पटना: बिहार की जनता इन दिनों दोहरी आपदा का सामना कर रही है. एक ओर बाढ़ है तो दूसरी ओर कोरोना. ऐसे समय में परीक्षा लेना छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ है. इस क्रम में एसटीईटी की परीक्षा को लेकर आंदोलनकारी आलोक यादव ने कहा कि सरकार को छात्रों से कोई लेना देना नहीं है, ना ही उन्हें बच्चों की चिंता है.
28 जनवरी को हुई थी परीक्षा
आलोक यादव ने कहा कि इस आपदा की घड़ी में परीक्षा नहीं होनी चाहिए. लेकिन बावजूद इसके एसटीईटी ने परीक्षा की घोषणा कर दी गई है. 28 जनवरी 2020 को एसटीईटी परीक्षा हुई थी, लेकिन प्रश्न सिलेबस से बाहर के थे. बिना सिलेबस जारी किए ही एग्जाम ले लिया गया था, जिसके बाद छात्रों ने मामला कोर्ट में दर्ज कराया. इसके बाद एसीबी ने मई 2020 में एग्जाम को कैंसिल कर दिया.
16 अगस्त से करेंगे प्रदर्शन
आंदोलनकारी आलोक यादव ने कहा कि छात्रों ने बीएसईबी पर केस किया है और मामला अभी न्यायालय के अधीन में है. लेकिन, बावजूद इसके बीएसईबी बोर्ड ने दोबारा एग्जाम की घोषणा कर दी है. इस बार भी सिलेबस जारी नहीं किया गया है. परीक्षा की तिथि 9 से 21 सितंबर तक निर्धारित की गई है. एसे में उन्होंने सरकार को यह चेतावनी दी है कि सरकार फिलहाल एग्जाम को कैंसिल करे और जो पूर्व में एग्जाम हुए थे उनका रिजल्ट जारी करे. उन्होंने कहा कि आगामी 16 अगस्त से वे अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.