पटना: बिहार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव की ओर से जाती पीत पत्र को लेकर दो दिनों से हंगामा मचा है. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मसले पर हस्तक्षेप किया और चंद्रशेखर और केके पाठक को अपने आवास बुलाया था. अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे आरजेडी के मंत्री के खिलाफ नीतीश कुमार की साजिश करार दिया है.
बोले सुशील मोदी- 'चंद्रशेखर के खिलाफ नीतीश की साजिश': अधिकारी और मंत्री के विवाद को लेकर राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि आरजेडी के मंत्रियों पर अंकुश और नियंत्रण रखने के लिए ऐसे अधिकारियों को लगाया गया है. इसी के कारण मंत्रियों और अधिकारियों में तनातनी शुरू हो गई है. केके पाठक के बारे में सभी जातने हैं. किसी भी विभाग में छह महीने से ज्यादा नहीं टिकते.
"नीतीश कुमार के इशारे पर केके पाठक को शिक्षा मंत्री का अपर मुख्य सचिव बनाकर भेजा गया है. शिक्षा मंत्री पहले अनाप- शनाप बयान देते थे. शिक्षा मंत्री को केके पाठक टाइट कर सकें, इसलिए भेजा गया है. मंत्री सर्वोपरि होता है. भले वह पढ़ा लिखा कम हो लेकिन वह सर्वोच्च होता है और नौकरशाह इस तरह से मंत्री को बेइज्जत जलील करें बर्दाश्त से बाहर है."- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद
'नैतिकता के आधार पर दें पद से इस्तीफा': सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री से मेरे अच्छे संबंध नहीं है क्योंकि उन्होंने रामचरितमानस पर भी विवादित बयान दिया था .लेकिन मंत्री के पीए को विभाग में घुसने नहीं दिया जायगा, मंत्री की कोई औकात नहीं है, ऐसी स्थिति में या तो मंत्री रहे या सचिव रहे. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री में अगर थोड़ी सी भी नैतिकता और हिम्मत है तो उनको तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. नीतीश कुमार को बताने का काम करें कि अगर हमको मंत्री रखना है तो केके पाठक को हटाना पड़ेगा.
तेजस्वी की विदेश यात्रा पर निशाना: सुशील मोदी ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि राजद के जो मुखिया हैं तेजस्वी यादव, वह मौज मस्ती करने के लिए विदेश घूम रहे हैं. एक महीना हो गया और अपनी पार्टी की स्थापना दिवस पर भी नहीं आए. अगर तेजस्वी यादव रहते तो मंत्री और सचिव को बैठाकर समझाने का काम कर सकते थे.
"राजद कोटे से जो मंत्री हैं उनके यहां ऐसे अधिकारी को बिठा दिया गया है कि मंत्री अंकुश में रहे. राजद के शिक्षा मंत्री ही दुखी नहीं है बल्कि सभी मंत्री दुखी हैं क्योंकि मंत्री की औकात नौकर से भी बदतर हो गई है. चंद्रशेखर पढ़े-लिखे मंत्री हैं. अगर उनमें थोड़ी- सी भी नैतिकता और ईमानदारी बची है इस्तीफा दे देना चाहिए."- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद