पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सिमुलतला आवासीय विद्यालय को 'टॉपर्स की फैक्ट्री' कहा जाता है. हालांकि बीते कुछ वर्षों के आंकडों से ये मिथक टूटने लगा है. अब फिर से एक बार जब रिजल्ट आने वाला है तो लोगों की निगाहें टिकी है कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय के कितने बच्चे टॉप टेन में जगह बनाते हैं. वर्ष 2015 में टॉप टेन में 30, 2016 में 42, 2019 में 16, 2020 में 6, 2021 में 13 और 2022 में सिर्फ 5 छात्रों ने टॉप टेन में जगह बनाई.
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पिछली बार का परिणाम उम्मीद से कम: वर्ष 2022 मैट्रिक का परिणाम इस विद्यालय के नाम के दृष्टिकोण से ठीक नहीं रहा था. बोर्ड द्वारा जारी 47 टॉप छात्रों की लिस्ट में महज पांच बच्चे अपनी जगह बनाने में सफल हुए थे. वहीं टॉप फाइव में एक भी बच्चा इस विद्यालय का नहीं था. प्रिया राज ने 482 अंक लाकर कुल आठ छात्र छात्राओं के साथ संयुक्त रूप से छठा स्थान प्राप्त किया था. सत्यम सारथी ने 480 अंक लाकर पांच छात्र छात्राओं के साथ संयुक्त रूप से आठवां स्थान प्राप्त किया था. राजीव कुमार ने 479 अंक लाकर छह छात्र-छात्राओं के साथ संयुक्त रूप से नौवां स्थान प्राप्त किया था.।
116 स्टूडेंट्स पर नजर: इस साल सिमुलतला आवासीय विद्यालय के कुल 116 स्टूडेंट्स ने मैट्रिक की परीक्षा दी है. जिनमें 58 छात्र और 58 छात्राएं शामिल हैं. छात्रों के लिए महात्मा गांधी उच्च विद्यालय प्लस टू और छात्राओं के लिए देव सुंदरी महाविद्यालय झाझा को परीक्षा केंद्र बनाया गया था. स्कूल प्रबंधन को उम्मीद है कि इस साल उनके स्टूडेंट्स पुराने सभी रिकॉर्ड को तोड़कर नया कीर्तिमान बनाएंगे.
कब हुई सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना?: आपको बताएं कि साल 2010 में सिमुलतला आवासीय विद्यालय की स्थापना हुई थी. 9 अगस्त 2010 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शुभारंभ किया था. यह स्कूल गुरुकुल पद्धति पर आधारित है. यहां कक्षा छठी से 12वीं तक की पढ़ाई होती है.