पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील मोदी (BJP MP Sushil Modi) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘डुप्लीकेट पिछड़ा’ जैसे ओछे शब्द बोल कर जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने अतिपिछड़ों का अपमान किया है और यह बयान जदयू की पिछड़ा-विरोधी सामंती मानसिकता का प्रमाण है.
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'प्रधानमंत्री की जाति पर ललन सिंह की टिप्पणी अतिपिछड़ों का अपमान': सुशील मोदी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि पिछड़े वर्ग से पहली बार कोई ऐसा मजबूत प्रधानमंत्री देश को मिला है, जिसका लोहा दुनिया मान रही है लेकिन महागठबंधन में बैठे सामंतवादियों और जेपी-लोहिया के फर्जी चेलों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार के अतिपिछड़ों ने दिखा दिया था कि वे प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ नहीं. उस समय जदयू केवल दो सीट जीत पाया था.
भाजपा सांसद ने कहा कि यदि पिछड़ों ने मजबूती से श्री नरेंद्र मोदी का साथ नहीं दिया होता तो भाजपा उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मणिपुर में दोबारा जनादेश नहीं प्राप्त करती. उन्होंने कहा कि 18 राज्यों में भाजपा की सरकार है जबकि जदयू केवल बिहार तक सिमटा है और यहां भी इनकी हैसियत कभी अकेले सरकार बनाने की नहीं रही. जदयू खाली घड़े की तरह ज्यादा आवाज कर रहा है.
सुशील मोदी ने कहा कि पहले अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिये बिना निकाय चुनाव कराने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद और अब प्रधानमंत्री मोदी की जाति पर जदयू प्रमुख की टिप्पणी से जलन-द्वेष की जो राजनीति की जा रही है, उसका परिणाम महागठबंधन को वर्ष 2024 में जीरो पर आउट होकर भुगतना पड़ेगा.