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'One-Nation-One-Election के जरिए भाजपा छोटे राजनीतिक दलों को खत्म करना चाहती है'- संदीप पांडे

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 25, 2023, 9:44 AM IST

Updated : Sep 25, 2023, 10:30 AM IST

महिला आरक्षण को लेकर और वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर इन दिनों देश में काफी चर्चा है. हर राजनीतिक पार्टी अपने- अपने हिसाब से इसके फायदे और नुकसान गिनाने में लगी है. दोनों मुद्दों पर ईटीवी भारत ने भी मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित समाज और राजनीति की समझ रखने वाले संदीप पांडे से बातचीत की, जिस पर उन्होंने विस्तार से खुलकर अपनी राय रखी.

संदीप पांडे
संदीप पांडे
संदीप पांडे, समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक

पटनाः देश के अंदर दो मुद्दा हाट केक बना हुआ है. एक और जहां महिला आरक्षण को लेकर देश के अंदर बहस छिड़ी है, विपक्ष आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग कर रही है तो वहीं, समाजसेवी महिलाओं के लिए आरक्षण 50% तक चाहते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा भी गरमाया हुआ है. दोनों मुद्दों को लेकर राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग बहस कर रहे हैं. मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित समाजसेवी संदीप पांडे से ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की.

ये भी पढ़ेंः Women Reservation Bill: 'प्रधानमंत्री ने महिला आरक्षण के नाम पर किया इवेंट मैनेजमेंट'-ललन सिंह

सवाल: वर्तमान परिस्थितियों में महिला आरक्षण बिल को लाया गया है, इसको किस तरीके से देखते हैं?
जवाबः महिला आरक्षण बिल को लाया जाना बहुत अच्छी बात है, हमारे अगल-बगल के पड़ोसियों से तुलना कर ले पाकिस्तान और बांग्लादेश तो उनकी भागीदारी अधिक है, जबकि वह इस्लामी राष्ट्र है और ऐसा माना जाता है कि वह इस्लाम में औरतों को घर से बाहर निकालने की इतनी छूट नहीं होती है फिर भी उनकी संसद में महिलाओं का प्रतिशत हमारी संसद से ज्यादा है तो यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था और हमारी सोशलिस्ट पार्टी की मांग है कि कम से कम 50% आरक्षण महिलाओं को मिलना चाहिए.

जिस अनुपात में समाज में वंचित तबके हैं, यानी कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, किन्नर, विकलांग और जो श्रेणियां हैं मजदूर हैं, उनके लिए इन्हीं अनुपात में इस आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए.

सवाल: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर भी काफी जोर-जोर से चर्चा हो रही है. क्या व्यावहारिक रूप से यह संभव है?
जवाबः यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है और पहले आपको मालूम है कि जब हमारे यहां लोकतंत्र स्थापित हुआ तो पहले सारे चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन जहां पर बहुदलीय लोकतंत्र प्रणाली है संसदीय प्रणाली में मान लीजिए कि किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला और गठबंधन की सरकार बनी और बीच में ही गिर गई तब आप क्या करेंगे, यह भारतीय जनता पार्टी की साजिश है.

वह सिर्फ वन नेशन वन इलेक्शन की बात तक नहीं रुकेगी, वो एक देश एक दल जैसे चीन में है, उस रास्ते पर भाजपा जाना चाहती है, क्योंकि जब एक दल रहेगा तभी 5 साल सरकार चलने की गारंटी होगी नहीं तो 5 साल सरकार चलने की गारंटी कैसे रहेगी. यह भारतीय जनता पार्टी की साजिश है. वह इस देश से छोटे-छोटे राजनीतिक दल को खत्म करके विपक्ष को भी पूरे देश से खत्म करना चाहती है.

सवालः संदीप पांडे जी का आगे का कार्यक्रम क्या होगा, और किन मुद्दों को लेकर आप संघर्ष करेंगे?
जवाबः हमारी पार्टी की तरफ से एक पदयात्रा है, डॉक्टर लोहिया के जन्म स्थान अकबरपुर उत्तर प्रदेश से फैजाबाद कब तक निकली जाएगी. जहां आचार्य नरेंद्र देव वकालत की प्रैक्टिस करते थे, इस तरह की कई सारी पद यात्राएं होनी हैं. उसमें एक जयप्रकाश जी के गांव से कर्पूरी ठाकुर के गांव तक भी होगी और हो सकता है कि यह संग्रहालय को बचाने के लिए हम लोग राहुल सांकृत्यायन के गांव आजमगढ़ से पटना की पदयात्रा करें

एक यात्रा मेधा पाटकर जी के नेतृत्व में जल्दी ही होने वाली है 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक यात्रा होने वाली है. देश में जो गांधी की विरासत है, जिसको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा खत्म करना चाहती है, उसको बचाने के लिए और हिंदुत्ववादी राष्ट्रवादी अवधारणा से जो खतरा उत्पन्न हुआ है उसको बचाने और उसको फिर से स्थापित करने के लिए हम संघर्ष करेंगे.

