पटनाः बिहार की राजधानी पटना में आज एक महत्वपूर्ण सियासी कार्यक्रम संपन्न हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर देशभर के सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के तमाम बड़े नेता विपक्षी एकता की बैठक में जमा हुए थे. बैठक के बाद प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन हुआ और इसमें सभी ने बारी-बारी से अपने विचार रखे. वहीं इस प्रेस वार्ता में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हुए. इस पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि विपक्ष की बैठक टांय- टांय फिस हो गई.
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'अगली बैठक की तिथि तय, बस यही है उपलब्धि' : सुशील मोदी ने कहा कि कहावत है ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ परंतु बैठक के बाद जो चुहिया निकली वह भी मरी हुई. उन्होंने कहा कि बैठक की एक ही उपलब्धि है कि अगली बैठक का स्थान और तिथि तय हो गया. इस बैठक में न तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार, न ही नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की चर्चा हुई. उल्टे अरविंद केजरीवाल गुस्से में प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए.
"विपक्ष की बैठक टांय- टांय फिस हो गई. कहावत है ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ परंतु बैठक के बाद जो चुहिया निकली वह भी मरी हुई. बैठक की एक ही उपलब्धि है कि अगली बैठक का स्थान और तिथि तय हो गया. इस बैठक में न तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार, न ही नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की चर्चा हुई. उल्टे अरविंद केजरीवाल गुस्से में प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए" - सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, बीजेपी
'वंशवादी और भ्रष्टाचार में लिप्त पार्टियों की बैठक' : सुशील मोदी ने यहां तक कहा कि 7 मुख्य विपक्षी दल बैठक से नदारद थे. 15 शामिल दलों में 10 परिवारवादी दल हैं और 12 दल वैसे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. ऐसे वंशवादी और भ्रष्टाचारियों से लिप्त पार्टियां ईमानदार नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर सकती. विपक्षी एकता की बैठक के जब से चर्चा शुरू हुई है, तब से बीजेपी इसके फ्लाॅप होने की बात कह रही है. वहीं आज अरविंद केजरीवाल के प्रेस कान्फ्रेंस में शामिल नहीं होने फिर एक मौका मिल गया और सुशील मोदी ने इस पर विपक्षी एकता की मुहिम को जमकर लताड़ा.