पटना: स्वच्छ भारत मिशन को धरातल पर उतारने के लिए सरकार शहर से लेकर गांव तक ओडीएफ घोषित करने के लिए पहल कर रही है. लेकिन राजधानी में ये योजना सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गई है. सरकार की पहल से नगर निगम पटना के 75 वार्डों में करोड़ों की लागत से मॉड्यूलर टॉयलेट तो बनाए गए, लेकिन आज तक उसमें ताला लटका हुआ है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मेयर सीता साहू ने तकरीबन एक साल पहले इस मॉड्यूलर टॉयलेट का उद्घाटन किया था. इस शौचालय को लेकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा था कि शौचालय बनने से लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी और शहर गंदा नहीं होगा, लेकिन एक साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी यहां ताला लटका हुआ है.
ये भी पढ़ें- कैमूर: इस स्कूल के शिक्षकों को बिना उपस्थित हुए मिलता है वेतन, MDM में भी गड़बड़ी का आरोप
नगर निगम की लापरवाही
राजधानी के 75 वार्डों में लगभग 2 करोड़ की लागत से 120 मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण कराया गया है. लेकिन इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है. जो इक्के-दुक्के शौचालय खुले भी हैं, वहां गंदगी का अंबार लगा है. निगम ने शौचालय बनाने के लिए टेंडर जिस कंपनी को दी थी उसी कंपनी को सुबह-शाम शौचालय की सफाई करने का भी जिम्मा था. लेकिन न तो सफाई कर्मी शौचालय की सफाई कर रहे हैं और न ही निगम उस कंपनी पर कार्रवाई कर रहा है.