संदीप पांडे, समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक

पटनाः देश के अंदर दो मुद्दा हाट केक बना हुआ है. एक और जहां महिला आरक्षण को लेकर देश के अंदर बहस छिड़ी है, विपक्ष आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग कर रही है तो वहीं, समाजसेवी महिलाओं के लिए आरक्षण 50% तक चाहते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा भी गरमाया हुआ है. दोनों मुद्दों को लेकर राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग बहस कर रहे हैं. मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित समाजसेवी संदीप पांडे से ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की.

ये भी पढ़ेंः Women Reservation Bill: 'प्रधानमंत्री ने महिला आरक्षण के नाम पर किया इवेंट मैनेजमेंट'-ललन सिंह

सवाल: वर्तमान परिस्थितियों में महिला आरक्षण बिल को लाया गया है, इसको किस तरीके से देखते हैं?
जवाबः महिला आरक्षण बिल को लाया जाना बहुत अच्छी बात है, हमारे अगल-बगल के पड़ोसियों से तुलना कर ले पाकिस्तान और बांग्लादेश तो उनकी भागीदारी अधिक है, जबकि वह इस्लामी राष्ट्र है और ऐसा माना जाता है कि वह इस्लाम में औरतों को घर से बाहर निकालने की इतनी छूट नहीं होती है फिर भी उनकी संसद में महिलाओं का प्रतिशत हमारी संसद से ज्यादा है तो यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था और हमारी सोशलिस्ट पार्टी की मांग है कि कम से कम 50% आरक्षण महिलाओं को मिलना चाहिए.

जिस अनुपात में समाज में वंचित तबके हैं, यानी कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, किन्नर, विकलांग और जो श्रेणियां हैं मजदूर हैं, उनके लिए इन्हीं अनुपात में इस आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए.

सवाल: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर भी काफी जोर-जोर से चर्चा हो रही है. क्या व्यावहारिक रूप से यह संभव है?
जवाबः यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है और पहले आपको मालूम है कि जब हमारे यहां लोकतंत्र स्थापित हुआ तो पहले सारे चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन जहां पर बहुदलीय लोकतंत्र प्रणाली है संसदीय प्रणाली में मान लीजिए कि किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला और गठबंधन की सरकार बनी और बीच में ही गिर गई तब आप क्या करेंगे, यह भारतीय जनता पार्टी की साजिश है.

वह सिर्फ वन नेशन वन इलेक्शन की बात तक नहीं रुकेगी, वो एक देश एक दल जैसे चीन में है, उस रास्ते पर भाजपा जाना चाहती है, क्योंकि जब एक दल रहेगा तभी 5 साल सरकार चलने की गारंटी होगी नहीं तो 5 साल सरकार चलने की गारंटी कैसे रहेगी. यह भारतीय जनता पार्टी की साजिश है. वह इस देश से छोटे-छोटे राजनीतिक दल को खत्म करके विपक्ष को भी पूरे देश से खत्म करना चाहती है.

सवालः संदीप पांडे जी का आगे का कार्यक्रम क्या होगा, और किन मुद्दों को लेकर आप संघर्ष करेंगे?
जवाबः हमारी पार्टी की तरफ से एक पदयात्रा है, डॉक्टर लोहिया के जन्म स्थान अकबरपुर उत्तर प्रदेश से फैजाबाद कब तक निकली जाएगी. जहां आचार्य नरेंद्र देव वकालत की प्रैक्टिस करते थे, इस तरह की कई सारी पद यात्राएं होनी हैं. उसमें एक जयप्रकाश जी के गांव से कर्पूरी ठाकुर के गांव तक भी होगी और हो सकता है कि यह संग्रहालय को बचाने के लिए हम लोग राहुल सांकृत्यायन के गांव आजमगढ़ से पटना की पदयात्रा करें

एक यात्रा मेधा पाटकर जी के नेतृत्व में जल्दी ही होने वाली है 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक यात्रा होने वाली है. देश में जो गांधी की विरासत है, जिसको राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा खत्म करना चाहती है, उसको बचाने के लिए और हिंदुत्ववादी राष्ट्रवादी अवधारणा से जो खतरा उत्पन्न हुआ है उसको बचाने और उसको फिर से स्थापित करने के लिए हम संघर्ष करेंगे.

Last Updated : Sep 25, 2023, 10:30 AM IST
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