पटनाः खिलाड़ियों के लिए बिहार में राष्ट्रीय स्तर के खेल की व्यवस्था (National level sports system in Bihar) की जाएगी. यह पहल बिहार राज्य खेल विभाग ने किया है. बिहार सरकार के खेल विभाग की ओर से राज्य के 38 जिलों में खेल ग्राउंड तैयार किया जाएगा. जिस जिले में जिस खेल के अधिक खिलाड़ी हैं, वहां पर उस खेल के लिए ग्राउंड बनाया जाएगा. इसकी जानकारी खेल प्राधिकरण के डीजी रविंद्र शंकरण ने दी. 38 जिलों में खेलो इंडिया स्मॉल सेंटर के रूप में काम करेगा.
यह भी पढ़ेंः Women Weightlifting Tournament in Patna: पाटलिपुत्र खेल परिसर में 5 दिवसीय महिला वेट लिफ्टिंग की आज से शुरुआत
कोच की भी होगी नियुक्तिः खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के साथ उपकरण भी दिया जाएगा. जो खिलाड़ी जिले से चयनित होकर आएंगे उनको सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में रखा जाएगा. फिर उनको अच्छी ट्रेनिंग दी जाएगी. उसके बाद उनको राष्ट्रीय स्तर की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा, जिससे कि वह अपनी प्रतिभा दिखाएंगे और प्रतिभा दिखाकर अपनी पहचान बनाएंगे. जो कोच खेलो इंडिया सेंटर में खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देंगे उनको प्रतिमाह 25000 रुपए वेतन दिया जाएगा.
एथलेटिक के लिएः सरस्वती निवास मंझोला मुजफ्फरपुर. स्टेडियम फजलगंज सासाराम, पटेल फील्ड समस्तीपुर, ठाकुरगंज हाई स्कूल किशनगंज, नेहरू स्टेडियम लेहरी सराय दरभंगा और कोसी हाई स्कूल प्लेग्राउंड बीरपुर सुपौल. में एथलेटिक के लिए सेंटर खोला जाएगा, जिसमें खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इस ट्रेनिंग से खिलाड़ी एथलेटिक में अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
कबड्डी और फुटबॉल के लिएः हाई स्कूल अमीन फारबिसगंज, बीपी मंडल इंदौर स्टेडियम. मधेपुरा, मिंटा खेल परिसर मखदुमपुर शेखपुरा, नारायण शाह सीतामढ़ी वार्ड-16 रामपुर, बरहमपुर बक्सर, महात्मा गांधी हाई स्कूल बेगूसराय और बरहमपुर सारण में कबड्डी के लिए सेंटर बनाया जाएगा. वहीं फुटबॉल के लिए महाराजा स्टेडियम बेतिया, जगजीवन स्टेडियम भभुआ कैमूर, श्री कृष्णा सिंह स्टेडियम जमूई और सिवान के लक्ष्मीपुर में सेंटर बनाया जाएगा.
खो-खो और वरेस्टलिंग के लिएः लखीसराय के विलेज पूर्णिया बाजार वार्ड 12 सूरजपुर, आरएचएमटीवी हाईस्कूल बरारी भागलपुर, इनडोर स्टेडियम मुंगेर में खो खो के लिए सेंटर बनाया जाएगा. साथ ही वरेस्टलिंग के लिए कुंवरेधी भोरे गोपालगंज और इनडोर स्टेडियम औरंगाबाद में सेटर बनाया जाएगा. यहां खो खो की ट्रेनिंग दी जाएगी.
अन्य खेल के लिएः वुशु के लिए इंदौर स्टेडियम पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स पटना, अर्चरी के लिए वीर कुवर सिंह स्टेडियम रमना भोजपुर, अर्चरी के लिए खरहरी गया, रग्बी के लिए नालंदा के कपटिया गांव. फेंसिंग के लिए खेल भवन मोतिहारी, वेटलिफ्टिंग के लिए डिस्ट्रिक्ट राजेंद्र स्टेडियम कटिहार में सेंट बनाया जाएगा. वहीं बैडमिंटन के लिए कलेक्टरेट कैंपस अररिया और सहरसा, टेबल टेनिस के लिए खेल भवन वेस्टन स्कूल मधुबनी, हॉकी के लिए गोरौल हॉकी ग्राउंड वैशाली और कोशी कॉलेज हॉकी ग्राउंड खगड़िया में सेंटर बनाया जाएगा.
"जिस जिले में जो खिलाड़ी हैं, कौन से खेल में माहिर हैं, उसके हिसाब से जिले में खेल ग्राउंड तैयार किया जाएगा. खेल ग्राउंड बनाने की प्रक्रिया मई महीने से शुरू हो जाएगी. बिहार के खिलाड़ी जो चैंपियन रहे हैं, उनको कोच के रूप में खेलो इंडिया स्मॉल सेंटर में रखा जाएगा. कोच के द्वारा खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. हर खेल सेंटर में 30 खिलाड़ी रहेंगे, जिसमें 15 लड़के और 15 लड़कियां शामिल रहेंगी. और खेलो इंडिया सेंटर से प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा." - रविंद्र शंकरण, डीजी, खेल प्राधिकरण