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मैट्रिक परीक्षा: 14 से 15 साल के बच्चों के लिए नया संकट, बिना वैक्सीन नहीं मिलेगा एडमिड कार्ड

बिहार सरकार के एक आदेश को लेकर स्टूडेंट्स में बड़ा कंफ्यूजन है. सरकार का आदेश है कि बिना वैक्सीन वाले स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल नहीं होंगे. अब कंफ्यूजन 14 से 15 वर्ष के स्टूडेंट्स को है, जो इस बार मैट्रिक की परीक्षा (bihar board exam) देंगे. वैक्सीनेशन के दायरे में नहीं आने के कारण इन्हें परेशानी हो रही है. पढ़िए पूरी खबर..

bihar board exam 2022
bihar board exam 2022
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Published : Jan 21, 2022, 7:52 PM IST

पटना: एक फरवरी से प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं. साथ ही इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2022 का आयोजन भी किया जाएगा. वहीं 17 फरवरी से वार्षिक माध्यमिक परीक्षा यानी कि मैट्रिक परीक्षा का आयोजन शुरू हो रहा है. बोर्ड परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि, उन्हीं बच्चों को एडमिट कार्ड दिया जाए जो वैक्सीन के फर्स्ट डोज का अपना सर्टिफिकेट (students will not appear in bihar board exam without vaccine) दिखाएंगे. ऐसे में बिहार बोर्ड के इस नए आदेश से मैट्रिक के लाखों परीक्षार्थियों के सामने नया संकट उत्पन्न हो गया है.

इसे भी पढ़ें: सिलेबस पूरा कराए बगैर ली जा रही इंटरमीडिएट की परीक्षा, रिजल्ट को लेकर आशंकित छात्र

दरअसल प्रदेश में मैट्रिक परीक्षा में अपीयर होने के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष होती है. ऐसे में प्रदेश में मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले लाखों बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 14 वर्ष से अधिक है और 15 वर्ष से कम है. वैक्सीनेशन को लेकर सरकार के नए आदेश के तहत 15 से 18 वर्ष के बच्चों का ही टीकाकरण हो रहा है. ऐसे में जो बच्चे 14 वर्ष से अधिक है लेकिन 15 वर्ष नहीं पूरा हुआ है, उनकी समस्याएं बढ़ गई हैं, क्योंकि वह वैक्सीनेशन के दायरे से बाहर हैं.

वैक्सीनेशन के दायरे में नहीं आने के कारण कई स्कूलों से ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है. हालांकि कुछ स्कूल जरूर ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड दे रहे हैं. इंटर के छात्रों के साथ ऐसी समस्या नहीं है क्योंकि उनकी उम्र 15 वर्ष से ऊपर है. पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित शहीद देवीपद चौधरी मिलर हाई स्कूल में मेट्रिक का एडमिट कार्ड लेने पहुंचे छात्र सौरव कुमार ने बताया कि, वह 15 वर्ष से ऊपर हैं और उन्होंने हाल ही में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया है. वहीं एक और छात्र गौरव कुमार ने बताया कि, डमी एडमिट कार्ड के साथ वैक्सीन के फर्स्ट डोज का प्रमाण पत्र देने के बाद ही एडमिट कार्ड मिल रहा है और तमाम कागजात जमा कर वह एडमिट कार्ड लिए हैं.

"स्कूल में एडमिट कार्ड देने से पूर्व वैक्सीन के फर्स्ट डोज का प्रमाण पत्र, डमी एडमिट कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का डिटेल जमा करना पड़ रहा है. तब जाकर एडमिट कार्ड मिल रहा है. मेरे क्लास में काफी बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 15 वर्ष पूरी नहीं हो पाई है और उन लोगों को परेशानी है कि वह एग्जाम में अपीयर हो पाएंगे या नहीं."- सौरव कुमार,छात्र

ये भी पढ़ें: पूर्णिया: शिक्षा विभाग का नया कारनामा, परीक्षार्थी का बदल दिया जेंडर

वहीं मिलर स्कूल में एडमिट कार्ड बांटने वाले लिपिक विजय कुमार ने बताया कि, सरकार के निर्देश के तहत बच्चों को वह वैक्सीन का सर्टिफिकेट जमा करने के बाद ही एडमिट कार्ड दे रहे हैं. क्योंकि सरकार का साफ निर्देश है कि, बिना वैक्सीनेशन के बच्चे परीक्षा में सम्मिलित नहीं होंगे. सरकार के निर्देश का पालन किया जा रहा है.

