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वकीलों की आर्थिक स्थिति को लेकर SC ने जारी किया नोटिस, 2 सप्ताह बाद अगली सुनवाई

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कोरोना संकट की वजह से वकीलों की खराब आर्थिक स्थिति को लेकर सुनवाई की. इसकी अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी.

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Published : Jul 22, 2020, 10:30 PM IST

पटना: कोरोना संकट की वजह से वकीलों की खराब आर्थिक स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया, राज्यों के बार कॉउंसिल्स, हाई कोर्ट के महानिबंधकों और संबद्धता प्राप्त हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई की.

बार एसोसिएशन से पूछा सवाल
कोर्ट ने बार एसोसिएशन को यह भी बताने को कहा है कि जरूरतमंद वकीलों के लिये एक राहत फंड क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए ? कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया कि बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के तहत अधिवक्तागण कोई अन्य व्यवसाय नहीं कर सकते हैं. साथ ही कोर्ट में कामकाज ठप्प रहने के कारण अधिकांश वकील गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.

2 सप्ताह बाद होगी सुनवाई
इस मामले में बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया का कहना है कि इसके पास जरूरतमंद अधिवक्ताओं को सहायता करने के लिये कोई फंड नहीं है. वकीलों को तीन लाख रुपये तक के बिना ब्याज के लोन यानी ऋण व आर्थिक सहायता देने के लिए याचिका दायर किया है. मामले पर आगे की सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी.

पटना: कोरोना संकट की वजह से वकीलों की खराब आर्थिक स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया, राज्यों के बार कॉउंसिल्स, हाई कोर्ट के महानिबंधकों और संबद्धता प्राप्त हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवाई की.

बार एसोसिएशन से पूछा सवाल
कोर्ट ने बार एसोसिएशन को यह भी बताने को कहा है कि जरूरतमंद वकीलों के लिये एक राहत फंड क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए ? कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया कि बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के तहत अधिवक्तागण कोई अन्य व्यवसाय नहीं कर सकते हैं. साथ ही कोर्ट में कामकाज ठप्प रहने के कारण अधिकांश वकील गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.

2 सप्ताह बाद होगी सुनवाई
इस मामले में बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया का कहना है कि इसके पास जरूरतमंद अधिवक्ताओं को सहायता करने के लिये कोई फंड नहीं है. वकीलों को तीन लाख रुपये तक के बिना ब्याज के लोन यानी ऋण व आर्थिक सहायता देने के लिए याचिका दायर किया है. मामले पर आगे की सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी.

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