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लाचार बेटों ने खुद उठाया कोरोना मरीज पिता का शव, कहां है राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था? - Negligence of Health department team patna

राजधानी पटना में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का दावा है कि पटना में स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे बेहतर है. लेकिन मंत्री के इस दावे की पोल पटना सिटी के इन दो बेबस बेटों ने खोल कर रख दी है.

शव
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Published : Jul 23, 2020, 10:03 AM IST

पटनाः बिहार में स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी के दौर में पूरी तरह असफल साबित हो गया है. आए दिन कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों की दर्द भरी कहानी सामने आ रही है. कोरोना मरीजों के मरने के बाद उनकी सुध भी नहीं ले जा रही है. घंटो शव पड़े रहते हैं. लेकिन उन्हें हटाने और अंत्योष्टि के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती.

होम आइसोलेट में थे कोरोना मरीज
ताजा मामला पटनासिटी चौक थाना क्षेत्र के हर मंदिर गली इलाके का है. जहां 50 वर्षीय कोरोना मरीज की होम आइसोलेशन में रहने के बाद मृत्यू हो गई. उनकी मौत अहले सुबह करीब 4 बजे हुई थी. मौत के बाद परिवार और स्थानीय लोगों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी कि उनके शव को हटाने का प्रबंध किया जाए. लेकिन बिहार की स्वास्थ्य विभाग के कानों तक जूं तक नहीं रेंगी.

पिता के शव के पास दोनों बेटे
पिता के शव के पास दोनों बेटे

11 घंटे के बाद पहुंची स्वास्थ्य एम्बुलेंस
मृतक के दो बेटे ने सभी अधिकारी को फोन लगा-लगाकर सूचना दी. लेकिन 10 घंटे बाद भी स्वास्थ्य विभाग की और से कोई इंतजाम नहीं किया गया. काफी जदोजहद के बाद स्वास्थ्य विभाग ने करीब 11 घंटे के बाद बिना मेडिकल टीम के सिर्फ ड्राइवर सहित एम्बुलेंस भेज दिया. जिसके बाद मृत व्यक्ति के दोनों बेटों संजीव और राजीव ने खुद PPE किट पहनकर अपने मृत पिता को एम्बुलेंस पर लादा और उन्हें ले गए. जबकि उन्हें ये भी पता नहीं है कि कोरोना संक्रमित मृत मरीजों की अंत्योष्टि कहां होती है.

शव को लाते परिजन
शव को लाते परिजन

ये भी पढ़ेंः पटनासिटी के हरमंदिर गली में 10 घंटे तक यूं ही पड़ा रहा कोरोना संक्रमित का शव

बिना कीट पहने पहुंचा एम्बुलेंस का ड्राइवर
मृतक के दोनों बेटों ने अपनी इस बेबेसी का वीडियो बनाकर वायरल किया है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि मृतक के दोनों बेटे कैसे पीपीई किट पहनकर अपने पिता को घर से लेकर एम्बुलेंस तक लाए और फिर गाड़ी में सवार किया. संक्रमण फैलने के डर से कोई उनकी मदद भी नहीं कर पा रहा था. एम्बुलेंस लेकर आया ड्राइवर भी बिना कीट के पहुंचा था. उसने बताया कि उसे आने के लिए पता दिया गया था और वह एम्बुलेंस लेकर आ गया. उसके साथ विभाग की कोई टीम नहीं आई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय दावा निकला खोखला
बता दें कि पॉजिटिव मरीजों का शव लेने के लिए खुद स्वास्थ विभाग की टीम आती है. लेकिन राजधानी पटना में मरीज की मौत के बाद शव को लाने के लिए सिर्फ एम्बुलेंस भेज दी जाती है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण एक शव को उठाने में करीब 14 घंटे लग जाते हैं. वो भी बिना किसी मेडिकल टीम के परिजन खुद शव को उठा रहे हैं. इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय दावा करते हैं कि पूरे बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे बेहतर है.

पटनाः बिहार में स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी के दौर में पूरी तरह असफल साबित हो गया है. आए दिन कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों की दर्द भरी कहानी सामने आ रही है. कोरोना मरीजों के मरने के बाद उनकी सुध भी नहीं ले जा रही है. घंटो शव पड़े रहते हैं. लेकिन उन्हें हटाने और अंत्योष्टि के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती.

होम आइसोलेट में थे कोरोना मरीज
ताजा मामला पटनासिटी चौक थाना क्षेत्र के हर मंदिर गली इलाके का है. जहां 50 वर्षीय कोरोना मरीज की होम आइसोलेशन में रहने के बाद मृत्यू हो गई. उनकी मौत अहले सुबह करीब 4 बजे हुई थी. मौत के बाद परिवार और स्थानीय लोगों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी कि उनके शव को हटाने का प्रबंध किया जाए. लेकिन बिहार की स्वास्थ्य विभाग के कानों तक जूं तक नहीं रेंगी.

पिता के शव के पास दोनों बेटे
पिता के शव के पास दोनों बेटे

11 घंटे के बाद पहुंची स्वास्थ्य एम्बुलेंस
मृतक के दो बेटे ने सभी अधिकारी को फोन लगा-लगाकर सूचना दी. लेकिन 10 घंटे बाद भी स्वास्थ्य विभाग की और से कोई इंतजाम नहीं किया गया. काफी जदोजहद के बाद स्वास्थ्य विभाग ने करीब 11 घंटे के बाद बिना मेडिकल टीम के सिर्फ ड्राइवर सहित एम्बुलेंस भेज दिया. जिसके बाद मृत व्यक्ति के दोनों बेटों संजीव और राजीव ने खुद PPE किट पहनकर अपने मृत पिता को एम्बुलेंस पर लादा और उन्हें ले गए. जबकि उन्हें ये भी पता नहीं है कि कोरोना संक्रमित मृत मरीजों की अंत्योष्टि कहां होती है.

शव को लाते परिजन
शव को लाते परिजन

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बिना कीट पहने पहुंचा एम्बुलेंस का ड्राइवर
मृतक के दोनों बेटों ने अपनी इस बेबेसी का वीडियो बनाकर वायरल किया है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि मृतक के दोनों बेटे कैसे पीपीई किट पहनकर अपने पिता को घर से लेकर एम्बुलेंस तक लाए और फिर गाड़ी में सवार किया. संक्रमण फैलने के डर से कोई उनकी मदद भी नहीं कर पा रहा था. एम्बुलेंस लेकर आया ड्राइवर भी बिना कीट के पहुंचा था. उसने बताया कि उसे आने के लिए पता दिया गया था और वह एम्बुलेंस लेकर आ गया. उसके साथ विभाग की कोई टीम नहीं आई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय दावा निकला खोखला
बता दें कि पॉजिटिव मरीजों का शव लेने के लिए खुद स्वास्थ विभाग की टीम आती है. लेकिन राजधानी पटना में मरीज की मौत के बाद शव को लाने के लिए सिर्फ एम्बुलेंस भेज दी जाती है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण एक शव को उठाने में करीब 14 घंटे लग जाते हैं. वो भी बिना किसी मेडिकल टीम के परिजन खुद शव को उठा रहे हैं. इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय दावा करते हैं कि पूरे बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे बेहतर है.

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