पटना: राजधानी पटना में 7 साल पहले बिछड़े बेटे को देखकर माता-पिता के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. जहां अपनी औलाद को हमेशा के लिए खो देने के गम के साथ जी रहे परिवार को वापस से उनके जीने की वजह मिल गई है. ट्रेन में सफर करने के दौरान बच्चा अपने परिवार से जुदा (Child Separated From Family in Patna) हो गया था. परिजनों ने उसकी हर जगह खोजबीन लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला. किशोर के माता-पिता ने भी उसके मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी लेकिन इतने सालों बाद किशोर का अपने परिवार से पुनर्मिलन हैरान करने वाला है. किशोर के वापस मिलने से परिवार के लोग बेहद खुश हैं.
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पटना बाल संरक्षण इकाई के दफ्तर पहुंचा बच्चा: किशोर सन्नी सात साल पहले माता-पिता के साथ जमुई से पटना साहिब के लिए निकला था. ट्रेन से सफर करते हुए मेहंदीगंज स्तिथ घर जा रहा था. अचानक पिता से सन्नी का हाथ भीड़ के कारण छूट गया, उसी दौरान ट्रेन खुल गई और वह बिचड़ गया. जिसके बाद काफी खोजबीन करने के बावजूद सन्नी का कोई आता-पता नहीं चला. सन्नी की माता मंजू देवी और पिता कृष्णा दास एक-एक दिन आपने बेटे के बिना आंसुओं के साथ गुजारते रहे. वहीं सन्नी ने बताया कि वह ट्रेन से भटककर साहेबगंज पहुंच गया, जहां वह बाल संरक्षण इकाई में रहने लगा.
"मम्मी और पापा से सात साल बाद मिलकर मुझे बहुत खुशी मिली है. ट्रेन से सफर करने के दौरान मैं अपने माता-पिता से बिछड़ गया था. जिसके बाद में बाल संरक्षण इकाई में रहने लगा था. अब फिर से माता-पिता के साथ रहूंगा"-सन्नी, बिछड़ा किशोर
सोशल मीडिया ने 7 साल बाद मिलाया: फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिये सन्नी की फोटो किसी तरह बाल संरक्षण इकाई साहेबगंज के अधिकारियों तक पहुच गई. जिसके बाद उन्होंने वार्ड 60 के पूर्व निगम पार्षद बलराम चौधरी को इसकी सूचना दी. सात साल बाद माता-पिता को देख पुत्र सन्नी की आंखों मे आंसू आ गए. मां मंजू और पिता कृष्णा की करुणा भरी आवाज को देख अधिकारी भी भावुक हो गए. वहीं अधिकारियों ने सात साल पहले और अभी की फोटो का मिलान किया तो सही पाया. जिसके बाद सन्नी को माता-पिता के हवाले कर दिया गया.
"बाल संरक्षण इकाई साहेबगंज के अधिकारियों को धन्यवाद कि उन्होंने मुझे इस बच्चे की सूचना दी और बताया कि संदीप उर्फ सन्नी नाम का बच्चा यहां रह रहा है. मुझे बताया गया कि सन्नी की माता मंजू देवी और पिता कृष्णा दास जमुई के रहने वाले हैं. जिसके बाद हमने उसके माता-पिता से संपर्क किया"- बलराम चौधरी, पूर्व निगम पार्षद