बेतिया : चंपारण क्षेत्र के नए डीआईजी के रूप में हरकिशोर राय ने कार्यभार संभाल लिया है. वे अपनी ईमानदारी और बेबाक छवि के लिए मशहूर हैं. गुंडे और बदमाश इनके नाम से कांपते हैं. आम लोगों की शिकायतें सुनकर उसपर सख्त कार्रवाई करना इनकी खास पहचान है. इसके पहले, वे वैशाली जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे. हरकिशोर राय का परिवार सामान्य था, लेकिन उनके बड़े भाई आईएएस और वे खुद आईपीएस अधिकारी बनकर एक प्रेरणास्त्रोत बने हैं.
हरकिशोर राय की कहानी प्रेरणा का स्रोत : हरकिशोर राय की कहानी हर युवा के लिए एक आदर्श बन सकती है, जिसमें एक ही परिवार में दो भाई आईएएस और आईपीएस के पद तक पहुंचते हैं. यह स्थिति बहुत कम परिवारों में देखने को मिलती है. हरकिशोर राय, जो कि चंपारण क्षेत्र के डीआईजी हैं, अपने क्षेत्र में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनका यह सफर कई युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
आईपीएस बनने की यात्रा : हरकिशोर राय के बड़े भाई, डॉ. कौशल किशोर राय ने वर्ष 2010 में यूपीएससी की परीक्षा में 49वां स्थान प्राप्त कर परिवार का नाम रोशन किया था. बड़े भाई की सफलता ने हरकिशोर राय को प्रेरित किया, और उन्होंने भी अगले साल, 2011 में, यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में सेवा : आईपीएस हरकिशोर राय ने अपने करियर की शुरुआत पटना के ग्रामीण एसपी, दरभंगा के सिटी एसपी, छपरा एसपी, भोजपुर एसपी, और सीतामढ़ी एसपी के रूप में की थी. इसके बाद वे वैशाली जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहे. अब वे चंपारण क्षेत्र के डीआईजी के रूप में कार्यरत हैं.
परिवार और शिक्षा-दीक्षा: डीआईजी हरकिशोर राय सिवान जिले के तितरा गांव के रहने वाले हैं. उनके परिवार में चार भाई हैं. बड़े भाई डॉ. कौशल किशोर राय ने यूपीएससी में सफलता प्राप्त की, जबकि अन्य दो भाई डॉ. नंदकिशोर राय और डॉ. गिरिजा किशोर राय चिकित्सक हैं. हरकिशोर राय ने अपनी शिक्षा वाराणसी और कानपुर से प्राप्त की है और आईआईटी की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिविल सेवा की परीक्षा पास की. हरकिशोर राय का जीवन यह दर्शाता है कि कठिन परिश्रम, समर्पण और सही मार्गदर्शन से कोई भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है.