मैट्रिक के काफी ऐसे छात्र हैं जो 14 वर्ष से अधिक हैं और 15 से कम है. इन बच्चों को एडमिट कार्ड देने से पूर्व वैक्सीनेशन सेंटर पर भेजा था और वहां बच्चों को वैक्सीनेशन नहीं मिला. जिसके बाद बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 14 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के एडमिट कार्ड दे दिया जा रहा है. कई विद्यालय में ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Bihar Board 10th Exam: मैथ का प्रश्नपत्र वायरल, प्रशासन को जानकारी नहीं

मिलर हाई स्कूल की प्रिंसिपल लीलावती कुमारी ने बताया कि, उनके पास काफी बच्चों के फोन आ रहे हैं जो इस बार मैट्रिक परीक्षा में अपीयर हो रहे हैं और उनकी शिकायत है कि उनकी उम्र 15 वर्ष पूरी नहीं हुई है. ऐसे में वह वैक्सीनेशन के दायरे से बाहर हैं. क्या वह परीक्षा में बैठ पाएंगे या नहीं और वह एग्जाम कैसे देंगे. प्रिंसिपल लीलावती कुमारी ने बताया कि, शिक्षा विभाग की तरफ से इन बच्चों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है.

"बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड अपनी जिम्मेवारी से हमलोो दे रहे हैं. सरकार को इन बच्चों के लिए गाइडलाइन स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि मैट्रिक में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे 15 वर्ष से कम के होते हैं. मेरे विद्यालय से 143 बच्चे इस बार मैट्रिक परीक्षा में अपीयर हो रहे हैं. जिसमें 35 बच्चे ही 15 वर्ष से अधिक उम्र के हैं."- लीलावती कुमारी,प्रिंसिपल,मिलर हाई स्कूल

प्रिंसिपल ने माना कि कई स्कूल सरकार के निर्देशों का अक्षरश: पालन कर रहे हैं. ऐसे में कई विद्यालयों में 15 वर्ष से कम उम्र के मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों को अभी एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है. विद्यालय प्रबंधन सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय में मैट्रिक परीक्षा का एडमिट कार्ड बटना बुधवार से शुरू हुआ है.

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पटना: एक फरवरी से प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं. साथ ही इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2022 का आयोजन भी किया जाएगा. वहीं 17 फरवरी से वार्षिक माध्यमिक परीक्षा यानी कि मैट्रिक परीक्षा का आयोजन शुरू हो रहा है. बोर्ड परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि, उन्हीं बच्चों को एडमिट कार्ड दिया जाए जो वैक्सीन के फर्स्ट डोज का अपना सर्टिफिकेट (students will not appear in bihar board exam without vaccine) दिखाएंगे. ऐसे में बिहार बोर्ड के इस नए आदेश से मैट्रिक के लाखों परीक्षार्थियों के सामने नया संकट उत्पन्न हो गया है.

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दरअसल प्रदेश में मैट्रिक परीक्षा में अपीयर होने के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष होती है. ऐसे में प्रदेश में मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले लाखों बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 14 वर्ष से अधिक है और 15 वर्ष से कम है. वैक्सीनेशन को लेकर सरकार के नए आदेश के तहत 15 से 18 वर्ष के बच्चों का ही टीकाकरण हो रहा है. ऐसे में जो बच्चे 14 वर्ष से अधिक है लेकिन 15 वर्ष नहीं पूरा हुआ है, उनकी समस्याएं बढ़ गई हैं, क्योंकि वह वैक्सीनेशन के दायरे से बाहर हैं.

