पटना: चुनावी साल में सरकार के सामने कोरोना, लॉकडाउन, प्रवासी बिहारी और रोजगार ने चुनौतियों का एक पहाड़ खड़ा कर दिया है. लंबे समय से घर बैठे विपक्ष के सामने भी खुद को साबित करने की चुनौती है. ऐसे में बिहार के नेता प्रतिपक्ष हर दिन सरकार की खामियां ढूंढ रहे हैं और लोगों को आर्थिक मदद के साथ-साथ नौकरिया भी बांट रहे हैं.
पटना पहुंचने के बाद तेजस्वी यादव ने 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन में गुजारे. इस दौरान भी वो लगातार सोशल मीडिया के जरिए चर्चा में बने रहे. क्वॉरेंटाइन सेंटर पर परेशान और बेहाल लोगों की मदद करते रहे. अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के जरिए कई जगह फंसे बिहार के लोगों और विशेष रूप से मजदूरों के पास भोजन-पानी पहुंचाते रहे. अब तेजस्वी और एक्टिव हो गए हैं.
सबसे पहले एक नजर ताजा घटनाक्रम पर
- 24 मई को तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी ने दरभंगा की बेटी ज्योति से वीडियो कॉल कर बात की और उसे आर्थिक सहायता पहुंचाई. इसके साथ ही ज्योति की पढ़ाई, उसकी शादी और पिता की नौकरी का वादा किया.
- 25 मई को तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरिए बेगूसराय के रामपुकार पंडित से बात की. उसे तत्काल 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी और बिहार में ही नौकरी का भरोसा दिलाया.
- 26 मई को नेता प्रतिपक्ष पटना के पीएमसीएच पहुंचे और गोपालगंज गोलीकांड के पीड़ित से मुलाकात कर, हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
- 26 मई को तेजस्वी यादव ने छपरा के सदर अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में रखे गये हंगरी के नागरिक विक्टर जिचो से बात की और उन्हें हर संभव मदद के साथ साथ बढ़िया खाना और पटना पहुंचाने का भी वादा किया.
- 27 मई को तेजस्वी एक्टिव दिखे. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा.
सरकार पर निशाना साध रहे तेजस्वी ने मजबूत विपक्ष का दायित्व बताते हुए गोपालगंज मामले पर मार्च का ऐलान भी किया है. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या तेजस्वी ने यह मान लिया कि वे भावी मुख्यमंत्री हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद जिन लोगों से उन्होंने वादा किया है उन्हें भी नौकरी दे पाएंगे.
एनडीए नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, एनडीए नेता यह सवाल खड़े कर रहे हैं कि जिस पार्टी ने और पार्टी के नेताओं ने अपने शासनकाल में लोगों को नौकरी देने के एवज में उनका घर, जमीन जायदाद लिखवा लिया. वो अब किस आधार पर लोगों को आश्वासन दे रहे हैं. बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जिस पार्टी की कोई विश्वसनीयता न हो, जिस पार्टी के नेता लालू जैसे हो. उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है, ऐसे में यह सिर्फ लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं.
इधर जदयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि पहले तो तेजस्वी यह बताएं कि उन्होंने लोगों को मदद कैसे की है. किस तरह मदद की है और वह खुद पटना कैसे पहुंचे हैं. इसका खुलासा भी उन्हें करना चाहिए. राजीव रंजन ने श्वेत पत्र की मांग की है.
जरूर मुख्यमंत्री बनेंगे तेजस्वी- आरजेडी
इधर एनडीए नेताओं के हमले पर राष्ट्रीय जनता दल ने कड़ा पलटवार किया है. राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जब सरकार की व्यवस्था पूरी तरह फेल हो जाए, तो विपक्ष के नेता को अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी. तेजस्वी यादव लोगों की मदद कर रहे हैं और अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देख रही है और भविष्य में उनका मुख्यमंत्री बनना तय है.