पटना: आज दुनिया भर में मदर्स डे (Mothers Day 2022) मनाया जा रहा है. मां एक ऐसा शब्द है. जिसमें सारी दुनिया समाहित है. मां के बिना कोई दिन नहीं होता. इसी मां के बलिदान, त्याग और निस्वार्थ प्रेम की प्रशंसा और धन्यवाद के लिए हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष मदर्स डे आज यानी 8 मई को मनाया जा रहा है.
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ग्रीस से हुई थी मदर्स डे की शुरुआत: मदर्स डे की शुरुआत ग्रीस से हुई थी. ग्रीस के लोग अपनी मां का बहुत सम्मान करते हैं. इसलिए वो इस दिन उनकी पूजा करते थे. मान्यताओं के अनुसार, स्यबेसे ग्रीक देवताओं की माता थीं और मदर्स डे पर लोग उनकी पूजा करते थे. मां का सभी के जीवन में योगदान अतुलनीय है. फिर चाहे ऑफिस और घर दोनों जगह में संतुलन क्यों ना बनाना पड़ा हो, मां ने कभी भी अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ा है. दुनिया में हर रिश्ते का कोई दूजा विकल्प हो सकता है लेकिन मां का नहीं. उसकी जगह ना आजतक किसी ने ली थी ना भविष्य में ही कोई ले पाएगा, यहां तक कि खुदा भी नहीं. कहते है खुदा ने भी मां को इसलिए बनाया क्योंकि वह खुद हर जगह अपनी मौजूदगी कायम नहीं रख सकता.
मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे: इस दिन को औपचारिक मान्यता तब मिली जब 9 मई 1914 को अमेरिकी राष्ट्रपति व्रुडो विल्सन ने एक कानून पारित किया, जिसमें लिखा था कि मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा. इसी के बाद से चीन, भारत समेत कई देशों में ये खास दिन मई के दूसरे रविवार को मनाया जाने लगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमानों के अनुसार, हर साल लगभग 3,00,000 महिलाओं की मौत गर्भावस्था और प्रसव के दौरान हो जाती है. यह संख्या 2000 और 2017 के बीच लगभग 35% कम हो गई है, लेकिन अभी भी निराशाजनक रूप से अभी भी ज्यादा ही है.
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