पटना : बिहार की राजधानी पटना में वैदिक सम्मेलन का उद्घाटन गुरुवार को हो गया. बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने इसका उद्घाटन किया. उद्घाटन से पहले महावीर मंदिर से शोभा यात्रा निकाली गई. यहां से निकलकर शोभायात्रा महाराणा प्रताप भवन पहुंची. इस दौरान जगह-जगह पर भक्तों ने शोभा यात्रा का स्वागत किया. यह वैदिक सम्मेलन तीन दिवसीय है और पहले दिन बिहार समेत देश के पांच राज्यों के वैदिक गुरु और शिष्य ने स्वस्तिवाचन सस्वर पाठ किया.
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'लोगों तक वेद विद्या पहुंचाने का प्रयास ': राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की आत्मा आध्यामिकता है. इसका आयोजन महावीर मन्दिर और महर्षि सांदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस आयोजन से तमाम लोगों को अपनी पुरानी इतिहास धर्म का ज्ञान होगा. राज्यपाल ने कहा कि पूरे देश में पिछले कुछ वर्षों से यह प्रयास किया जा रहा है कि लोगों तक वेद विद्या पहुंचे. वेद विद्या को पूरे देश में प्रतिष्ठा दिलाने का प्रयास हो रहा है.
"वेद विद्या या संस्कृत पर विदेश से आए लेखकों ने जो लिखा उसे हम सही मानने लगे. मैक्यूलर ने जो बोला उसे हम सही मानने लगे. जबकि अपने लोगों ने सही बताने की कोशिश नहीं की. बिहार में राष्ट्रीय स्तर पर वेद विद्या प्रतिष्ठान केंद्र खुले, इसको लेकर राज भवन की तरफ से जो प्रयास होंगे. इस परंपरा को युवाओं के सामने सरल भाव में कैसे रखा जाए, ये कोशिश होनी चाहिए".- राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल
'वेद से आती है समरसता' : राज्यपाल ने कहा कि सरल भाषा में आधुनिकता को ध्यान में रखते हुए वेद भाषा को सामने लाना चाहिए. आज हमारे देश में जागरण की जरूरत है तो वेद से शुरुआत हो. आज की तारीख में समरसता की जरूरत है. वेद से समरसता की भावना आ सकता है. हमारे शिक्षा में भी वेद को शामिल करने की जरूरत है.तभी भारत को जगत गुरु बनाने का सपना सफल हो जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि बिहार में अगर संस्कृत विद्यालय स्थापित होती है तो निश्चित तौर पर हमारा पूरा सहयोग होगा.
पांच राज्यों के गुरु-शिष्य सम्मेलन में लेंगे भाग : वहीं महावीर मंदिर न्यास सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि 3 दिनों तक वैदिक सम्मेलन बिहार सहित देश के 5 राज्यों के गुरु शिष्य भाग लिये हैं. बिहार में भी वेद अध्ययन का केंद्र बनेगा. इसके लिए हमारे पास हाजीपुर में जमीन है. इसके साथ साथ विराट रामायण मंदिर निर्माण स्थल पर भी जमीन है. राज्यपाल ने भी कहा है कि वह भी अपने स्तर से प्रयास करेंगे.
"बिहार वेद विद्या का बड़ा केंद्र बनेगा. इसके लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा. इस वैदिक सम्मेलन के माध्यम से लोगों का धर्म का पाठ तथा आध्यात्मिक बात लोगों को बताया जाएगा साथ ही साथ वेद विशिष्ट विद्वान अपने व्याख्यान देंगे". - आचार्य किशोर कुणाल, सचिव, महावीर मंदिर न्यास सचिव
लोगों में वेदों के प्रति जागरूकता जरूरी : मणिपुर से आए आचार्य प्रवीण कोयराला भी वैदिक सम्मेलन में शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह वैदिक सम्मेलन धर्म, वेद का पाठ खासकर के नौजवान पीढ़ियों को बताने और उनको जानने के मकसद से किया जा रहा है. हमारे धर्म में चार वेद हैं, लेकिन लोग वेद का मतलब एक पुस्तक समझते हैं. यह सम्मेलन के माध्यम से लोगों को यह बताया जाएगा कि वेद संसार में जानने वाली ग्रंथ है.
"मणिपुर में हो रहे घटना को देखते हुए पूजा पाठ चल रहा है. कोशिश है कि सब शांत हो जाएगा. अहिंसा परमो धर्म बताया गया है. मणिपुर की जो हिंसा है उसको शांति से ही सुलझाया जा सकता है. जिसके लिए सरकार काम कर रही है और ब्राह्मण आचार्य के द्वारा पूजा पाठ भी लगातार कराया जा रहा है".- प्रवीण कोयराला, आचार्य