पटनाः बिहार में पर्यटन कर्मी कई दिनों से हड़ताल पर हैं. हड़ताल के कारण सैलानियों को मिलने वाली कई सुविधाएं ठप हैं. बिहार पर्यटन निगम कर्मचारी संघ के महामंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि सरकार उनकी मांगों को मान ले. जब तक उनकी मांग के संदर्भ में आदेश की कॉपी नहीं मिल जाती तब तक काम पर वापस नहीं लौटेंगे.
दरअसल, बिहार पर्यटन निगम कर्मचारी विभाग के समक्ष कई मांग पूरी करने की बात कह रहे हैं. इसमें वेतन वृद्धि, बर्खास्त कर्मचारी को वापस काम पर रखने के अलावा विभिन्न घोटालों की जांच की मांग प्रमुख है. पर्यटन विकास निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण पूरे बिहार में रोपवे सर्विस, प्रीपेड सर्विस और लेजर शो समेत कई सुविधाओं से पर्यटक वंचित हैं.
मांग पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल
बिहार पर्यटन निगम कर्मचारी संघ के महासचिव लक्ष्मी कुमार ने बताया कि जब तक उनकी मांग मानी नहीं जाती हड़ताल से वापस नहीं आयेंगे. महासचिव ने आरोप लगाते हुए कहा कि पर्यटन विकास निगम ने इस संदर्भ में आश्वासन देकर पूरा नहीं किया. इसलिए इस बार आश्वासन नहीं बल्कि आदेश की लिखित कॉपी मिलेगी तभी सभी कर्मचारी काम पर लौटेंगे.
हठधर्मिता पर अड़े हैं कर्मचारी
हालांकि इस मसले पर पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि पर्यटन कर्मियों की तीन प्रमुख मांगें मान ली गई हैं. उन्हें इस बात से अवगत भी कराया गया है. फिर भी वे हठ कर रहे हैं और काम पर वापस नहीं लौट रहे. हमारी कोशिश है कि जायज मांग को मान कर उन्हें काम पर वापस लौटाया जाए.
क्या-क्या हो रहा प्रभावित
बिहार पर्यटन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण विभाग सैलानियों को कई सुविधाएं नहीं दे पा रहा हैं. इसमें पूरे बिहार में रोपवे सर्विस, प्रीपेड सर्विस, लेजर शो(गोलघर), गंगा आरती के अलावा पर्यटन विभाग का कौटिल्य होटल की सेवाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.