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नगर निकाय चुनाव में आरक्षण मामले को लेकर बिहार सरकार ने दायर की पुनर्विचार याचिका

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने नगर निकाय चुनाव में आरक्षण के मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए चुनाव पर रोक लगा दिया था. इस मामले में राज्य सरकार ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है. पढ़ें पूरी खबर.

Patna High Court News
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Published : Oct 17, 2022, 7:58 PM IST

Updated : Oct 17, 2022, 8:54 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने नगर निकाय में आरक्षण मामले में एक पुनर्विचार याचिका दायर की है. इस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की तिथि 19 अक्टूबर, 2022 को की जाएगी. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनील कुमार और अन्य की याचिकाओं पर 29 सितम्बर, 2022 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, इस मामले पर कोर्ट ने 4 अक्टूबर, 2022 को फैसला सुनाया था.

ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से 7 साल बाद अपने बच्चे से मिलेगी मां

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद नगर निकायों के चुनाव स्थगित करना पड़ा था. कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि प्रावधानों के अनुसार ओबीसी/इबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक राज्य सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच की अहर्ताएं पूरी नहीं कर लेती है.

गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 से शुरू होने वाले थे, लेकिन पटना हाइकोर्ट के निर्णय के आलोक में इस चुनाव को फिलहाल स्थगित करना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी/इबीसी के पिछड़ापन पर आंकड़े जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफारिश के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकायों में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं.

साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीट के पचास फीसदी की सीमा को पार नहीं करें. राज्य सरकार ने पटना हाइकोर्ट में ये पुनर्विचार याचिका दायर करते कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामलें में कई बिंदुओं पर तथ्य रखने के लिए पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की जाए.

ये भी पढ़ें- राजीव नगर जमीन विवाद: रिटायर SP का घर खाली कराने पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक

ये भी पढ़ें- 10 जुलाई को पटना हाईकोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई

पटना: पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने नगर निकाय में आरक्षण मामले में एक पुनर्विचार याचिका दायर की है. इस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की तिथि 19 अक्टूबर, 2022 को की जाएगी. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनील कुमार और अन्य की याचिकाओं पर 29 सितम्बर, 2022 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, इस मामले पर कोर्ट ने 4 अक्टूबर, 2022 को फैसला सुनाया था.

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हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद नगर निकायों के चुनाव स्थगित करना पड़ा था. कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि प्रावधानों के अनुसार ओबीसी/इबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक राज्य सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच की अहर्ताएं पूरी नहीं कर लेती है.

गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 से शुरू होने वाले थे, लेकिन पटना हाइकोर्ट के निर्णय के आलोक में इस चुनाव को फिलहाल स्थगित करना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी/इबीसी के पिछड़ापन पर आंकड़े जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफारिश के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकायों में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं.

साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीट के पचास फीसदी की सीमा को पार नहीं करें. राज्य सरकार ने पटना हाइकोर्ट में ये पुनर्विचार याचिका दायर करते कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामलें में कई बिंदुओं पर तथ्य रखने के लिए पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की जाए.

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Last Updated : Oct 17, 2022, 8:54 PM IST
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