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'हम डर के साये में जी रहे हैं.. हमें यूक्रेन से निकालो सरकार, 1 मिनट भी एक दिन के बराबर' - यूक्रेन में फंसे बिहार के एमबीबीएस छात्र

यूक्रेन में फंसे बिहार के सैकड़ों छात्र सरकार से एयरलिफ्ट कराने की गुहार लगा रहे हैं. इन छात्रों का कहना है कि सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है. जिस देश के जरिए हो सके, उन्हें निकालकर उनके परिजनों से मिलवाएं. यूक्रेन-रूस के बीच हालात (Russia ukraine conflict) बहुत खराब हो रहे हैं. जहां देखो आसमान में सिर्फ धुआं ही धुंआ उड़ता दिखाई दे रहा है. यूक्रेन में फंसे छात्रों से ईटीवी भारत ने Exclusive बातचीत की है..

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Published : Feb 25, 2022, 7:39 AM IST

Updated : Feb 25, 2022, 8:54 AM IST

पटना: यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीयों के फंसे होने की खबर है. रूसी हमले के बाद यूक्रेन से विमान सेवाएं बंद (Russia Ukraine War) कर दी गई हैं. ऐसे में वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को भारत के दूतावास से दिलासा दी जा रही है, जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते (Russia declares war on Ukraine) बिहार समेत अन्य राज्यों के मेडिकल छात्र भारत वापसी की गुहार लगा रहे हैं. ईटीवी भारत ने यूक्रेन में फंसे बिहार के छात्रों से बात की. छात्रों ने बताया कि हालात बेहद ही भयावह हो चुके हैं. उनके ऊपर फाइटर जेट और धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है.

ये भी पढ़ें- रूस-यूक्रेन की जंग के बीच पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक, भारतीयों को यूक्रेन से वापस लाना प्राथमिकता

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए छात्रों ने वहां के जो हालात बताए वो चिंता में डालने वाले हैं. इवानो फ्रेंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (Ivano Frankivsk National Medical University) में MBBS की पढ़ाई कर रहे सीवान के छात्र राघवेन्द्र ने बताया कि वो इस माहौल में काफी डरे हुए हैं. उन्हें सरकार जल्द से जल्द एयरलिफ्ट करके भारत बुला ले. उनके पास खाने-पीने की दिक्कत आ रही है. मॉल में सामान खत्म हो गया है. ट्रेन और बस सेवा पर रोक लगी हुई है. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगी हुई है. हम पूरी तरह से यूक्रेन में फंस चुके हैं. हम चाहकर भी वतन वापसी नहीं कर पा रहे हैं.

'हम लोग यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में हैं. सेफ हैं और सुरक्षित हैं. लेकिन, कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. दोपहर में हमारे सिर के ठीक ऊपर से फाइटर जेट उड़ते हुए निकला. बम के धमाकों से पूरा इलाका दहल गया. हम अपने घर स्वदेश वापस जाना चाहते हैं. हमारी भारत सरकार से मांग है कि हमें अपने देश एयरलिफ्ट किया जाए. हमारे माता-पिता युद्ध की भयावहता को लेकर काफी चिंतित हैं'- राघवेन्द्र, एमबीबीएस छात्र, इवानो फ्रेंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी

ये भी पढ़ें- ukraine russia crisis : यूक्रेन में हमलों के बाद भयावह मंजर, रूस के साथ राजनयिक रिश्ते टूटे

वहीं एमबीबीएस के दूसरे छात्र राशिद ने बताया कि हम लगातार यूक्रेन में भारतीय दूतावास से, भारत की सरकार से और नीतीश सरकार से गुहार लगाते रहे. लेकिन हमें समय रहते एयरलिफ्ट नहीं किया गया. हमने अपने गोपालगंज के डीएम को भी चिट्ठी लिखी थी, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया. जब से हम लोगों को पता चला कि यूक्रेन पर रूस हमला करने वाला है, तब से हम लोग दूतावास से वापसी की गुहार लगा रहे हैं. युद्ध के समय में एयरफेयर ज्यादा होने की वजह से हम लोग वतन वापसी नहीं कर पाए.

