पटना: प्रदेश में 16 मार्च से 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों का कोरोना टीकाकरण अभियान (Children Corona Vaccination Campaign) शुरू हुआ और इस अभियान को शुरू हुए 1 सप्ताह से अधिक समय हो गया है. लेकिन अभियान सुस्त (slow pace of vaccination of children in bihar) पड़ा हुआ है. इस आयु वर्ग के 56 लाख बच्चों में से 4.96 लाख बच्चों का ही अब तक वैक्सीनेशन हो पाया है. राजधानी पटना में इसकी संख्या लगभग सात हजार के करीब है. हालांकि बीते दो दिनों में बच्चों के वैक्सीनेशन की रफ्तार में गति आई है, लेकिन फिर भी गति कम है.
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स्कूलों में लगाया जाएगा कैंप: ऐसे में स्वास्थ्य विभाग इस अभियान को गति देने के लिए शनिवार 26 मार्च से राजधानी पटना में स्कूलों में कैंप लगाकर टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रहा है. केयर इंडिया की टीकाकरण वैन स्कूलों में जाएगी और वैन में मौजूद कर्मचारी वहीं कैंप लगाकर वैक्सीनेशन का काम करेंगे. पटना में चल रहे तीन 24x7 वैक्सीनेशन सेंटर के इंचार्ज मानसून मोहंती ने बताया कि 12 से 14 वर्ष के बच्चों का जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ, उस समय विद्यालयों में एनुअल परीक्षाएं चल रही थी. इस वजह से अभिभावकों ने अपने बच्चों को टीका नहीं लगवाया.
बच्चों से लेकर अभिभावकों तक में वैक्सीन को लेकर उदासीनता: उन्होंने कहा कि परीक्षा के बीच में अभिभावकों ने टीका लगवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसके पीछे का कारण था कि कहीं बच्चे को बुखार हो गया तो फिर परीक्षा में मुसीबत आ जाएगी. लेकिन अब बीते 2 दिनों से अभियान ने गति पकड़ी है और अब शनिवार से उनकी टीम पटना के विद्यालयों में घूम घूम कर वैक्सीनेशन वैन के माध्यम से टीकाकरण का स्पेशल ड्राइव आयोजित करेगी. इसके माध्यम से स्कूलों के उन सभी बच्चों का वैक्सीनेशन होगा जो वैक्सीनेशन के दायरे में आते हैं. 12 से 14 एज ग्रुप के वैक्सीनेशन के साथ साथ 14 वर्ष से बड़े उम्र के बच्चों का भी वैक्सीनेशन होगा जो अब तक वंचित हैं या फिर जिनका दूसरा डोज लेने का समय आ गया है. सभी विद्यालयों से बातचीत चल रही है और लक्ष्य है कि 10 अप्रैल तक सभी विद्यालयों में टीकाकरण वैन भेज कर सभी स्कूलों के बच्चों का टीकाकरण कंप्लीट कराया जाए.
क्यों पड़ी वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी: वहीं पटना जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर एसपी विनायक ने बताया कि टीकाकरण अभियान अभी थोड़ा सुस्त है, इसकी दो प्रमुख वजह है. पहला यह कि एनुअल एग्जाम के बाद स्कूल बंद हो गए हैं. ऐसे में विद्यालयों में बच्चे नहीं हैं. कैंप लगाकर बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है. वहीं दूसरा वजह है कि 12 से 14 वर्ष के बच्चों को कार्बोवैक्स वैक्सीन का वैक्सीनेशन हो रहा है. इसका एक वायल 20 डोज का है. ऐसे में स्वास्थ्य केंद्रों पर चल रहे वैक्सीनेशन साइट पर दो से तीन की संख्या में बच्चे पहुंच रहे हैं. वैक्सीन का डोज बर्बाद ना हो इस वजह से वायल नहीं खुल पा रहा है और बच्चों को टीका नहीं लग रहा है.
कम बच्चों के लिए नहीं खोली जा रही वायल की बोतल: उन्होंने बताया कि वायल खुलने के बाद 4 घंटे के अंदर सभी डोज कंप्लीट करना पड़ता है नहीं तो डोज बर्बाद हो जाता है. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एस पी विनायक ने लोगों से अपील किया कि यदि उनके बच्चे वैक्सीनेशन सेंटर पर जा रहे हैं वैक्सीन लगवाने के लिए, तो वह एक ग्रुप में वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंचे ताकि बच्चों की संख्या अधिक होगी तो वायल खुलने में आसानी होगी. बच्चों को टीका भी लग जाएगा.
"1 अप्रैल से पटना के लगभग सभी विद्यालय खुल जा रहे हैं. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि 1 अप्रैल के बाद वैक्सीनेशन की गति और तेज हो जाएगी और जल्द ही लक्ष्य को कंप्लीट किया जाएगा. बच्चों के वैक्सीनेशन का टारगेट स्कूलों में ही कैंप लगाकर जल्दी कंप्लीट किया जा सकता है क्योंकि कई बार अभिभावकों को भी समय का अभाव होता है कि वह अपने बच्चे को वैक्सीनेशन सेंटर ले जाएं और उन्हें टीका लगवाए. स्कूलों में जब वैक्सीनेशन शुरू होगा तो संख्या के हिसाब से वैक्सीन का डोज जाएगा और वायल खुलने का इंतजार बच्चों को वैक्सीनेशन के लिए नहीं करना पड़ेगा."- डॉक्टर एसपी विनायक, पटना जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
अब तक का आंकड़ा: पटना में 12 से 14 वर्ष के बच्चों की संख्या 295166 है. 15 से 17 वर्ष के बच्चों के टीकाकरण के बारे में जानकारी देते हुए डॉ एसपी विनायक ने बताया कि पटना में ऐसे बच्चों की संख्या 4.93 लाख है जिसमें 291231 ने टीके का पहला डोज कंप्लीट किया है. इनका 60 फीसदी यानी की 174740 को टीके का दूसरा डोज भी पड़ चुका है. उम्मीद की जा रही है कि राजधानी पटना में स्कूलों में कैंप लगाकर टीकाकरण अभियान शुरू करने से वैक्सीनेशन की रफ्तार जोर पकड़ेगी.
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