शहीद हो गए.

गस्ती के दौरान टक्कर लगने से शहीद: सिपाही विक्रांत भारती जो की नासरीगंज रोहतास के रहने वाले थे और बक्सर जिला अंतर्गत सुकरौली थाना में प्रतिस्थापन के दौरान सड़क हादसे में शहीद हो गए. सिपाही रवीश भारती जो मुजाहिद पुर जिला भागलपुर के रहने वाले थे नवादा जिला के रजौली थाना में प्रतिस्थापन के दौरान अभियुक्तों की गिरफ्तारी के दौरान ट्रक चालक द्वारा गस्ती बोलेरो को जोरदार टक्कर मार दी गई जिसमें में इलाज के दौरान वो शहीद हो गए.

नाव दुर्घटनाग्रस्त होने से जवान शहीद: सहायक अवर निरीक्षक सतीश कुमार जो की दिलदारनगर गाजीपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और सीतामढ़ी जिला अंतर्गत चिडावत थाना में पदस्थापन के दौरान कैदी को भागलपुर जेल में पहुंचा कर लौट रहे थे, उसी दौरान नवगछिया जिला के परबत्ता थाना अंतर्गत सड़क दुर्घटना में शहीद हो गए. सिपाही राजेश कुमार जो कि डोभी गया के रहने वाले थे गोपालगंज जिला के यादवपुर थाना में प्रतिस्थापन के दौरान शराब माफियाओं के विरुद्ध छापेमारी के क्रम में नदी में नाव दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से शहीद हो गए.

शहीदों के परिजनों को सभी सुविधाएं: एडीजी मुख्यालय जितेन सिंह गंगवार ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद बताया कि अपने कर्तव्य के दौरान जो लोग भी शहीद हुए हैं उनको मैं तहे दिल से नमन करता हूं. वहीं बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी ने कहां की जो भी जवान अपने कर्तव्य के प्रति शहीद हुए हैं उन सभी लोगों को मैं नमन करता हूं, साथ ही उनके परिजनों को जितनी भी सुविधा हो सके वह कराई जाएगी.

"पहले शहीदों को 200000 रुपये की राशि दी जाती थी. अब उसे बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है. साथ ही जिस बैंक में उनका खाता है उसे बैंक के अधिकारी से बात करके एटीएम के आधार पर उनकी कई सुविधाएं बढ़ाई गई है. पुलिस बल की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके कारण आवास की समस्या हो रही है उसको भी जल्द ही पूरा किया जा रहा है."-आर एस भट्टी, डीजीपी बिहार

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