'यहां पर हम जैसे बहुत से स्टूडेंट फंसे हुए हैं. यूक्रेन में बिहार के लगभग 5 हजार लोग फंसे हुए हैं. अकेले इवान शहर में बिहार के 50 से ज्यादा छात्र हैं. सभी अपने स्वदेश जाना चाहते हैं. लेकिन हम लोग इसी कमरे में सिमट कर रह गए हैं.'- राशिद, एमबीबीएस छात्र, इवानो फ्रेंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी

ये भी पढ़ें- यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कहा, 'व्याकुल न हों, जहां भी हैं, सुरक्षित रहें'

राशिद ने बताया कि हमारी यूनिवर्सिटी का नियम है कि आपकी 100 फीसदी उपस्थिति नहीं रही तो परीक्षा नहीं देने दिया जाएगा. पूरा साल बर्बाद हो जाएगा. हमारी यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन का इंतजाम नहीं किया. इसलिए हम समय रहते जा नहीं पाए. लेकिन अब हालात खराब हो गए हैं. हम घर जाना चाहते हैं. इंडिया का एटीएम कार्ड (फॉरेन कार्ड) एक्सेप्ट नहीं कर रहा है. हमें कैश की प्रॉब्लम हो रही है. नेटवर्क ठप है, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हो नहीं रहे हैं. हम शेयर करके खाना बना और खा रहे हैं.

'अम्मी फोन कर रहीं हैं वो रो रहीं है.. मैंने उन्हें कितना समझाया, मैंने अपनी मां को ये नहीं बताया कि जिस रीजन में हम लोग रह रहे हैं, वहां अटैक हुआ है. ये जानते ही अम्मी घबरा जाएंगी. मैने सिर्फ अपने अब्बू और भाईजान को हालात बताए हैं ताकि वो अपनी ओर से हमें निकालने का प्रयास करें. हमारी सरकार से मांग है कि हमें यहां से निकालें, जिस भी देश से निकाल सकते हैं निकालें, हमें अन्य देश पोलैंड से एयरलिफ्ट किया जा सकता है- दिलशाद इमाम, एमबीबीएस छात्र, इवानो-फ्रैंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, यूक्रेन

ये भी पढ़ें- बिहार सरकार की अपील- यूक्रेन में रह रहे प्रदेश वासियों को लाने का प्रयास जारी, छात्र और अभिभावक ना हों परेशान

हालांकि इस बारे में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों से कहा है कि वर्तमान हालात बेहद अनिश्चित हैं. कृप्या व्याकुल नहीं हों और आप जहां भी हैं सुरक्षित रहें, चाहे घर हो, हॉस्टल हो या कोई अन्य रहने का स्थान अथवा कहीं बीच रास्ते में हों. दूतावास ने कहा कि जो लोग कीव की यात्रा कर रहे हैं जिसमें कीव का पश्चिमी हिस्सा शामिल है, उन्हें अस्थायी तौर पर अपने शहरों को लौटने की सलाह दी जाती है, खास तौर पर सुरक्षित स्थानों पर. दूतावास ने कहा कि यूक्रेन वायु क्षेत्र के नागरिक विमानों के लिये बंद किये जाने के मद्देनजर भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. उसने यह भी कहा कि ऐसी व्यवस्था को अंतिम रूप देते ही दूतावास इसके बारे में जानकारी देगा. भारतीय एंबेसी ने अपनी ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.

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पटना: यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीयों के फंसे होने की खबर है. रूसी हमले के बाद यूक्रेन से विमान सेवाएं बंद (Russia Ukraine War) कर दी गई हैं. ऐसे में वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को भारत के दूतावास से दिलासा दी जा रही है, जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते (Russia declares war on Ukraine) बिहार समेत अन्य राज्यों के मेडिकल छात्र भारत वापसी की गुहार लगा रहे हैं. ईटीवी भारत ने यूक्रेन में फंसे बिहार के छात्रों से बात की. छात्रों ने बताया कि हालात बेहद ही भयावह हो चुके हैं. उनके ऊपर फाइटर जेट और धमाकों की आवाज सुनाई दे रही है.

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ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए छात्रों ने वहां के जो हालात बताए वो चिंता में डालने वाले हैं. इवानो फ्रेंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (Ivano Frankivsk National Medical University) में MBBS की पढ़ाई कर रहे सीवान के छात्र राघवेन्द्र ने बताया कि वो इस माहौल में काफी डरे हुए हैं. उन्हें सरकार जल्द से जल्द एयरलिफ्ट करके भारत बुला ले. उनके पास खाने-पीने की दिक्कत आ रही है. मॉल में सामान खत्म हो गया है. ट्रेन और बस सेवा पर रोक लगी हुई है. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगी हुई है. हम पूरी तरह से यूक्रेन में फंस चुके हैं. हम चाहकर भी वतन वापसी नहीं कर पा रहे हैं.

