पटना: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग में सातवें चरण की शिक्षक बहाली को लेकर नियमावली पेश नहीं होने (teachers reaction on cabinet meeting) के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों का गुस्सा चरम पर है. शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि नौकरी देना शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के बस में नहीं है. वह ट्विटर पर केवल लाइक, रिट्विट के लिए ट्वीट करते रहते हैं. इन्हें विभाग सीरियसली नहीं लेता है. इन अभ्यर्थियों का कहना है कि जल्द ही इस संबंध में बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा.
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विभाग ही शिक्षामंत्री को गंभीरता से नहीं लेता: गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर आंदोलन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों का कहना है कि नियमावली पेश नहीं होगी, इस बात का अंदेशा पहले से था. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने बताया कि माननीय मंत्री केवल हवा हवाई बातें करते हैं. वह ट्विटर और फेसबुक पर घोषणाएं करते हैं. विभागीय स्तर पर उनकी कोई पकड़ नहीं है. कोई पदाधिकारी उनकी बातों को नहीं सुनते हैं. हमारी सभी मांगों पर मंत्री जी का आश्वासन कुछ और होता है और विभागीय पदाधिकारियों का दिशानिर्देश कुछ और होता है.
शिक्षा मंत्री हवा-हवाई नेताः अमित विक्रम कहते हैं अब हम लोग शिक्षा मंत्री की बातों को सीरियसली नहीं ले रहे हैं. वह घोषणा करते हैं कि हमने नियमावली पर हस्ताक्षर कर दिया है. नियमावली आ जाएगी और इतने लाख लोगों को नौकरी भी मिल जायेगी. वह सारी बातें अखबार में छप गई, लेकिन आज नियमावली आई ही नहीं. विभाग में क्या हो रहा है, शिक्षा मंत्री को खबर ही नहीं रहती है. शिक्षा मंत्री हवा हवाई नेता हैं.अमित विक्रम कहते हैं कि आंदोलनरत अभ्यर्थी भाइयों से मेरा अनुरोध है कि वह शिक्षा मंत्री की बातों को सीरियस न लें. वह लाइक, ट्वीट, रिट्वीट के लिए कुछ भी कहते रहते हैं, ताकि उनका व्यूअरशिप बढ़े.
शिक्षा मंत्री को सोशल मीडिया पर व्यूवरशिप बढ़ने से मतलबः अमित ने कहा कि वह चाहते हैं कि कोई भी बात बोलें और पूरे देश में छा जाए. उनको देश में छाना है. शिक्षा विभाग के सुधार के लिए उनको कोई कदम नहीं उठाना है. अमित कहते हैं कि धैर्य का बांध अब टूट चुका है. कई सालों से बात हो रही थी कि नई नियमावली आएगी. 2020 में जब आंदोलन हड़ताल हुआ था तो नई नियमावली आने की बात कही गई थी. ट्रांसफर की सुविधा दी गई थी. वह भी लागू नहीं हुई. कहा गया कि नई नियमावली आएगी, तब दिया जाएगा. नई नियमावली की आस में हम लोग 3 साल से बैठे हैं, लेकिन वह आ नहीं रही है.
तेजस्वी भी खो रहे विश्वसनीयता:अमित यह भी कहते हैं कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की भी विश्वसनीयता अब खो रही है. जो वादे उन्होंने किए थे कि शिक्षकों को समान काम समान वेतन मिलेगा, 10 लाख रोजगार देने की बात भी कहे थे. वेतन देने की बात तो छोड़ दीजिए, वेतन की कटौती हो रही है. वह रोजगार क्या देंगे? पहले से जो रोजगार में हैं, उनका भी वेतन काटा जा रहा है. राजद के नेता और शिक्षा मंत्री विश्वसनीयता को खो रहे हैं. शिक्षा मंत्री से हमारी उम्मीद खत्म हो चुकी है.
"नियमावली को लेकर अब हम लोग केवल इंतजार कर सकते हैं. जब हमारा हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तो विरोध कर सकते हैं, जो कि हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. हम लोग विरोध प्रदर्शन करेंगे. हमारे अभ्यर्थी भाई-बहन आक्रोश में है. उनका गुस्सा वाजिब है. आखिर कितने दिन आश्वासन पर भरोसा किया जाएगा. हम लोग 26 फरवरी को अपने सभी साथियों को पटना बुला रहे हैं. राजधानी में उग्र आंदोलन होगा" - अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