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Tejashwi In Ranchi : 12 फरवरी को झारखंड जाएंगे तेजस्वी, पार्टी को मजबूत करने के लिए करेंगे मैराथन बैठक - तेजस्वी यादव का झारखंड दौरा

झारखंड में राजद अपने अस्तित्व को बचाने और बढ़ाने में जुटा है. राज्य गठन के बाद लगातार उसका जनाधार घटा है. अब उसी जनाधार को फिर से जुटाने की कोशिश हो रही है. इसी क्रम में तेजस्वी यादव 12 फरवरी को झारखंड आ रहे हैं. अपने दौरे के दौरान वो पार्टी में नई जान फूंकने का काम करेंगे.

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Published : Jan 24, 2023, 9:11 PM IST

दीपक शाहदेव, झारखंड महासचिव, आरजेडी

रांची/पटना : झारखंड गठन के बाद राज्य में राष्ट्रीय जनता दल का संगठन लगातार कमजोर होता गया. विधानसभा में राजद विधायकों की संख्या भी लगातार घटती रही है. 2014 विधानसभा चुनाव में तो राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड में खाता तक नहीं खोला. 2019 के विधानसभा चुनाव में किसी तरह एक चतरा सीट राजद जीत सका. जिसके भरोसे वह आज महागठबंधन की सत्ता में भागीदार है.

ये भी पढ़ें - Bihar politics: तेजस्वी बोले-'महागठबंधन में सब ठीक, जहरीली शराब से हुई मौत पर प्रशासन कर रहा कार्रवाई'

मैराथन बैठक करेंगे तेजस्वीः बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एकदिवसीय कार्यक्रम के लिए सेवा विमान से रांची आएंगे और पार्टी संगठन के कार्यक्रम में भाग लेंगे. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव दीपक शाहदेव ने तेजस्वी यादव के झारखंड आगमन की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रखंड से लेकर प्रदेशस्तर तक दल को मजबूती देने के लिए तेजस्वी यादव रांची आ रहे हैं.

तेजस्वी यादव ने की थी प्रमंडलस्तरीय बैठकः झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल संगठन को मजबूत करने के लिए तेजस्वी यादव ने हर महीने झारखंड दौरे का कार्यक्रम बनाया था. इस योजना के तहत ही वर्ष 2021 में 19 सितंबर को रांची में और 24 अक्टूबर 2021 को पलामू के छतरपुर में तेजस्वी यादव ने संगठन को मजबूती देने के लिए सभा की थी. इसके बाद तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में रम गए और वहां के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद हर महीने झारखंड दौरे का उनका कार्यक्रम टलते गया. अब उपमुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर तेजस्वी यादव पहली बार झारखंड दौरे पर आ रहे हैं तो उनका लक्ष्य अपने खोए जनाधार को पाना है.

2019 में सिर्फ 01 विधायकः कभी झारखंड की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल मजबूत हुआ करता था और इसके 9 विधायक हुआ करते थे. 2005 में झारखंड में हुए पहले चुनाव में भी राजद के सात विधायक चुनकर आए थे, लेकिन चुनाव दर चुनाव राष्ट्रीय जनता दल राज्य में कमजोर होता गया और 2009 के चुनाव में विधायकों की संख्या 5 रह गई. 2014 में तो पार्टी विधानसभा चुनाव में खाता नहीं खोल पाई. 2019 में इसी तरह से चतरा से उम्मीदवार सत्यानंद भोक्ता चुनाव जीत सके और राज्य सरकार में शामिल हुआ.

