नई दिल्ली/पटना: बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए तेजस्वी यादव ने ममता बनर्जी के सामने सरेंडर कर दिया है. ऐसी चर्चा सियासी गलियारों में है. बिहार में राजद, कांग्रेस और वामदलों ने मिलकर 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा था. अभी भी यह दल एक साथ गठबंधन में हैं. और बिहार में विपक्षी दल की भूमिका साथ निभा रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में ये तिकड़ी बिखरती नजर आ रही है. बंगाल में राजद भाजपा को हराने के लिए सियासी चक्रव्यूह रच चुकी है, लेकिन मुश्किल ये है कि ममता का मुकाबला भाजपा के अलावा कांग्रेस और वाम दलों से है.
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राजद ने बिहार के दोस्तों से बंगाल में क्यों तोड़ा नाता?
सवाल यह उठता है कि बिहार में जो राजद ने महागठबंधन किया था उसका आधार क्या था? क्या उसका आधार भाजपा और जदयू (NDA) को हराना था? यह अलग बात है कि बिहार में राजद की पैठ गहरी है और बंगाल में उसका जनाधार नहीं दिखता है, लेकिन फिर भी तेजस्वी ने भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए बिहार के अपने दोस्तों को बंगाल में खुद का दुश्मन बना लिया है. हालांकि, कांग्रेस ने इन सवालों से पल्ला झाड़ते हुए एक लाइन में कह दिया की यह राजद का अपना निर्णय है.
राजद का अपना फैसला
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि "राजद कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है. पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने टीएमसी को समर्थन देने का निर्णय लिया है. इससे हमें कोई दिक्कत नहीं. तेजस्वी यादव को लगता होगा कि बीजेपी को हराने में ममता बनर्जी सक्षम हैं, इसलिए उन्होंने समर्थन दिया है."
कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को नहीं होगा कोई नुकसान
तारिक अनवर ने कहा कि तेजस्वी यादव के इस निर्णय से बंगाल में कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. बंगाल में हम लोग बहुत मजबूत स्थिति में हैं. 2 मई को नातीजे आ जाएंगे. उस दिन पता चल जाएगा कि सरकार किसकी बन रही है. बंगाल में लोग काफी सचेत रहते हैं और ऐसा नहीं है किसी के कहने पर किसी पार्टी को वोट दे देंगे.
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ममता को तेजस्वी का समर्थन
वहीं, तेजस्वी यादव ने ममता बनर्जी को बिना शर्त समर्थन करने के ऐलान के बाद कहा है कि बीजेपी को हराना उनकी प्राथमिकता है. तेजस्वी ने बंगाल में रह रहे बिहार के लोगों से ममता बनर्जी की पार्टी TMC को वोट देने की अपील की है. राजद टीएमसी के साथ गठबंधन कर कुछ सीटों पर चुनाव भी लड़ना चाहती है, लेकिन उस दिशा में अभी बातचीत नहीं हो पा रही है. बता दें, पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2 मई को नतीजे आएंगे.