पटना: बिहार विधान परिषद के सभापति के पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. कार्यकारी सभापति हारून रशीद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसके साथ ही 29 सदस्यों का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है. जिसमें 12 राज्यपाल से मनोनीत होने वाले सदस्य हैं. 9 विधानसभा से चुने गए सदस्य और 8 शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए सदस्य हैं. बता दें कि पहले भी विधान परिषद के सभापति का पद बीजेपी के पास रहा है, ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि एकबार फिर से यह पद बीजेपी के खाते में जा सकती है.
पहले भी दो बार खाली रहा है सभापति का पद
बिहार विधान परिषद यानी उच्च सदन के सभापति का पद काफी महत्वपूर्ण है. हारून रशीद 2017 से इस पद पर कार्यकारी सभापति थे. हारून रशीद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. लेकिन अभी तक इस पद के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं हुई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि यह पद अब बीजेपी के पास जाएगी. बीजेपी खेमे में अवधेश नारायण सिंह पहले से ही दावेदार बने हुए हैं, साथ ही कई अन्य नामों पर भी भी चर्चा हो रही है. पहले भी विधान परिषद के सभापति का पद बीजेपी के पास ही था. लेकिन नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर निकलने के बाद यह पद जदयू के पास ही रह गया.
'सरकार जल्द करेगी फैसला'
बीजेपी की दावेदारी पर पथ निर्माण मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव का कहना है अभी तो कार्यवाही चलने वाली नहीं है और सरकार मिल बैठकर इस पर फैसला करेगी. वहीं जदयू कोटे से योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है कि संवैधानिक पद है. सरकार जल्द ही इसपर फैसला लेगी. बीजेपी के विधान पार्षद कृष्ण कुमार का कार्यकाल भी बुधवार को समाप्त हो रहा है. कृष्ण कुमार के अनुसार पहले भी विधान परिषद के सभापति का पद दो बार खाली रह चुका है.
क्या होगा नीतीश का अगला प्लान?
बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद से विधानसभा अध्यक्ष का पद जदयू के पास रहा है और विधान परिषद के सभापति का पद बीजेपी के पास. बीजेपी खेमे से जो खबर आ रही है अब एक बार फिर से सभापति के पद को लेकर पार्टी की ओर से दावेदारी हो रही है. एसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि बीजेपी की दावेदारी पर सीएम नीतीश कुमार की मुहर लगती है या नहीं.