लगातार गठबंधन दलों के लिए सीटें छोड़ने, एक के बाद एक कद्दावर नेताओं का पार्टी छोड़ कर दूसरे दलों में जाने की वजह से लालू प्रसाद की पार्टी कुछ क्षेत्र विशेष में सीमित होकर रह गयी है. यही वजह है कि इस बार राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड में उन 18-20 सीटों की सूची बनाई है जहां लालू प्रसाद की नीति और सिद्धांतों पर विश्वास करने वालों की संख्या अच्छी खासी है. वहां चुनाव लड़ने की योजना राजद नेतृत्व बना रहा है. भले ही झारखंड राजद के नेता अभी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ नहीं कहें लेकिन इतना इशारा तो करते हैं कि 2024 विधानसभा उपचुनाव में राजद 04-06 सीटों पर तो चुनाव नहीं लड़ेगा. यह संख्या कहीं अधिक होगी.

दीपक शाहदेव, झारखंड महासचिव, आरजेडी

रांची/पटना : झारखंड गठन के बाद राज्य में राष्ट्रीय जनता दल का संगठन लगातार कमजोर होता गया. विधानसभा में राजद विधायकों की संख्या भी लगातार घटती रही है. 2014 विधानसभा चुनाव में तो राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड में खाता तक नहीं खोला. 2019 के विधानसभा चुनाव में किसी तरह एक चतरा सीट राजद जीत सका. जिसके भरोसे वह आज महागठबंधन की सत्ता में भागीदार है.

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मैराथन बैठक करेंगे तेजस्वीः बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव एकदिवसीय कार्यक्रम के लिए सेवा विमान से रांची आएंगे और पार्टी संगठन के कार्यक्रम में भाग लेंगे. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव दीपक शाहदेव ने तेजस्वी यादव के झारखंड आगमन की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रखंड से लेकर प्रदेशस्तर तक दल को मजबूती देने के लिए तेजस्वी यादव रांची आ रहे हैं.

तेजस्वी यादव ने की थी प्रमंडलस्तरीय बैठकः झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल संगठन को मजबूत करने के लिए तेजस्वी यादव ने हर महीने झारखंड दौरे का कार्यक्रम बनाया था. इस योजना के तहत ही वर्ष 2021 में 19 सितंबर को रांची में और 24 अक्टूबर 2021 को पलामू के छतरपुर में तेजस्वी यादव ने संगठन को मजबूती देने के लिए सभा की थी. इसके बाद तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में रम गए और वहां के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद हर महीने झारखंड दौरे का उनका कार्यक्रम टलते गया. अब उपमुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर तेजस्वी यादव पहली बार झारखंड दौरे पर आ रहे हैं तो उनका लक्ष्य अपने खोए जनाधार को पाना है.

2019 में सिर्फ 01 विधायकः कभी झारखंड की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल मजबूत हुआ करता था और इसके 9 विधायक हुआ करते थे. 2005 में झारखंड में हुए पहले चुनाव में भी राजद के सात विधायक चुनकर आए थे, लेकिन चुनाव दर चुनाव राष्ट्रीय जनता दल राज्य में कमजोर होता गया और 2009 के चुनाव में विधायकों की संख्या 5 रह गई. 2014 में तो पार्टी विधानसभा चुनाव में खाता नहीं खोल पाई. 2019 में इसी तरह से चतरा से उम्मीदवार सत्यानंद भोक्ता चुनाव जीत सके और राज्य सरकार में शामिल हुआ.

लगातार गठबंधन दलों के लिए सीटें छोड़ने, एक के बाद एक कद्दावर नेताओं का पार्टी छोड़ कर दूसरे दलों में जाने की वजह से लालू प्रसाद की पार्टी कुछ क्षेत्र विशेष में सीमित होकर रह गयी है. यही वजह है कि इस बार राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड में उन 18-20 सीटों की सूची बनाई है जहां लालू प्रसाद की नीति और सिद्धांतों पर विश्वास करने वालों की संख्या अच्छी खासी है. वहां चुनाव लड़ने की योजना राजद नेतृत्व बना रहा है. भले ही झारखंड राजद के नेता अभी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ नहीं कहें लेकिन इतना इशारा तो करते हैं कि 2024 विधानसभा उपचुनाव में राजद 04-06 सीटों पर तो चुनाव नहीं लड़ेगा. यह संख्या कहीं अधिक होगी.

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