पटना : शिक्षक राजीव कुमार ने कहा कि आदित्य L 1 सैटेलाइट का लाइव प्रक्षेपण देखकर काफी अच्छा लगा. अंतरिक्ष की दुनिया में भारत की यह एक और बड़ी उपलब्धि शामिल हो गई है. बच्चों के साथ इसे देखकर काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं. लग रहा है की अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भारत काफी आगे निकल चुका है.
चांद फतह अब सूर्य की बारी : विद्यालय के प्रधानाचार्य अभिनंदन कुमार ने कहा कि यह इसरो के वैज्ञानिकों की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. चंद्रयान के बाद अब आदित्य L-1 का सफल प्रक्षेपण सौरमंडल की कई नई जानकारी से अवगत कराएगा. आज भारत ने चांद की फतेह कर ली है और अब सूर्य की बारी है, जिसकी शुरुआत हो गई है. इससे सभी देशवासी उत्साहित हैं.
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स्टूडेंट ने देखा आदित्य L 1 का लाइव प्रक्षेपण टेलीकास्ट : लाइव प्रक्षेपण देखने वाली छात्रा कोमल कुमारी ने कहा कि यह उनका पहला अनुभव था और काफी अच्छा लगा है. अंतरिक्ष की दुनिया में भारत मजबूती से काफी आगे बढ़ रहा है. छात्रा खुशी कुमारी ने कहा कि लाइव प्रक्षेपण देखकर बहुत अच्छा लगा, अब हमें सूर्य के बारे में भी कई नई जानकारियां प्राप्त होंगी. इस सफल प्रक्षेपण के लिए हमारे वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं.
बच्चों को दी जाती है सौरमंडल के आयामों की जानकारी : श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र के एजुकेशन ऑफिसर मोहम्मद आफताब ने कहा कि आदित्य L-1 सैटेलाइट के सफल प्रक्षेपण के लिए वह देशवासियों को बधाई देते हैं. यह भारत का पहला सोलर बेस्ड मिशन है. विज्ञान केंद्र में बच्चों के लिए स्पेशल शो 'साइंस ऑन स्फेयर' चलाया जा रहा है. जिसमें बच्चों को सौरमंडल के विभिन्न आयामों के बारे में जानकारी दी जा रही है.
एल वन मिशन की दी गई जानकारी : इसके अलावा एक स्पेशल पैनल एग्जिबिशन लगाया गया है. जिसमें आदित्य L-1 मिशन से जुड़ी हुई कई जानकारियां प्रदर्शित की गई हैं. वह पटना वासियों और बिहार के लोगों से अपील करेंगे की विज्ञान केंद्र में आकर इसे देखें और इस मिशन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें.
'एल-1 पॉइंट पर जाकर रुक जाएगा आदित्य' : मोहम्मद आफताब ने बताया कि कई लोगों को यह भ्रम है कि यह सैटेलाइट सूर्य पर जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं है. यह सैटेलाइट सूर्य से बहुत अधिक दूर ही रहने वाला है. पृथ्वी से यह सैटेलाइट 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर एक पॉइंट है जिसे L-1 पॉइंट कहा जाता है वहां जाकर स्थिर हो जाएगा. इसके स्थिर होने का मतलब है कि सूर्य और पृथ्वी के रेस्पेक्ट में स्थिर होगा और वहां पर एक अपने नए ऑर्बिट में मूवमेंट करेगा.
''आदित्य L 1 धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर एक पॉइंट पर जाकर स्थिर हो जाएगा और सूर्य की परिक्रम करते हुए सूर्य के बारे में कई सूक्ष्म जानकारियां निकलेंगे और इसरो को भेजेगा. इसरो की जितनी भी उपलब्धियां रही है उसमें और ढेर सारी उपलब्धियां जुड़ती जा रही हैं जिसमें चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग है, आदित्य L-1 का सफल प्रक्षेपण है और अब सभी गगनयान जो भारत का पहला मानव बेस्ड मिशन होगा उसको लेकर उत्साहित हैं.'' - मो. आफताब, एजुकेशन ऑफिसर, श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र