पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जातीय जनगणना में लगे शिक्षकों के लिए नया आदेश जारी किया है. विभाग द्वारा इस बारे में आदेश पत्र जारी कर दिया गया है. केके पाठक की तरफ से राज्य के सभी जिला अधिकारियों के नाम से जारी आदेश पत्र में स्पष्ट किया गया है.
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बैकफुट पर केके पाठक: बता दें कि इससे पहले केके पाठक ने आदेश दिया था कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षक शामिल नहीं होंगे, लेकिन अब उन्होंने फिर नया फरमान जारी किया है. इस नए फरमान के साथ ही केके पाठक बैकफुट पर आ गए हैं. नए आदेश में उन्होंने शिक्षकों के जातीय गणना में शामिल होने की बात कही है.
शिक्षकों के लिए फिर निकाला नया आदेश: केके पाठक ने नए आदेश में कहा है कि दो अगस्त से जाति जनगणना फिर से शुरू हो रही है. आपसे अनुरोध है कि शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी विद्यालय पूरी तरह शिक्षक विहीन ना हो जाए. शिक्षकों को केवल जातीय जनगणना के कार्य में लगाया जाए तथा अन्य कोई प्रशासनिक कार्य न लिए जाए.
राज्य सरकार का आदेश: बता दें कि राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि दो अगस्त से शुरू हुई जाति आधारित जनगणना कार्य शीघ्र संपादन के लिए सभी प्रकार के प्रशिक्षण स्थगित कर दिए गए हैं. राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद की तरफ से इस संबंध में आदेश पत्र जारी कर दिया गया है.
जातीय गणना को लेकर शिक्षकों को फरमान: राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक सज्जन आर की तरफ से बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान, फुलवारी के अपर महानिदेशक, बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान गया के अपर महानिदेशक, सभी प्राचार्य, शिक्षा महाविद्यालय के अध्यापक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय और प्रखंड शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के नाम से जारी आदेश पत्र जारी किया गया है. इसमें स्पष्ट किया गया कि राज्य सरकार के निर्देश के संदर्भ में राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद समेत राज्य के विभिन्न प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित किए जा रहे सभी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है.
दूसरे चरण के लिए सरकार ने कसी कमर: आदेश पत्र में आगे स्पष्ट किया गया है कि सभी प्रशिक्षुओं को अपने विद्यालय में योगदान करते हुए जाति आधारित जनगणना 2022 के दूसरे चरण के इस कार्य को कम से कम समय में पूरा करने के लिए यथाशीघ्र निर्देशित किया जाए. बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना को हरी झंडी देते हुए नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है. अब बिहार सरकार जल्द से जल्द जातीय जनगणना के दूसरे चरण का काम पूरा करने की कोशिश में है. इसी के तहत नया आदेश पारित किया गया है.