पटना: देश में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन है. ऐसे में विपक्ष लगातार बिहार सरकार पर सवाल उठा रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा है. उन्होंने कहा कि तमाम दावों के बावजूद बिहार में कोरोना जांच पूरे देश की अपेक्षा सबसे कम क्यों? अगर जांच किट नहीं हैं तो सरकारी विफलता है और अगर उपलब्धता के बावजूद जांच नहीं हो रही, तो सबसे बड़ी विफलता है.
'कोरोना टेस्टिंग में बिहार सबसे पीछे'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमारा परम कर्तव्य है कि राज्य सरकार को उनकी खामियों के प्रति सचेत करना और अपनी सकारात्मक आलोचना से जन सरोकार के विषय उठाना. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में हम सरकार से बार-बार आगाह और आग्रह कर रहे हैं कि बिहार कोरोना टेस्टिंग में सबसे पीछे है. स्क्रीनिंग और जांच के नाम पर बस कागजी खानापूर्ति हो रही है. जब तक पर्याप्त टेस्टिंग नहीं होगी, तब तक समस्या की गम्भीरता का न तो सही आकलन सम्भव है और ना उसका निदान.
'क्वॉरेंटाइन सेंटर की स्थिति दयनीय'
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के क्वॉरेंटाइन सेंटर की देशभर में जगहंसाई हो रही है. वहां शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं हो रहा है. मास्क इत्यादि उपलब्ध नहीं है, बल्कि क्वॉरेंटाइन सेंटर की इतनी दयनीय स्थिति है कि कहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर ही संक्रमण का केंद्र ना बन जाए. उन्होंने कहा कि राहत और आपदा के नाम पर खुलेआम लूट और भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन सरकार कुंभकर्णी नींद में है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कई ऐसे वीडियो और ऑडियो भी सामने आए कि स्वयं प्रशासन के लोग भी बसों से उतरने के बाद प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन के बजाय चुप-चाप अपने अपने घर जाने को कह रहे हैं. यहां तक कि छोटे सरकारी मुलाजिमों, स्वयंसेवको और ग्रामीणों के द्वारा प्रवासियों के सीधे अपने घर चले जाने के बारे में सूचित किए जाने बावजूद अधिकारी इस बात का संज्ञान नहीं ले रहे हैं. सरकार की लापरवाही और लचरता के कारण राज्य में कोरोना संक्रमण अपनी पकड़ को मजबूत किए जा रहा है.
'कोरोना पर सरकार गंभीर नहीं'
तेजस्वी ने कहा कि सरकार के पास तैयारी को 3 महीने से अधिक का लंबा समय था, लेकिन न सरकार की गम्भीरता नजर आ रही है और ना तैयारी. उन्होंने कहा कि सरकार क्यों बिहार की समस्त जनता की सुरक्षा और अपनी जिम्मेदारियों से लगातार मुंह मोड़ कर संक्रमण को निमंत्रण दे रही है?