वैक्सीनेशन के दायरे में नहीं आने के कारण कई स्कूलों से ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है. हालांकि कुछ स्कूल जरूर ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड दे रहे हैं. इंटर के छात्रों के साथ ऐसी समस्या नहीं है क्योंकि उनकी उम्र 15 वर्ष से ऊपर है. पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित शहीद देवीपद चौधरी मिलर हाई स्कूल में मेट्रिक का एडमिट कार्ड लेने पहुंचे छात्र सौरव कुमार ने बताया कि, वह 15 वर्ष से ऊपर हैं और उन्होंने हाल ही में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लिया है. वहीं एक और छात्र गौरव कुमार ने बताया कि, डमी एडमिट कार्ड के साथ वैक्सीन के फर्स्ट डोज का प्रमाण पत्र देने के बाद ही एडमिट कार्ड मिल रहा है और तमाम कागजात जमा कर वह एडमिट कार्ड लिए हैं.

"स्कूल में एडमिट कार्ड देने से पूर्व वैक्सीन के फर्स्ट डोज का प्रमाण पत्र, डमी एडमिट कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का डिटेल जमा करना पड़ रहा है. तब जाकर एडमिट कार्ड मिल रहा है. मेरे क्लास में काफी बच्चे ऐसे हैं जिनकी उम्र 15 वर्ष पूरी नहीं हो पाई है और उन लोगों को परेशानी है कि वह एग्जाम में अपीयर हो पाएंगे या नहीं."- सौरव कुमार,छात्र

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वहीं मिलर स्कूल में एडमिट कार्ड बांटने वाले लिपिक विजय कुमार ने बताया कि, सरकार के निर्देश के तहत बच्चों को वह वैक्सीन का सर्टिफिकेट जमा करने के बाद ही एडमिट कार्ड दे रहे हैं. क्योंकि सरकार का साफ निर्देश है कि, बिना वैक्सीनेशन के बच्चे परीक्षा में सम्मिलित नहीं होंगे. सरकार के निर्देश का पालन किया जा रहा है.

मैट्रिक के काफी ऐसे छात्र हैं जो 14 वर्ष से अधिक हैं और 15 से कम है. इन बच्चों को एडमिट कार्ड देने से पूर्व वैक्सीनेशन सेंटर पर भेजा था और वहां बच्चों को वैक्सीनेशन नहीं मिला. जिसके बाद बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए 14 वर्ष से अधिक और 15 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को बिना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के एडमिट कार्ड दे दिया जा रहा है. कई विद्यालय में ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है.

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मिलर हाई स्कूल की प्रिंसिपल लीलावती कुमारी ने बताया कि, उनके पास काफी बच्चों के फोन आ रहे हैं जो इस बार मैट्रिक परीक्षा में अपीयर हो रहे हैं और उनकी शिकायत है कि उनकी उम्र 15 वर्ष पूरी नहीं हुई है. ऐसे में वह वैक्सीनेशन के दायरे से बाहर हैं. क्या वह परीक्षा में बैठ पाएंगे या नहीं और वह एग्जाम कैसे देंगे. प्रिंसिपल लीलावती कुमारी ने बताया कि, शिक्षा विभाग की तरफ से इन बच्चों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है.

"बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसे बच्चों को एडमिट कार्ड अपनी जिम्मेवारी से हमलोो दे रहे हैं. सरकार को इन बच्चों के लिए गाइडलाइन स्पष्ट करना चाहिए क्योंकि मैट्रिक में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे 15 वर्ष से कम के होते हैं. मेरे विद्यालय से 143 बच्चे इस बार मैट्रिक परीक्षा में अपीयर हो रहे हैं. जिसमें 35 बच्चे ही 15 वर्ष से अधिक उम्र के हैं."- लीलावती कुमारी,प्रिंसिपल,मिलर हाई स्कूल

प्रिंसिपल ने माना कि कई स्कूल सरकार के निर्देशों का अक्षरश: पालन कर रहे हैं. ऐसे में कई विद्यालयों में 15 वर्ष से कम उम्र के मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले बच्चों को अभी एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है. विद्यालय प्रबंधन सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय में मैट्रिक परीक्षा का एडमिट कार्ड बटना बुधवार से शुरू हुआ है.

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