पटना: बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं की बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आरजेडी पर डिक्टेटरशिप (तानाशाही) करने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक कर बड़ा फैसला लेंगे. महागठबंधन में आरजेडी के रवैए पर बीजेपी भी तंज कस रही है. लेकिन आरजेडी के नेता कह रहे हैं कि महागठबंधन में सभी एकजुट हैं.
चुनावी साल में महागठबंधन दलों में खटास साफ दिखने लगी है. आरजेडी की एकला चलो नीति से जीतन राम मांझी खासे नाराज हैं. मांझी का कहना है कि महागठबंधन दलों को एक साथ मिलकर राजनीति और रणनीति बनानी चाहिए थी. लेकिन आरजेडी डिक्टेटरशिप की भूमिका में है. ऐसे में जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक कर बड़ा फैसला लेंगे.
आरजेडी ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि तेजस्वी यादव हमेशा जीतन राम मांझी को अभिभावक कहते रहे हैं. उसके बाद भी उन्हें आरजेडी डिक्टेटरशिप कर रही है, उन्हें ऐसा लगता है तो मुझे कुछ नहीं कहना है.
बीजेपी ने साधा निशाना
महागठबंधन दलों में हो रही बयानबाजी पर सत्ताधारी दल के नेता तंज कसने लगे हैं. बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी का कहना है कि महागठबंधन के सभी दल के नेता अपना चेहरा चमकाने में लगे हैं. आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन महागठबंधन के अन्य दलों को अपने पीछे चलने लायक भी नहीं समझती है.
सीटों के बंटवारे पर महागठबंधन में होगी खींचतान?
महागठबंधन से सीएम उम्मीदवार का चेहरा कौन होगा, इसपर भी जिच कायम है. चुनावी साल में सीटों के बंटवारे को लेकर भी जिस प्रकार से दावेदारी हो रही है, महागठबंधन दलों के बीच विवाद बढ़ना तय माना जा रहा है.