'हम लोग यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में हैं. सेफ हैं और सुरक्षित हैं. लेकिन, कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. दोपहर में हमारे सिर के ठीक ऊपर से फाइटर जेट उड़ते हुए निकला. बम के धमाकों से पूरा इलाका दहल गया. हम अपने घर स्वदेश वापस जाना चाहते हैं. हमारी भारत सरकार से मांग है कि हमें अपने देश एयरलिफ्ट किया जाए. हमारे माता-पिता युद्ध की भयावहता को लेकर काफी चिंतित हैं'- राघवेन्द्र, एमबीबीएस छात्र, इवानो फ्रेंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी

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वहीं एमबीबीएस के दूसरे छात्र राशिद ने बताया कि हम लगातार यूक्रेन में भारतीय दूतावास से, भारत की सरकार से और नीतीश सरकार से गुहार लगाते रहे. लेकिन हमें समय रहते एयरलिफ्ट नहीं किया गया. हमने अपने गोपालगंज के डीएम को भी चिट्ठी लिखी थी, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया. जब से हम लोगों को पता चला कि यूक्रेन पर रूस हमला करने वाला है, तब से हम लोग दूतावास से वापसी की गुहार लगा रहे हैं. युद्ध के समय में एयरफेयर ज्यादा होने की वजह से हम लोग वतन वापसी नहीं कर पाए.

'यहां पर हम जैसे बहुत से स्टूडेंट फंसे हुए हैं. यूक्रेन में बिहार के लगभग 5 हजार लोग फंसे हुए हैं. अकेले इवान शहर में बिहार के 50 से ज्यादा छात्र हैं. सभी अपने स्वदेश जाना चाहते हैं. लेकिन हम लोग इसी कमरे में सिमट कर रह गए हैं.'- राशिद, एमबीबीएस छात्र, इवानो फ्रेंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी

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राशिद ने बताया कि हमारी यूनिवर्सिटी का नियम है कि आपकी 100 फीसदी उपस्थिति नहीं रही तो परीक्षा नहीं देने दिया जाएगा. पूरा साल बर्बाद हो जाएगा. हमारी यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन का इंतजाम नहीं किया. इसलिए हम समय रहते जा नहीं पाए. लेकिन अब हालात खराब हो गए हैं. हम घर जाना चाहते हैं. इंडिया का एटीएम कार्ड (फॉरेन कार्ड) एक्सेप्ट नहीं कर रहा है. हमें कैश की प्रॉब्लम हो रही है. नेटवर्क ठप है, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हो नहीं रहे हैं. हम शेयर करके खाना बना और खा रहे हैं.

'अम्मी फोन कर रहीं हैं वो रो रहीं है.. मैंने उन्हें कितना समझाया, मैंने अपनी मां को ये नहीं बताया कि जिस रीजन में हम लोग रह रहे हैं, वहां अटैक हुआ है. ये जानते ही अम्मी घबरा जाएंगी. मैने सिर्फ अपने अब्बू और भाईजान को हालात बताए हैं ताकि वो अपनी ओर से हमें निकालने का प्रयास करें. हमारी सरकार से मांग है कि हमें यहां से निकालें, जिस भी देश से निकाल सकते हैं निकालें, हमें अन्य देश पोलैंड से एयरलिफ्ट किया जा सकता है- दिलशाद इमाम, एमबीबीएस छात्र, इवानो-फ्रैंकिव्स्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी, यूक्रेन

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हालांकि इस बारे में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों से कहा है कि वर्तमान हालात बेहद अनिश्चित हैं. कृप्या व्याकुल नहीं हों और आप जहां भी हैं सुरक्षित रहें, चाहे घर हो, हॉस्टल हो या कोई अन्य रहने का स्थान अथवा कहीं बीच रास्ते में हों. दूतावास ने कहा कि जो लोग कीव की यात्रा कर रहे हैं जिसमें कीव का पश्चिमी हिस्सा शामिल है, उन्हें अस्थायी तौर पर अपने शहरों को लौटने की सलाह दी जाती है, खास तौर पर सुरक्षित स्थानों पर. दूतावास ने कहा कि यूक्रेन वायु क्षेत्र के नागरिक विमानों के लिये बंद किये जाने के मद्देनजर भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. उसने यह भी कहा कि ऐसी व्यवस्था को अंतिम रूप देते ही दूतावास इसके बारे में जानकारी देगा. भारतीय एंबेसी ने अपनी ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.

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Last Updated : Feb 25, 2022, 8:54 AM IST
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