पटना: बीपीएससी ने 68 वीं पीटी को लेकर परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया है. इस बदलाव से बीपीएससी की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी असंतुष्ट हैं. इसी मुद्दों को लेकर बीपीएससी अभ्यर्थियों और छात्र नेताओं का प्रतिनिधिमंडल (student Meet with BPSC Chairman) शुक्रवार को आयोग कार्यालय पहुंचकर अपने संशय को आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद के सामने रखा.
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आयोग के अध्यक्ष को दिया आवेदनः अतुल प्रसाद से मिलकर आने के बाद छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि उन्होंने परीक्षा पैटर्न में बदलाव को लेकर जो कुछ खामियां है उस संबंध में एक आवेदन आयोग के अध्यक्ष को दिया है. उनकी तरफ से सकारात्मक आश्वासन मिला है. उन्होंने कहा कि 50 कठिन प्रश्न पूछे जाने की जो बात नए परीक्षा पैटर्न में कही गई है उससे अभ्यर्थियों को आपत्ति है. कोई यह तय नहीं कर सकता कि कौन कठिन प्रश्न है क्योंकि किसी एक अभ्यर्थी के लिए जो कठिन प्रश्न होगा वह दूसरे के लिए आसान होगा. दूसरे के लिए जो आसान प्रश्न है वह किसी तीसरे के लिए कठिन प्रश्न होगा. उन्होंने कहा कि साइंस और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के अभ्यर्थियों को मैथमेटिक्स और फिजिक्स के प्रश्न आसान लगेंगे वहीं आर्ट्स बैकग्राउंड के अभ्यर्थियों को इतिहास और भूगोल के प्रश्न आसान लगेंगे.
सभी प्रश्नों के लिए बराबर अंक होः छात्र नेता ने कहा कि यदि नेगेटिव मार्किंग हो तो सभी डेढ़ सौ प्रश्नों पर किए जाएं और सभी 150 प्रश्नों के लिए बराबर अंक दिए जाएं. इसके अलावा मेंस परीक्षा की कॉपी भी अभ्यर्थियों को दिखायी जाए. जो इंटरव्यू में शामिल होते हैं इंटरव्यू का वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए और इस रिकॉर्डिंग को अभ्यर्थियों से साझा किया जाए ताकि यदि कोई इंटरव्यू में धांधली होती है तो उसका भी पता चल सके. अभ्यर्थी भी अपनी खामियों को जान सकेंगे. कहां बेहतर करने की आवश्यकता है उस अनुसार आगे की परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी करेंगे.
प्रश्न पत्र वायरल होने की आशंकाः छात्र नेता सौरव कुमार ने कहा कि 50 कठिन प्रश्नों वाले पैटर्न को लेकर आपत्ति है. इस आपत्ति से आयोग के अध्यक्ष को अवगत करा दिया गया है. उन्हें कहा गया है कि अगर नेगेटिव मार्किंग की जाए तो सभी प्रश्नों के लिए. नहीं तो फिर नहीं की जाए. सभी प्रश्नों के लिए बराबर अंक निर्धारित किये जाए. इसके अलावा ऑप्शन में 'ई' को हटाया जाए. ई ऑप्शन में है इनमें से कोई दो सही या कोई सही नहीं. इससे अभ्यर्थियों में बेवजह का कन्फ्यूजन पैदा होगा. इसके अलावा मेंस परीक्षा का पेपर परीक्षा केंद्र पर ही प्रिंट होने की जो बात है उसको लेकर भी उन लोगों ने कहा है कि इससे क्वेश्चन वायरल होने का खतरा बढ़ेगा. इस पर उनकी तरफ से आश्वासन दिया गया है कि अभी अगले परीक्षा के लिए ट्रायल लिया जा रहा है, क्योंकि मेंस परीक्षा काफी कम जगह पर आयोजित किए जाते हैं. यह ट्रायल सफल होता है तो आगे के परीक्षा में इसे लागू किया जाएगा.