पटना: अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए अक्सर शिक्षक छात्र की पिटाई कर देते है. जिससे छात्रों के दिल और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है. इसको लेकर सरकार ने सख्त नियम बनाए है. बावजूद इसके स्कूल में छात्रों की पिटाई पर रोक तरह से रोक नहीं लग पाया है. ताजा मामला पटनासिटी के अरोड़ा इंटरनेशनल स्कूल का है. जहां एक यूकेजी के छात्र को टीचर ने छड़ी से पिटाई (Teacher beat up student with stick) कर दी. जिससे उसके पीठ पर चोट का निशान बन गया है. छात्र जब घर पहुंचा तो काफी उदास था. पूछताछ करने पर मामले का खुलासा हुआ.
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स्कूल ने आरोपी टीचर को निलंबित किया: मिली जानकारी के अनुसार पीड़ित छात्र आयांश हाजीगंज स्थित अरोड़ा इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई करने गया था. स्कूल में आज उसका पहला दिन था. जब घर लौटा तो काफी उदास था. परिजनों ने पूछा तो बताया कि टीचर ने छड़ी से पिटाई की है. इसके बाद कपड़े खोलकर देखा गया तो पीठ पर चोट का निशान मिला. जिसके बाद परिजन मामले की शिकायत करने स्कूल पहुंच गए. वहीं इस मामले पर स्कूल प्रबंधन ने आरोपी शिक्षिका जुगनू को निलंबित तो कर दिया है, लेकिन घटना से इंकार कर रहा है. स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि दो बच्चों की लड़ाई में चोट के निशान बने हैं.
परिजनों ने थाने में शिकायत की: मामले की शिकायत स्थानीय थाना में भी किया गया. जिसके बाद पटना सिटी चौक थाना (Panta city Chowk Police Station) के सब इंस्पेक्टर सिद्धेश्वर पासवान स्कूल पहुंचे. स्कूल का सीसीटीवी काफी दिनों से बंद है. ऐसे में पुलिस ने बच्चे और स्कूल प्रबंधन से पूछताछ की है.वहीं इस मामले पर पीड़ित छात्र के पिता विकास का कहना है कि टीचर की मार से छात्र दशहत में है. वह स्कूल से जाने से मना कर रहा है. उन्होंने आरोपी शिक्षिका को सजा देने की मांग की है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
छात्र की पिटाई पर जेल और जुर्माने की सजा: शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 17 के तहत किसी भी तरह के शारीरिक दंड, मानसिक प्रताड़ना और भेदभाव पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 82 के तहत भी जेल और जुर्माने का प्रावधान है.जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 की धारा 75 में कहा गया है कि बच्चे की देखभाल और उनकी सुरक्षा स्कूल की जिम्मेदारी होगी .CBSE की गाइडलाइंस के तहत अगर स्कूल किसी भी नियम का उल्लंघन करता है, तो उसकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है. सीबीएसई ऐसी घटनाओं को लेकर कई बार स्कूलों को धारा 82 से अवगत करवाते आया है.
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