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कौन है यह विदेशी मुस्लिम जिसने भगवान जगन्नाथ के प्रति दिखाई अपनी आस्था, बोला- यहां कदम रखना मेरा सौभाग्य - PRAVASI BHARATIYA DIVAS

विदेश से आया यह मुस्लिम, भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा के सामने जोड़े हाथ, बोला- मैं धन्य हो गया.

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मोहम्मद ने श्री जगन्नाथ जी के प्रति अपनी आस्था दिखाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 9 hours ago

भुवनेश्वर: ओडिशा में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के आयोजन स्थल जनता मैदान में हिंदू और मुस्लिम भाईचारे का बड़ा ही सुखद दृश्य देखने को मिला. यहां मॉरिशस के नागरिक मोहम्मद नाम के शख्स ने भगवान जगन्नाथ की भव्य प्रतिमा के सामने हाथ जोड़े दिखाई दिए. सफेद लिबास और टोपी पहने हुए मोहम्मद, धार्मिक सीमाओं से परे भगवान जगन्नाथ के प्रति गहरी आस्था दिखाई.

भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भगवान की उपस्थिति से स्पष्ट रूप से मोहित होकर खड़े होने पर धर्मों के बीच का अंतर धुंधला दिखाई दिया. ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने इस मौके पर मोहम्मद से बातचीत की. मॉरिशस के नागरिक मोहम्मद ने भक्ति को नए सिरे से परिभाषित किया. उन्होंने कहा कि, ' हम मॉरीशस में सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और सभी देवताओं के प्रति भक्ति रखते हैं. उन्होंने कहा, जगन्नाथ जी सर्वोच्च शक्ति हैं, वे शांति और प्रेम के प्रतीक हैं.

मॉरिशस मोहम्मद पुरी जाकर बाहर से ही सही मंदिर का दर्शन करना चाहते हैं. (ETV Bharat)

मोहम्मद ने कहा कि, भगवान की धरती पर कदम रखना उनका सौभाग्य है. मोहम्मद ने आगे कहा कि, भले ही बाहर वे बाहर से मंदिर का दर्शन कर लेंगे लेकिन वे जगन्नाथ मंदिर की एक झलक पाने के लिए पुरी जाने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि, वे पुरी में जगन्नाथ मंदिर देखना चाहता हैं. मोहम्मद ने कहा, "मैं हमेशा लोगों, जगहों और धर्मों से सीखता रहता हूं. मैंने जगन्नाथ के बारे में बहुत कुछ जाना और सीखा है. उन्होंने कहा कि, भगवान जगन्नाथ शांति और सद्भाव के देवता हैं और मैं उनके निवास को देखना चाहता हूं."

उन्होंने यह भी बताया कि मॉरीशस में हिंदू त्यौहार कैसे मनाए जाते हैं. मोहम्मद ने कहा "हम महा शिवरात्रि मनाते हैं, हमारे यहां कांवड़िए शिव मंदिरों में जल के बर्तन लेकर जाते हैं और हम इन सभी त्योहारों का आनंद लेते हैं." उन्होंने कहा कि, अधिकतर मॉरीशसवासी अपनी असली जड़ भारत को मानते हैं. उन्होंने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला जैसी ग्लोबल हस्तियों को अपने लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत बताया.

मोहम्मद मॉरीशस को बहुत विविधता वाला एक छोटा द्वीप बताया. उन्होंने कहा कि, मॉरिशस मेंहिंदू चर्च जा सकते हैं और ईसाई मस्जिद जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि, वे मॉरिशस में सद्भाव में रहते हैं और धर्म को खुद को विभाजित नहीं करने देते हैं. मोहम्मद का मानना है कि, हर कोई ईश्वर को अलग-अलग नाम देता है लेकिन वास्तव में हम सभी एक ही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं.

ये भी पढ़ें: प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पीएम मोदी बोले- प्रवासियों की उपस्थिति उत्साह बढ़ाता है

भुवनेश्वर: ओडिशा में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के आयोजन स्थल जनता मैदान में हिंदू और मुस्लिम भाईचारे का बड़ा ही सुखद दृश्य देखने को मिला. यहां मॉरिशस के नागरिक मोहम्मद नाम के शख्स ने भगवान जगन्नाथ की भव्य प्रतिमा के सामने हाथ जोड़े दिखाई दिए. सफेद लिबास और टोपी पहने हुए मोहम्मद, धार्मिक सीमाओं से परे भगवान जगन्नाथ के प्रति गहरी आस्था दिखाई.

भुवनेश्वर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में भगवान की उपस्थिति से स्पष्ट रूप से मोहित होकर खड़े होने पर धर्मों के बीच का अंतर धुंधला दिखाई दिया. ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने इस मौके पर मोहम्मद से बातचीत की. मॉरिशस के नागरिक मोहम्मद ने भक्ति को नए सिरे से परिभाषित किया. उन्होंने कहा कि, ' हम मॉरीशस में सभी धर्मों का सम्मान करते हैं और सभी देवताओं के प्रति भक्ति रखते हैं. उन्होंने कहा, जगन्नाथ जी सर्वोच्च शक्ति हैं, वे शांति और प्रेम के प्रतीक हैं.

मॉरिशस मोहम्मद पुरी जाकर बाहर से ही सही मंदिर का दर्शन करना चाहते हैं. (ETV Bharat)

मोहम्मद ने कहा कि, भगवान की धरती पर कदम रखना उनका सौभाग्य है. मोहम्मद ने आगे कहा कि, भले ही बाहर वे बाहर से मंदिर का दर्शन कर लेंगे लेकिन वे जगन्नाथ मंदिर की एक झलक पाने के लिए पुरी जाने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि, वे पुरी में जगन्नाथ मंदिर देखना चाहता हैं. मोहम्मद ने कहा, "मैं हमेशा लोगों, जगहों और धर्मों से सीखता रहता हूं. मैंने जगन्नाथ के बारे में बहुत कुछ जाना और सीखा है. उन्होंने कहा कि, भगवान जगन्नाथ शांति और सद्भाव के देवता हैं और मैं उनके निवास को देखना चाहता हूं."

उन्होंने यह भी बताया कि मॉरीशस में हिंदू त्यौहार कैसे मनाए जाते हैं. मोहम्मद ने कहा "हम महा शिवरात्रि मनाते हैं, हमारे यहां कांवड़िए शिव मंदिरों में जल के बर्तन लेकर जाते हैं और हम इन सभी त्योहारों का आनंद लेते हैं." उन्होंने कहा कि, अधिकतर मॉरीशसवासी अपनी असली जड़ भारत को मानते हैं. उन्होंने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला जैसी ग्लोबल हस्तियों को अपने लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत बताया.

मोहम्मद मॉरीशस को बहुत विविधता वाला एक छोटा द्वीप बताया. उन्होंने कहा कि, मॉरिशस मेंहिंदू चर्च जा सकते हैं और ईसाई मस्जिद जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि, वे मॉरिशस में सद्भाव में रहते हैं और धर्म को खुद को विभाजित नहीं करने देते हैं. मोहम्मद का मानना है कि, हर कोई ईश्वर को अलग-अलग नाम देता है लेकिन वास्तव में हम सभी एक ही ईश्वर से प्रार्थना करते हैं.

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