नई दिल्ली: अगर आप फिल्म देखने के शौकीन हैं और थिएटर में फिल्म देखने के साथ-साथ पॉपकॉर्न का मजा लेते हैं, तो अब आपका मजा किरकिरा हो सकता है. इसकी वजह पॉपकॉर्न का बेस्वाद होना नहीं, बल्कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली 55वीं जीएसटी परिषद द्वारा लागू किए गए नए जीएसटी नियमों हो सकते हैं.
दरअसल, 21 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल ने पॉपकॉर्न के लिए अलग-अलग टैक्स दरें पेश कीं, जिससे मूवी देखने वालों और स्वस्थ नाश्ते के शौकीनों के सिर चकरा गए. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, पहले से पैक किए गए और नमक और मसालों के साथ मिक्स रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न पर 12 प्रतिशत टैक्स लगेगा, जबकि कैरमल पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा. वहीं, मौजूदा समय में 'रेडी-टू-ईट' पॉपकॉर्न पर 5 प्रतिशत टैक्स लगता है.
I buy #popcorn at 18% GST!! 🍿🍿🍿
— Shruti Malhotra (@Shruti_Malhotra) June 27, 2020
I buy fuel at Rs 80 a litre... ⛽⛽⛽⛽
I spend my life paying taxes - On income, on saving, on investment... 💸💸💸
Yet, I have no job security, no health security, no retirement security!
Am I a fool or a patriot? 🤔🤔
कैरमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर व्यापक चर्चा
सीतारमण ने बताया कि एक बार जब पॉपकॉर्न को चीनी के साथ कोट करके कैरमल पॉपकॉर्न बनाया जाता है तो इसकी नेचर चीनी कन्फेक्शनरी में बदल जाती है. इसलिए इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया है. सीतारमण ने कहा, "हमने कैरमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर व्यापक चर्चा की, सभी राज्य इस बात पर सहमत हुए कि चीनी मिलाए गए सभी आइटम को एक अलग टैक्स ब्रैकेट के तहत माना जाए."
Do we have to pay tax for
— munawar faruqui (@munawar0018) December 22, 2024
Sugarcoating our words in conversation ?#PopcornTax
सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़
लेकिन नेटिजन्स ने इससे आश्वस्त नहीं है, जिससे विषय-वस्तु से संबंधित मीम्स की बाढ़ आ गई है. एक शख्स ने लिखा "मैं 18 फीसदी जीएसटी पर पॉपकॉर्न खरीदता हूं!!. मैं 80 रुपये प्रति लीटर पर ईंधन खरीदता हूं. मैं अपनी लाइफ टैक्स का भुगतान करने में बिताता हूं. इनकम पर, बचत पर, निवेश पर. फिर भी मेरे पास कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं है, कोई स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं है, कोई रिटायरमेंट सिक्योरिटी नहीं है! क्या मैं मूर्ख हूं या देशभक्त?"
— Buggy Human (@SridharanAnand) December 21, 2024
कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने किया कमेंट
वहीं, कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी ने भी मजाकिया अंदाज में इस टिप्पणी करते हुए कहा, "क्या हमें बातचीत में मीठे शब्दों को इस्तेमाल करने के लिए टैक्स देना होगा?" इस दौरान कुछ नेटिजंस वित्त मंत्रालय की प्राथमिकताओं को लेकर अधिक चिंतित दिखे.
Are these your priorities @GST_Council? Is this how you make India a 5 trillion economy 😁@nsitharaman #PopcornTax pic.twitter.com/DyJayHmT52
— 🥱 (@tuhimeradil) December 22, 2024
एक आलोचक ने कहा, "हमारी वित्त मंत्री पॉपकॉर्न जीएसटी पर चर्चा करने में समय व्यतीत करती हैं, जबकि विदेशी वित्त मंत्री क्रिप्टोकरेंसी रिजर्व पर बहस करते हैं." एक अन्य यूजर्स ने टिप्पणी की, "सरकार के लिए पॉपकॉर्न पर जीएसटी, बीमा पर जीएसटी हटाने या घटाने से अधिक महत्वपूर्ण लगता है."
जयराम रमेश ने साधा निशाना
यहां तक कि कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी की और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जीएसटी के तहत पॉपकॉर्न के लिए तीन अलग-अलग टैक्स स्लैब की बेतुकी बात, जिसने सोशल मीडिया पर मीम्स की सुनामी ला दी है, केवल एक गहरे मुद्दे को सामने लाती है. आप इस 'बेतुके' टैक्स के बारे में क्या सोचते हैं?
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