पटना: बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census in Bihar) कराने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) इन दिनों काफी मुखर हैं. बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM NItish Kumar) से मुलाकात के बाद अब गुरुवार को उन्होंने पत्र भी लिखा है. अपने ट्विटर हैंडल पर पत्र साझा करते हुए उन्होंने इस बारे में बिहार सरकार द्वारा निर्णय लेने और स्थिति स्पष्ट करने की मांग की.
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तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को पत्र लिखा: तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा, "जातिगत जनगणना की मांग को लेकर राजद द्वारा आंदोलन की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री जी को पत्र सौंप इस संबंध में बिहार सरकार द्वारा निर्णय लेने और स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. मुख्यमंत्री जी ने आश्वस्त किया है कि यथाशीघ्र फिर से सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातिगत गणना कराने का एलान किया जाएगा."
क्या लिखा है पत्र में? अपने पत्र में तेजस्वी यादव ने लिखा है, 'सदियों से वंचित गरीब एवं कमजोर वर्गों के उत्थान, अपेक्षित प्रगति एवं उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए लक्षित एवं सटीक कल्याण आत्मा की योजना बनाने, उनके लिए बजट में आवंटन एवं समावेशी विकास व संपन्नता के सामूहिक लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु उन समुदायों की वास्तविक जानकारी प्राप्त करना अति आवश्यक है. उन्होंने यह भी लिखा है कि विपक्षी सदस्यों के आग्रह पर आपसे सर्वदलीय बैठक में हुई विमर्श के संदर्भ में राज्य के सभी दलों के प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर देश में जाति जनगणना कराने का आग्रह किया था. बिहार विधानसभा से दो बार जातीय जनगणना कराने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार के भेजा गया था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार अभी तक इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय नहीं ले सकी है.'
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जातिगत जनगणना की माँग को लेकर राजद द्वारा आंदोलन की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री जी को पत्र सौंप इस संबंध में बिहार सरकार द्वारा निर्णय लेने और स्थिति स्पष्ट करने की माँग की।मुख्यमंत्री जी ने आश्वस्त किया है कि यथाशीघ्र फिर से सर्वदलीय बैठक बुलाकर जातिगत गणना कराने का एलान किया जाएगा pic.twitter.com/KcpPNPOvPS
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अति शीघ्र निर्णय लें: तेजस्वी ने आगे लिखा, 'आपसे आग्रह है कि पुनः एक बार भारत सरकार से जातीय जनगणना कराने हेतु अपील की जाए. उन्होंने यह भी लिखा है कि मेरा सुझाव है कि यदि भारत सरकार इस मुद्दे पर साथ नहीं देती है तो राज्य सरकार अपने बजट से बिहार में जातिगत जनगणना कराएं क्योंकि इसमें पहले ही अत्यधिक विलंब हो चुका है, इसलिए इस पर अति शीघ्र निर्णय लें. तेजस्वी यादव ने जाति जनगणना में बिहार सरकार द्वारा निर्णय लेने और स्पष्ट करने की भी मांग की है. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इस आश्वासन के बाद भी सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं होती है तो हमारा संघर्ष जारी रहेगा इस पर सड़क पर आंदोलन ही होगा.'
नीतीश कुमार से मिले तेजस्वी यादव: इससे पहले बुधवार को तेजस्वी ने सीएम से आधे घंटे तक इस मुद्दे को लेकर बातचीत की थी. बाहर निकलकर उन्होंने कहा था, 'हमारी दो दिनों तक सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात हुई है. सभी एजेंडे पर बात हुई है. जो मुद्दा था वो जातीय जनगणना का था, बेरोजगारी का था, महंगाई का था. जिस प्रकार से सांप्रदायिक शक्तियां समाज में तनाव पैदा करना चाहती है, इस विषय पर था. हमने जातीय जनगणना को लेकर अल्टीमेटम भी दिया था और कहा था कि 48 घंटे या 72 घंटे के अंदर मुख्यमंत्री हमको बुलाएं, समय दें ताकि हम उनकी राय को जान सकें कि वो जातीय जनगणना कराना चाहते हैं या नहीं कराना चाहते हैं. अगर कराते हैं तो कैसे कराएंगे इन सभी विषयों पर हमारी बातचीत हुई है. सीएम ने हमें आश्वस्त किया है कि इसके पक्षधर वो भी हैं. उन्होंने कहा है कि बिहार में जातीय जनगणना ठीक से कराया जाएगा. कैबिनेट की बैठक से पहले वो सर्वदलीय बैठक चाहते हैं.'
तेजस्वी ने सरकार को दिया था अल्टीमेटम: दरअसल, तेजस्वी यादव ने मंगलवार को जातीय जनगणना को लेकर 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और उनसे मिलने का समय मांगा था. जिसके बाद दोनों की मुलाकात हुई है. मुलाकात के बिदा तेजस्वी ने यह भी कहा कि जातीय जनगणना को लेकर ऑल पार्टी मीटिंग भी हो सकती है जिसके बाद जनगणना के बारे में एक राय बन सकती है. अपने प्रस्तावित पैदल मार्च के बारे में तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले सीएम नीतीश के आश्वासन को देख लिया जाए, उसके बाद फिर आगे की रणनीति तय की जाएगी.
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