पटनाः साल 2019 में एसटीईटी परीक्षा उत्रीण छात्रों का संघर्ष (STET Students Protest In Patna) जारी है. गुरुवार को पटना सचिवालय में प्रदर्शन के दौरान पुलिस के द्वारा लाठियां खाने के बाद अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश राजद कार्यालय पहुंचे. सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी नोटिफिकेशन के आधार पर बहाली प्रक्रिया पूरी करने और सर्टिफिकेट से मेरिट और नॉन मेरिट का कॉलम हटाने की मांग कर रहे थे.
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प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांगें नहीं मानेगी, तब तक वे प्रदर्शन करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि क्वालिफाइड होने के बावजूद उनके साथ साजिश रची जा रही है. लिहाजा, वे गुरुवार को सचिवालय गेट पर सुरक्षाबलों के रोकने के बाद भी अंदर घुसे और बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर का पुतला दहन किया.
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सचिवालय में अभ्यर्थियों के घुसने की सूचना के बाद आक्रोशित अभ्यर्थियों पर काबू पाने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची. पहले सुरक्षाबलों ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. कई छात्रों को घसीटते हुए पुलिस कैंपस से बाहर लेकर आई. इस दौरान कई छात्र घायल हो गए हैं, वहीं कई को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
सचिवालय से हटाए जाने से निराश अभ्यर्थी राजद कार्यालय पहुंचे. वहां पहुंचकर उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है. अगर सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो वे कल यानी शुक्रवार को विधानसभा घेराव करेंगे. उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द मेरिट लिस्ट वाले छात्रों की बहाली करे.
दरअसल, अभ्यर्थियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री का कहना है कि जो अभ्यर्थी पास होंगे, उन्हें क्वालिफाइड या नॉनक्वालिफाइड श्रेणी में रखा जाएगा. लेकिन जब हम लोगों को सर्टिफिकेट मिला तो उसमें क्वालिफाइड तो लिखा था लेकिन साथ ही नॉट इन मेरिट लिस्ट भी जोड़ दिया गया था. मेरिट और नॉन मेरिट की बात की जानकारी नहीं दी गई थी. यह गलत है. सरकार जल्द से जल्द हमारी मांग पूरी करे.
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गौरतलब है कि एसटीईटी 2019 में 80,402 अभ्यर्थी क्वालिफाइड हुए थे. इनमें से 30675 अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट में रख दिया गया और बाकी को नॉन मेरिट लिस्ट में रखा गया. अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री से मामले को गंभीरता से लेने की मांग की है.
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